एक तरफ जहाँ RSS अपनी स्थापना के 100 साल मना रहा है, लेकिन इन वर्षों में केरल राज्य में RSS-BJP कार्यकर्ताओं पर हत्याओं का दौर नहीं थम रहा। जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार संघ ने अन्य राज्यों के मुकाबले केरल में बहुत काम किया है उसके बावजूद जनता का समर्थन नहीं मिलना चिंता की बात है। अगर यही स्थिति बीजेपी शासित राज्यों में हो रही होती सारा विपक्ष विधवा विलाप करता नज़र आ रहा होता। क्या केरल की जनता वामपंथियों के दबाव में रहती है? शायद यही वजह है कि बीजेपी कहीं मुकाबले में नज़र नहीं आती, जबकि जिन राज्यों में संघ ने काम किया है बीजेपी ने अपने विरोधियों को टक्कर दी है। केरल की जनता कब संघ के कार्यों की कदरदान होकर वामपंथियों को नाकों चबाने को मजबूर करेगी?
बीते कई दशकों से वामपंथियों का गढ़ रहे केरल में राजनीति का आधार ही नफरत की बुनियाद पर टिका है। केरल में आए दिन बीजेपी-आरएसएस कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक दुश्मनी के चलते अत्याचार किए जा रहे हैं। यहां तक कि लेफ्ट लिबरल गैंग द्वारा उन्हें मौत का घाट भी उतारा जा रहा है। लेकिन पी.विजयन की वामपंथी सरकार मौन होकर सारा तमाशा देख रही है। बल्कि अगर यह कहा जाए कि वह हत्यारों को प्रोत्साहित कर रही है, तो कोई अतिश्योक्ति ना होगी। वामपंथियों की इस ‘हेट थ्योरी‘ के तहत माताओं-बहनों और मासूम बच्चों तक को नहीं बख्शा जा रहा है। इतना ही नहीं हर साल लगभग 2-3 हजार लड़कियों को जबरन इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है। इस तरह ऐसी लड़कियों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। बर्बर हिंसा और धर्मांतरण के बावजूद राज्य मानवाधिकार आयोग, ओबीसी आयोग एससी-एसटी आयोग, न्यायालय अब तक चुप क्यों है? आखिर हेट थ्योरी की बुनियाद पर खड़ी केरल की राजनीतिक विरासत को इसकी सजा क्यों नहीं मिलनी चाहिए?
लव जिहाद में फंसाकर 32 हजार लड़कियों को इस्लाम में धकेला गया
सुरक्षा एजेंसी की एक जांच के अनुसार, 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 हिंदू और ईसाई समुदायों की लड़कियों को लव जिहाद में फंसाया गया और फिर इस्लाम में परिवर्तित किया गया। पहले इन्हें लव जिहाद के ट्रैप में फंसाया गया, उसके बाद धर्मांतरण कर मुसलमान बना दिया गया। ये लड़कियां नर्स बनकर अपना जीवन सुखमय बिताना चाहती थीं लेकिन अब वह आतंकवादी बना दी गई हैं। वर्ष 2021 में सिट्टी मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा था कि केरल से 32,000 लड़कियों के गायब होने के ये आंकड़े उनके नहीं हैं। वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के साथ अपनी बातचीत के आधार पर केरल में हिंदू और ईसाई लड़कियों के 32,000 जबरन धर्मांतरण की संख्या तक पहुंचे। सेन के अनुसार, ओमन चांडी ने कहा था कि “हर साल लगभग 2,800 से 3,200 लड़कियों को जबरन इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है। इस तरह 10 साल में ये संख्या 32,000 तक पहुंच गई।बड़ा सवाल यह है कि क्या आरएसएस कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जाना किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है? बीजेपी-आरएसएस पर फासीवाद, हिटलरशाही, साम्प्रदायिक से लेकर असहिष्णुता तक के आरोप लगाने वाली लेफ्ट लिबरल गैंग, वामपंथी औप पीएफआई का इन हत्याओं पर मौन संघ के प्रति हिंसक हमलों का समर्थन है? क्या राष्ट्रवाद की विचारधारा के विस्तार और उसके बढ़ते प्रभाव से वामपंथी और कांग्रेसी बौखलाए हुए हैं? क्या तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सियासी जमात अब राष्ट्रवाद की विचारधारा को हिंसा से रोकने की कोशिश में लगी है? क्या राष्ट्रवादी अपनी बहनों को लव जिहाद के जाल में फंसते देख मौन रह सकते हैं, जिन्हें मुसलमान बनाने के बाद सीरिया, अफगानिस्तान के आतंकवादी संगठनों आईएसआईएस और हक्कानी जैसे आतंकवादी संगठनों के हवाले कर दिया है।
केरल के कन्नूर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोप में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के दो कार्यकर्ताओं और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की जानकारी के मुताबिक आरएसएस कार्यकर्ता, जिसकी पहचान शाजू के रूप में हुई है, पर एक मंदिर उत्सव में जाते समय हमला किया गया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189(2), 191(2), 191(3), 126(2), 118(1), 109(1), 351, 190 के तहत हत्या के प्रयास, चोट पहुँचाने, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने, दंगा करने और घातक हथियार रखने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।
