दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके की जाँच अब मध्य प्रदेश के महू तक पहुँच गई है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टरों की टेरर मॉड्यूल में संलिप्तता सामने आने के बाद एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी। इसी कड़ी में महू पुलिस ने यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद सिद्दीकी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है।
खुद को शेयर ट्रेडिंग का बिजनेसमैन बताकर रह रहा था हमूद
हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने बाकायदा नियम कानून और संविधान में संशोधन करके फरीदाबाद की बेशकीमती 60 एकड़ जमीन को बहुत कम कीमत में एक ठग और फ्रॉड जवाद अहमद सिद्दीकी को जो कि मध्य प्रदेश में फ्रॉड करके भागा था उसे दे दिया और इतना ही नहीं हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने माइनॉरिटी विकास योजना के अंतर्गत यहां इस्लामिक यूनिवर्सिटी बनाने के लिए 60 करोड रुपए भी अलॉट किए, सोचिए जो कांग्रेस अदानी को जमीन देने पर छाती कूटती है वहीं कांग्रेस किस तरह से आतंक के अड्डे बनाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि पूरे 60 एकड़ जमीन देती है। इस अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर एक विशाल मस्जिद बनी है और उस मस्जिद के इमाम के घर पर ही आतंकी मुजम्मिल शकील रहता था। पुलिस ने मस्जिद के इमाम को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, मुजम्मिल शकील के परिवार वाले कह रहे हैं कि मेरे डॉक्टर बेटे को उसे इमाम ने ही ब्रेनवॉश करके आतंकी बनाया होगा।
अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो समय के साथ पता लग ही जाएगा क्योंकि भारतीय एजेंसियों ने जावेद को भी अपनी यूनिवर्सिटी के संपूर्ण दस्तावेज और लेनदेन के खातों सहित पूछताछ के लिए बुला लिया है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जमीन के बारे में कई आरोप लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह जमीन मात्र 100 रूपए में दी थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। यूनिवर्सिटी की जमीन की जांच शुरू हो गई है, जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि जमीन का कितना हिस्सा उपयोग किया, किसने और कितने पैसे में जमीन बेची गई, और इसमें किस-किस का हाथ है।
जांच में यह भी पता चला है कि यूनिवर्सिटी ने जमीन खरीदने में कई नियमों का उल्लंघन किया है, जिसमें रास्तों पर कब्जा करना और किसानों को दबाव में लाकर जमीन बेचने के लिए मजबूर करना शामिल है।
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