पूर्णिया या पाकिस्तान: जिस हिंदू कार्यकर्ता की हुई हत्या उसके भाई ने खोले पप्पू यादव के राज, बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ाने-हत्या का लगाया आरोप

टीवी पर या जनता के बीच चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाले नेता परदे के पीछे कितने जहरीले होते हैं बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश को देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराधियों का इलाज कर रहे हैं लेकिन बिहार में योगी के कदमों पर चलने के लिए जिगरा चाहिए। क्योकि बिहार की सियासत जातियों और अपराधियों पर टिकी है। जबकि बंगाल में तो अपराध मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इर्दगिर्द घूमता रहता है। चुनावों में चोटिल का ड्रामा कर सहानुभूति वोट ले फिर सत्ता पर काबिज हो जाती है। 
जब तक अपराधियों के बोलबोले वाले राज्य योगी मॉडल नहीं अपनाएंगे अपराधी जनता को शिकार बनाते रहेंगे। घुसपैठियों को पालने वालों को या तो चुनावों में पटखनी देकर औकात दिखाई जा सकती है या फिर सरकार पर जनता द्वारा इनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ सडकों पर आना होगा।    
ऑपइंडिया की ग्राउंड रिपोर्ट टीम बिहार के सीमांचल इलाके में पूर्णिया पहुँची। यहाँ सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठ ने हिंदुओं की जिंदगी मुश्किल बना दी है। कई पार्टियाँ वोटबैंक के लिए इन घुसपैठियों को बसाती आई हैं। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव पर भी इस्लामी घुसपैठ बढ़ाने और हत्या कराने के गंभीर आरोप हैं।

साल 1992 में पूर्णिया में एक हिंदू स्वयंसेवक किशोर सिंह की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। उनके छोटे भाई मनोज सिंह ने अनुराग सिंह से खास बातचीत में सबकुछ उजागर किया। मनोज बोले, “भाई को मारकर हमें चुप कराना चाहते थे, लेकिन आज भी डर नहीं। पप्पू यादव जैसे नेता घुसपैठियों को शह देते हैं, वोट के लिए हिंदू मारते हैं।”

मनोज ने सबूतों के साथ पुरानी कहानी दोहराई कि कैसे राजनीतिक साजिश से हत्या हुई। उन्होंने बताया कि सीमांचल में हिंदू अब जाग रहे हैं। मनोज ने आम लोगों से अपील की है- “वोट दो, लेकिन घुसपैठ रोकने वालों को।”


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