अभी सभी सनातनियों ने "महाग्रंथ रामायण" के मंचन का आनन्द लिया। इसमें एक पात्र था रावण का भाई विभीषण। ये वही विभीषण है जो रावण की मृत्यु का मुख्य कारण था। ठीक वही भूमिका LoP राहुल गाँधी निभाने के असफल प्रयास कर रहे हैं। रावण को तो पुरुषोत्तम श्रीराम के धरती पर आगमन से पहले ही मालूम था। विभीषण तो मात्र एक तिनका था। आज रावण का फिर भी सम्मान के साथ नाम लिया जाता है लेकिन विभीषण का नहीं। राहुल के लिए स्थिति एकदम विपरीत होने वाली है। भारत की जनता भी समझ रही है कि राहुल तो क्या पूरी कांग्रेस ही बहुत जल्दी एक इतिहास बनने जा रही है, जिसे कोई परिवारभक्त भी बचाने वाला। जिस का मुख्य कारण है सरकार के कामों में कमी बताने की बजाए भारत विरोधियों की गोदी में बैठ दुष्प्रचार कर देश को अपमानित करना।
मतलब उसने साफ़ कह दिया कि वह किसी भी कीमत पर देश में लोकतंत्र को ख़त्म करके रहेगा क्योंकि लोकतंत्र बचाना उसका काम नहीं है। वोट चोरी रोकने का ढोल पीटता हुआ विदेशियों को न्योता दे रहा है कि उसे भी मोहम्मद यूनुस की तरह गद्दी पर बिठा दो क्योंकि जनता तो मुझे कभी प्रधानमंत्री बनाएगी नहीं।
इस वोट चोरी का आरोप लगाने वाले को याद नहीं है कि उसकी दादी भ्रष्टाचार से प्रधानमंत्री बनी और जब कोर्ट ने उसे गद्दी से हटा दिया तो अपनी ही वोट चोरी नहीं की प्रधानमंत्री बने रहने के लिए बल्कि पूरी संसद पर डकैती मार लोकतंत्र का ही बलात्कार कर दिया और पोता गाना गा रहा है लोकतंत्र को बचाने का।
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लेखक चर्चित YouTuber |
अब कोलम्बिया में राहुल गांधी ने फिर से भारत में लोकतंत्र पर हमला होने का आरोप लगाया है। कोलम्बिया world's leading producer of cocaine और ड्रग कार्टल्स के लिए कुख्यात है जहां खड़े होकर राहुल गांधी भारत में लोकतंत्र बचाने की गुहार लगा रहा है और चीन की तारीफ कर रहा है।
पिछले दिनों राहुल गांधी पर बनारस में एक सज्जन नागेश्वर मिश्रा ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में उसके अमेरिका में सिखों की भारत में असुरक्षा को लेकर दिए बयान पर FIR दर्ज करने की मांग की लेकिन कोर्ट ने नवम्बर, 2024 में यह कहते हुए ख़ारिज कर दी कि विदेश में दिए हुए भाषण पर हम संज्ञान नहीं ले सकते। वह व्यक्ति Revisional Court चला गया जिसने 21 जुलाई, 2025 को मजिस्ट्रेट कोर्ट को पुनर्विचार के आदेश दिए गए जिसके खिलाफ राहुल गांधी इलाहाबाद हाई कोर्ट चला गया।
मतलब यह हुआ कि देश और देश के बाहर जो मर्जी देश के खिलाफ बोलना है लेकिन जब मुकदमा दर्ज हो जाए तो बहाने बना कर छूटने की कोशिश करनी है। जब सिखों की भारत में दुर्दशा बता रहा था अमेरिका में तो केस से भागता क्यों है और साबित कर कि जो कहा, वह सही कहा। वैसे चुनाव आयोग के कहने पर वोट चोरी के आरोपों के लिए हलफनामा नहीं दे रहा था कि उसने तो एक बार सांसद की शपथ ले ली है, अब किसी हलफनामे की जरूरत नहीं है, तो क्या सिखों पर दिए बयान के लिए भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में बिना Affidavit दिए अपील दायर कर दी होगी।
हर जगह देश के खिलाफ भौंकने वालों का दुर्भाग्य देखिए कि ट्रंप ने भारत की Economy Dead बता दी तो तालियां बजाने लगा लेकिन मात्र 2 महीने के अंदर ट्रंप को Shut Down लगाना पड़ गया और अमेरिका के पास सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे भी नहीं बचे जबकि 2 दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि I Love Tarrif, US is becoming Rich.
जिस दिन चिदंबरम ने बम फोड़ा कि अमेरिकी दबाव में मनमोहन सिंह सरकार ने पाकिस्तान से 26/11 का बदला नहीं लिया, उसके 2 दिन बाद राहुल गांधी कोलंबिया में लोकतंत्र का रोना रोने लगा जिससे कोई सवाल न पूछ ले 26/11 के लिए।
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