कन्नूर ज़िले के पय्यान्नूर के पास करिवेल्लूर में छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक दिवस (हिंदू साम्राज्य दिवस) समारोह के दौरान 100 से ज़्यादा सीपीएम कार्यकर्ताओं ने एक घर को घेर लिया । कार्यक्रम में आए भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और दंगा भड़काने के लिए उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गई। यह घटना 20 जून को शाम 7 बजे कुनियान में हुई। यह कार्यक्रम भाजपा मंडल समिति के सदस्य कुंदथिल बालन के घर पर आयोजित किया गया था और इसमें लगभग 20 लोग शामिल हुए थे। 100 से ज़्यादा सीपीएम कार्यकर्ताओं ने घर को घेर लिया और तीन घंटे तक धमकी भरे नारे लगाए। स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप करके रात लगभग 10 बजे आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल लोगों को बचाया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता श्रीनिवासन की हत्या 16 अप्रैल 2022 को पलक्कड़ जिले में हुई थी। आरएसएस कार्यकर्ता (Palakkad Sreenivasan murder case) की हत्या मामले में 17 पीएफआई आरोपियों पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में साम्प्रादायिक हिंसा भड़काने के भी आरोप लगे। बाद में हाईकोर्ट ने इनको बेहद सख्त शर्तों के साथ जमानत दी।
केरल के अलाप्पुझा के वायलार ग्राम पंचायत के नागमकुलंगरा में 22 वर्षीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शाखा मुख्य शिक्षक आर. नंदू उर्फ नंदू कृष्णा की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के गुंडों ने हत्या कर दी थी। रिपोर्टों के अनुसार, एसडीपीआई ने केरल के अलप्पुझा जिले के वायलार क्षेत्र में एक रैली निकाली और भाजपा नेताओं के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए। इसके बाद दोनों समूहों के बीच झड़प हो गई। झड़प के दौरान, नंदू की हत्या कर दी गई। झड़प में छह अन्य घायल हो गए। भाजपा/आरएसएस ने 25 फरवरी को जिले भर में हड़ताल की।
केरल में 2021 को भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की बेहरमी से हत्या कर दी गई थी। पीएफआई वर्कर्स ने श्रीनिवासन की पत्नी, मां और बच्चे के सामने ही उनके अलाप्पुड़ा स्थित घर में बेरहमी से मार दिया था। श्रीनिवास की जब हत्या की गई, तब वह बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव भी थे। तीन साल बाद 2024 में केरल की एक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। PFI के 15 एक्टिविस्ट को सजा-ए- मौत की सजा दी है। पीएमआई कार्यकर्ताओं को मौत का यह सजा भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में सुनाई गई है। रंजीत श्रीनिवासन आरएसएस से बीजेपी में आए थे और पेशे से वकील थे।
कन्नूर के थालास्सेरी-कोट्टियूर मार्ग पर कन्नवम के पास कोमेरी में एक आरएसएस कार्यकर्ता की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। चित्तरिप्परम्बा निवासी और रवींद्रन के पुत्र, आरएसएस की 17वीं मील शाखा के मुख्य शिक्षक 24 वर्षीय श्यामा प्रसाद की कोमेरी स्थित बकरी फार्म के पास नकाबपोश कार में आए एक गिरोह ने हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि गिरोह ने बाइक चला रहे श्यामा का पीछा किया। कोमेरी में, कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी और वह गिर पड़े। हमलावरों से बचने के लिए, वह सड़के किनारे एक घर में भागे, लेकिन हमलावरों ने घर के सामने ही उन्हें मार डाला।
त्रिशूर में बाइक से आईटीआई कॉलेज से लौटते समय आरएसएस कार्यकर्ता आनंदन की चार सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने बेरहमी से पिटाई कर दी। इसमें आनंदन बेहद गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हमलावरों में एक की पहचान नेनमेनी के रूप में हुई। हत्या करने के बाद हमलावर फरार हो गए।
केरल के त्रिवेंद्रम में एक हिस्ट्रीशीटर की अगुवाई वाले गिरोह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता राजेश की शनिवार की रात धारदार हथियार से हत्या कर दी। राजेश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कार्यवाह के पद पर था। पुलिस के मुताबिक राजेश शाखा से लौट रहा था। इस दौरान श्रीकरयम में 6 लोगों ने उसे घेर लिया। टू-व्हीलर पर सवार राजेश पर धारदार हथियार से हमले किए गए। जिसमें ई राजेश की बेरहमी से श्रीकरियम में सरेआम हत्या कर दी गई।
संतोष (कन्नूर) – 18 जनवरी, 2017 की रात घर में अकेला पाकर सीपीएम के गुंडों ने चाकूओं से गोदकर संतोष की हत्या कर दी। पुलिस को जानकारी मिलने पर अस्पताल ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले संतोष की मौत हो गई।
सी. राधाकृष्णन (पलक्कड़) – 28 दिसंबर, 2016 को सीपीएम कार्यकर्ताओं ने कोझिकोड के पलक्कड़ में 44 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता सी. राधाकृष्णन को उनके ही घर में जिंदा जलाने की कोशिश हुई। उनके घर के सामने खड़ी उनकी बाइक में पहले आग लगाई। फिर घर में गैस का छिड़काव करके घर में आग लगा दी। इस आगजनी में सी राधाकृष्णन सहित दो परिजन और बुरी तरह से झुलस गए। त्रिस्सुर जुबली मिशन हॉस्पिटल में 6 जनवरी, 2017 को उपचार के दौरान सी. राधाकृष्णन की मौत हो गई।
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