कांग्रेस नेता के असम में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाने पर हंगामा, बीजेपी बोली- इनका असली एजेंडा ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ है: Video हुआ वायरल

                    कांग्रेस की बैठक में गाया गया बांग्लादेश का राष्ट्रगान (फोटो: X/Ashok Singhal)
असम में कांग्रेस नेता के द्वारा एक बैठक में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गान गाए जाने को लेकर विवाद हो गया है। असम के श्रीभूमि जिले के कांग्रेस सेवा दल की बैठक में सोमवार(27 अक्टूबर 2025) को वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिधु भूषण दास ने सार्वजनिक मंच पर बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ गा दिया।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिधु भूषण दास द्वारा बांग्लादेश के राष्ट्रगान को गाना एक सोंची-समझी सियासत है। पाकिस्तान के साथ-साथ अब बांग्लादेश की गोद में बैठने की तैयारी हो चुकी है। यानि जहाँ-जहाँ हिन्दुओं का दमन किया जा रहा है उस देश को कांग्रेस गले लगा रही है।     

यह घटना करीमगंज (श्रीभूमि) के इंदिरा भवन में हुई, जहाँ सेवा दल की कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी। दास ने भाषण की शुरुआत ही ‘आमार सोनार बांग्ला’ गाकर की। यह सुनते ही वहाँ मौजूद लोग हैरान रह गए।

वीडियो सोशल मीडिया पर पहुँचा तो असम के मंत्री कृष्णेंदु पॉल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस कुछ भी कर सकती है। उस पार्टी में सब कुछ अजीब है, उन्हें तो यह भी नहीं पता कि कब क्या गाना है।”

असम के कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने X पर दास का वीडियो शेयर कर लिखा, “असम के श्रीभूमि में कांग्रेस की एक बैठक में बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ गाया गया, वही देश जो पूर्वोत्तर को भारत से अलग करना चाहता है!”

उन्होंने आगे कहा, “अब यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने दशकों तक असम में अवैध मिया घुसपैठ को क्यों अनुमति दी और प्रोत्साहित किया और इसका मकसद वोट बैंक की राजनीति के लिए राज्य की जनसांख्यिकी को बदलना और ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का निर्माण करना था।”

कांग्रेस ने दी सफाई

कांग्रेस की ओर से हमेशा की तरह इस बार भी लीपापोती शुरू हो गई है। करीमगंज कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख शहादत अहमद चौधरी ने बचाव करते हुए कहा है कि वह रवीन्द्र संगीत गा रहे थे। शहादत ने कहा, “दास ने तो बस एक रवीन्द्र संगीत गाया था, कोई राष्ट्रगान नहीं। वह हर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराते हैं।”

यह वही गीत है जिसे रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान लिखा था और इसे आज बांग्लादेश अपने राष्ट्रीय गीत के रूप में गाता है। कांग्रेस भले ही इस पर सफाई दे लेकिन कई सवाल जरूर इससे खड़े हुए हैं।

अब जब वही गीत आज बांग्लादेश का राष्ट्रगान है तब सार्वजनिक मंच पर उसे गाना क्या देश की गरिमा का अपमान नहीं है? लोग अब यह भी पूछ रहे हैं कि फिर तो कल को कोई पाकिस्तान का राष्ट्रगान भी किसी की रचना बताकर गाना शुरू कर देगा।

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