संजौली मस्जिद में स्थानीय से ज्यादा होते हैं बाहरी नमाजी, टीले से शुरू होकर अवैध तरीके से बनी बहुमंजिला इमारत: ऑपइंडिया की ग्राउंड रिपोर्ट

                                                          अवैध रूप से बनी शिमला की संजौली मस्जिद
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सटे संजौली में बने अवैध मस्जिद को हटाने के लिए स्थानीय हिन्दू आंदोलन कर रहे हैं। हिन्दू संघर्ष समिति का कहना है कि शिमला नगर निगम और सेशंस कोर्ट के आदेश के बावजूद हिमाचल की कॉन्ग्रेस सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। दरअसल सेशंस कोर्ट ने मस्जिद को अवैध घोषित कर ध्वस्तीकरण का आदेश दे चुका है। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद यहाँ नमाज पढ़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जा रही है।

ऑपइंडिया की टीम शिमला के अवैध मस्जिद स्थल पर पहुँची और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद जानेवाले नमाजी राह चलती हिन्दू बहन-बेटियों को छेड़ते हैं। मस्जिद जाने का एकमात्र रास्ता हिन्दू आबादी वाले इलाके से होकर जाता है। ऐसे में नमाज अदा करने आने वाले नमाजी मस्जिद के आस-पास रहनेवाले हिन्दू घरों में ताक झाँक करते हैं। घर से बाहर निकल रही बहन-बेटियों को कमेंट करते हैं। उनका निकलना दुश्वार हो जाता है, खासकर शुक्रवार को जम्मू की नमाज के वक्त।

ऑपइंडिया ने मस्जिद जाकर इमाम से भी बातचीत करने और अपना पक्ष रखने को कहा। काफी मेहनत के बावजूद न तो मस्जिद कमेटी का कोई सदस्य बोलने को तैयार हुआ और न ही इमाम।

मस्जिद के बगल से एक और सीढ़ी थी, जिससे होकर ऊपर पहुँचने पर एक व्यक्ति से बात हुई। उन्होंने पत्रकार का नाम लेते ही बात करने से मना कर दिया। उन्होंने एक नंबर दिया, जिससे बात करने की कोशिश कई बार की गई, लेकिन उन्होंने कॉल काटा और कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

यहाँ जो आरोप लग रहा है, तो आप इस पर क्या कहेंगे। इस पर कॉल कट कर दिया गया।

ऑपइंडिया से बात करते हुए स्थानीय निवासी राजकुमार शर्मा ने कहा कि ये मस्जिद बहुत धीरे-धीरे बनाया गया है। पहले यहाँ प्राइमरी स्कूल होता था। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में उन्होंने भी पढ़ाई की थी। बाद में स्कूल को धर्मशाला शिफ्ट कर दिया गया। कुछ दिनों बाद इस जगह पर छोटे-छोटे टीले बने। समय के साथ यहाँ छोटी-सी मस्जिद बनाई गई और धीरे-धीरे इसे बड़ा किया गया।

 यही वजह है कि मस्जिद के नीचे फ्लोर पर प्लास्टर लगे हुए हैं और ऊपर के दो फ्लोर पर मस्जिद की दीवारें प्लास्टरविहीन हैं। दरअसल पहला फ्लोर पहले बन गया और दो फ्लोर धीरे धीरे बाद में बनाया गया है। नीचे के फ्लोर पर नमाज पढ़ा जाता है। ऊपर इमाम रहते हैं। मस्जिद में घुसते ही दो वॉशरूम है, जो बेहद गंदा है। वजू करने की व्यवस्था वाली जगह पर भी काफी गंदगी है।

राजकुमार के मुताबिक, आसपास हिन्दुओं की आबादी है। मस्जिद बनने के बाद मुस्लिम बस मस्जिद के पास हैं। इस मस्जिद में नमाज पढ़ने दूर दूर से लोग आते हैं। क्योंकि यहाँ तक जाने का रास्ता एक सीढीनुमा रास्ते से होकर गुजरता है। इस रास्ते को देख कर ही बताया जा सकता है कि ये रास्ता कुछ लोगों के आने-जाने के लिए बनाया गया है।

ऑपइंडिया की टीम जब थोड़ा आगे बढ़ी तो उसने कुछ लोगों से बात करने की कोशिश की। मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े आरके सिंह का कहना है कि हिमाचल में बीजेपी और कॉन्ग्रेस की ही सरकार रहती है। उन्होंने सवाल किया कि जब मस्जिद बन रही थी, तो सरकार कहाँ सोई हुई थी।

उनका कहना है कि मस्जिद बन चुकी है, कोर्ट में मामला चल रहा है, अवैध निर्माण के लिए सरकार जिम्मेदार है। देश के सभी नागरिकों के लिए कानून बराबर है। कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। यदि अवैध है तो इसे हटना चाहिए।

वहीं थोड़ी दूर पर मिले सब्जी का व्यापार करने वाले रवि कुमार से बात की। इनका कहना है कि कुछ लोग यहाँ मस्जिद हटाने की माँग कर रहे हैं। वो 1990 से यहाँ रह रहे हैं। उस वक्त छोटी सी मस्जिद थी। यहाँ नमाज पढ़ने बाहरी लोग आते हैं। इनमें कश्मीरियों की संख्या काफी है। उनका कहना है कि संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर इस समस्या का समाधान होना चाहिए।

ऑपइंडिया की टीम जब पगडंडी जैसे रास्ते से होकर गुजर रही थी, तो उन्होंने देखा कि आसपास छोटे-छोटे घर थे। यहाँ वर्षो से हिन्दू रहते आए हैं। ये लोग विवाद को देखते हुए इस मुद्दे पर बात करने से कतराते नजर आए। कई लोगों ने नाम लेते ही दरवाजे बंद कर लिए। इससे पता चलता है कि आसपास के लोगों में कितनी दहशत है।

यहाँ मस्जिद का होना ही बड़ा सवाल है, क्योंकि मुस्लिम आबादी यहाँ नहीं रहती है। यहाँ के कल्चर से भी मस्जिद बिल्कुल मैच नहीं करता। पहले फ्लोर पर प्लास्टर है, लेकिन उसके दो फ्लोर पर प्लास्टर नहीं किया गया है। मस्जिद जाने के लिए सीढ़ियों से होकर गुजरना पड़ता है। रास्ते के दोनों ओर हिन्दुओं का घर है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, घरों में बनी खिड़कियों में नमाज अदा करने के लिए आते-जाते वक्त ये झाँकते हैं। आने-जाने वाली लड़कियों को छेड़ते हैं। इसलिए यहाँ के लोग मस्जिद को हर हाल में शिफ्ट कराना चाहते हैं।

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