असम : मुसलमान भी नहीं कर सकेंगे दूसरा निकाह, कैबिनेट ने ‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक-2025’ को दी मंजूरी: कानून तोड़ने पर होगी 7 साल तक की जेल


असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार (9 नवंबर 2025) को बताया कि राज्य कैबिनेट ने ‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के तहत राज्य में बहुविवाह (एक से अधिक शादी) को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और दोषी पाए जाने पर सात साल तक की कठोर कारावास की सजा का प्रावधान होगा।

मुस्लिम वोटबैंक को खुश करने INDI गठबंधन मोदी और योगी को ही निशाने पर रखे हुए हैं, लेकिन नहीं मालूम कि बीजेपी में न जाने मोदी-योगी पैदा हो चुके हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले भी मोदी-योगी से कम नहीं। अगर कांग्रेस ने परिवार गुलामों की बजाए इन्हीं नेताओं को आगे रखा होता कांग्रेस की इतनी दुर्दशा नहीं होती। परन्तु शुरू से कांग्रेस को जरुरत रही है गुलामों की और पार्टी गुलामों पर आश्रित रहती है उस पार्टी का भविष्य अंधकारमय ही होता है। इस श्रेणी में कांग्रेस ही नहीं और भी पार्टियां है। जो पार्टी जनता की नब्ज नहीं पढ़ सकती उससे देशहित के बारे में सोंचना भी मूर्खता होगी। वोटबैंक तुष्टिकरण में नहीं देख पा रहे कि लहर किस तरफ जा रही है। देश से तुष्टिकरण नीति का बहुत जल्दी सफाया होने वाला है।       

खैर, सरमा ने बताया कि यह विधेयक आगामी 25 नवंबर 2025 को विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए कानून के लागू होने के बाद, बहुविवाह के मामलों में गैर-जमानती अपराध के रूप में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार बहुविवाह से पीड़ित महिलाओं के लिए मुआवजे का एक विशेष कोष स्थापित करेगी, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता दी जा सके।

सीएम सरमा ने कहा, “हम चाहते हैं कि कोई भी महिला इस स्थिति में आर्थिक तंगी का सामना न करे, इसलिए सरकार उनकी मदद के लिए आगे आएगी।” हालाँकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों और जनजातीय समुदायों पर लागू नहीं होगा।

इस दौरान उन्होंने राज्य में जनसंख्या वृद्धि के रुझानों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मेरे पास 2001 से 2011 के बीच हिंदू और मुस्लिम आबादी की वृद्धि के आँकड़े हैं। आप देखेंगे कि हर जगह हिंदू आबादी की वृद्धि कम हो रही है और असम के हर ब्लॉक में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। हमने जमीन बिक्री की अनुमति की भी जाँच शुरू कर दी है।”

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