अपने 31 अक्टूबर, 2025 के लेख में मैंने नए पोप Leo XIV के इस्लाम से यूरोप और क्रिश्चियनिटी को खतरे के बारे में लिखा था और यह भी लिखा था कि ईसाई और मुस्लिम दोनों हिंदुओं का धर्मपरिवर्तन करा कर उन्हें ईसाई और मुस्लिम बनाने में लगे है। अंत में मैंने लिखा था कि “अपना घर को बचाना है तो पहले हिंदू धर्म से अपने को दूर करो, विश्व का कल्याण हो जाएगा”।
लेकिन लगता है पहले अमेरिका के पोप ने अमेरिका में ही अपना संदेश नहीं पहुंचाया जो उपराष्ट्रपति JD Vance ने अपनी पत्नी उषा को ही हिंदू धर्म छोड़ कर ईसाई बनने की सलाह दे दी। लेकिन उषा ने वह प्रस्ताव ठुकरा दिया और फिर जब Vance की किरकिरी हुई तो उसने स्पष्ट किया कि उषा का धर्म परिवर्तन कराने का कोई विचार नहीं है।
Usha Vance's granduncle: Dr. Subramanya Shastri was a professor at Andhra University and an RSS worker who spent two years in jail during the Emergency for his activism.
Vance के विचार निश्चित रूप से घोर नस्लभेदी थे, बेशक उन्होंने स्पष्ट किया है लेकिन उनकी सोच तो सामने आ गई और जब अमेरिका का उपराष्ट्रपति यह सोच रखता है तो आम अमेरिकी ईसाई भी ऐसी सोच रखता है क्या? ये खिचड़ी Vance के दिमाग में कब से पक रही होगी, कोई नहीं जानता।
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“आप कैसे कह सकते हैं कि हम लोग अब यहां बहुत ज्यादा हो गए हैं, यह संख्या किसने तय की; आप लोगों ने हम जैसों को यहां आने का सपना दिखाया, हमने अपनी जवानी, अपना पैसा, अपनी मेहनत इस देश में लगाई, हमने आपने कुछ मुफ्त में नहीं मांगा, हमने काम किया, टैक्स चुकाया और योगदान दिया और आज आप कह रहे हैं कि हम ज्यादा हो गए और हमें अब यहां नहीं रहना चाहिए जबकि हम यहां कानूनी रूप से आए हैं, क्या जो ईसाई नहीं है, वह सच में अमेरिकी नहीं है”।
अमेरिका की प्रगति में जो योगदान भारतीय हिंदुओं का है उसकी तुलना एक बार Vance और पोप मुस्लिमों के योगदान से करके देखें। मुस्लिमों की तरह हिंदुओं ने कोई 9/11 नहीं किया। और जो चिंता अब पोप इस्लाम को लेकर यूरोप के लिए कर रहे हैं वह उन्हें अमेरिका के लिए भी करनी चाहिए क्योंकि इस्लामिक radical forces अमेरिका को भी इस्लामिक देश बनाने की बात करने लगे हैं।
अफ़सोस की बात है Vance का बयान ऐसे समय में आया है जब Tulsi Gabad ने स्वीकार किया है कि अमेरिका उन देशो में Regime Change कराता रहा है जहां उसके पसंद की सरकार नहीं होती थी लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ये नीति अब बंद हो चुकी है। लेकिन यह नीति तो अब भी चल रही है जो Vance की सोच से साबित होती है और नेपाल में जो हुआ वह तो ट्रंप के रहते हुए ही हुआ। तुलसी का यह स्वीकार करना यह भी इशारा कर रहा है कि मोदी को उखाड़ने के लिए चीन के SCO में उनकी हत्या की साजिश की गई और इसलिए ही ट्रंप ने कहा कि वो मोदी का पोलिटिकल करियर ख़त्म नहीं करना चाहते। तुलसी के कहने का यह भी मतलब निकलता है कि अमेरिका दुनिया में अपना एकछत्र राज चाहता था जो चीन और सोवियत संघ भी चाहते थे।
अवलोकन करें:-
पोप को चाहिए वह अमेरिकी और यूरोपीय देशों को समझाएं कि हिंदुओं के साथ रहने से ही वैश्विक कल्याण संभव है, केवल एक किताब पर चलने वाले किसी मजहब से यह नहीं हो सकता।
Vans, ट्रंप और अन्य अमेरिकियों को यह समझ लेना चाहिए कि भारत अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को अपने देश में खपा लेगा लेकिन फिर अमेरिका का क्या होगा, उसकी कल्पना भी कर लेनी चाहिए।

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