घुसपैठियों के खिलाफ अरुणाचल में प्रदर्शन
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में शुक्रवार (24 अक्टूबर 2025) को अरुणाचल प्रदेश इंडिजिनस यूथ ऑर्गेनाइजेशन (APIYO) के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए। इनके हाथों में ‘बांग्लादेशी घुसपैठिए वापस जाओ’ और ‘अरुणाचल प्रदेश को बचाओ’ जैसे नारे लिखे पोस्टर थे।
दरअसल, म्यांमार से सटा अरुणाचल प्रदेश, ईसाई धर्मांतरण और इस्लामी कट्टरपंथियों की घुसपैठ की दोहरी मार झेल रहा है। सड़कों पर उतरे ये युवा भी इन्हीं इस्लामी कट्टरपंथियों की घुसपैठ से परेशान हैं। इन युवाओं की माँग है कि राजधानी ईटानगर और नाहरलागुन (जिन्हें अरुणाचल प्रदेश की जुड़वाँ राजधानियाँ कहा जाता है) में मुस्लिमों ने जमीन पर कब्जा कर 15-20 मस्जिद व अन्य इस्लामी धार्मिक स्थल बना लिए हैं जिन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
युवाओं का यह विरोध प्रदर्शन आकाशदीप से शुरू होकर आईजी पार्क के पास टेनिस कोर्ट तक पहुँचा जहाँ सैकड़ों युवाओं ने धरना दिया। इस प्रदर्शन में APIYO के साथ ऑल कैपिटल कॉम्प्लेक्स यूथ वेलफेयर एसोसिएशन और ऑल नाहरलागुन यूथ वेलफेयर एसोसिएशन भी शामिल थे।
हर दिन 1-2 हजार मुस्लिम राज्य में कर रहे प्रवेश: APIYO अध्यक्ष लियाक
इस प्रदर्शन को लेकर ऑपइंडिया ने APIYO के अध्यक्ष तारो सोनम लियाक से बातचीत की है। लियाक ने इस बातचीत में कई हैरान करने वाले दावे किए हैं। उन्होंने बताया है कि अरुणाचल प्रदेश में हर दिन अन्य राज्यों या देशों से एक हजार से दो हजार मुस्लिम व्यक्ति इनर लाइन परमिट (ILP) दिखाकर प्रवेश कर रहे हैं।
हालाँकि, उन्होंने इसके बाद जो बताया वो भी खतरनाक है। लियाक के मुताबिक, ये लोग ILP दिखाकर घुस जाते हैं लेकिन फिर भीड़ में गायब हो जाते हैं और वापस अपने मूल स्थान पर नहीं लौटते हैं।
लियाक का कहना है कि मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या डेमोग्राफी में बदलाव का मामला तो है ही। इसके अलावा राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक सुरक्षा पर भी इससे गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
लियाक ने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों के बढ़ते ठिकानों के कारण ड्रग्स और नशे की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्थानीय युवाओं पर गहरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो अरुणाचल की सांस्कृतिक पहचान खतरे में पड़ जाएगी।”
APIYO ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखा पत्र
APIYO ने इन घटनाओं को लेकर अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है। ऑपइंडिया के पास मौजूद दो पन्नों के इस पत्र में माँग की गई है कि जुड़वाँ राजधानी परिसर के भीतर जामा मस्जिद/मदरसा के अवैध निर्माण को तत्काल रद्द किया जाए और जुड़वाँ राजधानी शहर ईटानगर और नाहरलागुन में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को तत्काल हटाया जाए।
APIYO ने पत्र में लिखा है, “जुड़वाँ राजधानी शहर 13730 से अधिक मुस्लिम आबादी रह रही है लेकिन इसमें से 20% मुस्लिम आबादी बांग्लादेशी है, जो राज्य के हमारे मूल निवासियों के लिए एक बड़ा खतरा है।”
APIYO ने लिखा, “राज्य सरकार की जानकारी के बिना जुड़वाँ राजधानी परिसर के भीतर 10 से अधिक अवैध जामा मस्जिदें चल रही हैं, जो मूल निवासियों के लिए बहुत असुरक्षित है। इसलिए, जुड़वाँ राजधानी शहर के भीतर केवल 2 जामा मस्जिदों की अनुमति देना आवश्यक है और राज्य के मूल निवासियों के हित में अन्य को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।”
इसके अलावा संगठन ने राजधानी परिसर और उसके नजदीक दोईमुख, होलोंगी आदि जगहों पर साप्ताहिक बाजार पर प्रतिबंध लगाए जाने की माँग की है। पत्र में लिखा गया है, “राजधानी परिसर और उसके पड़ोसी क्षेत्रों जैसे दोईमुख और होलोंगी आदि में हर दिन साप्ताहिक बाजार लगता है, जहाँ बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी व्यापारिक उद्देश्य से बाहर से हमारे राज्य में आते हैं और राजधानी परिसर में किराए के कमरों में रहते हैं, जो हमारे स्थानीय स्वदेशी व्यापारिक समुदाय के लिए एक खतरा है।”
साथ ही, संगठन की चिंता है कि राज्य में बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी प्रवेश कर रहे हैं और अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो अपराध दर बढ़ने की बहुत संभावना है।
मुख्य सचिव को APIYO का पत्र (साभार: तारो सोनम लियाक)प्रशासन ने शुक्रवार(अक्टूबर 30) को प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और पूरा विरोध शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। हालाँकि, संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी माँगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को राज्यव्यापी स्तर पर तेज किया जाएगा।
हालाँकि, प्रशासन ने कार्रवाई का भरोसा दिया है और मस्जिदों की जाँच की है लेकिन संगठन के लोग इस जाँच से संतुष्ट नहीं हैं। लियाक का कहना है कि वह चाहते हैं कि सरकार 15 दिनों के भीतर-भीतर इस पर सही तरीके से कार्रवाई करे वरना वह इस विरोध को राज्य स्तर तक लेकर जाएँगे।
सीमावर्ती राज्य होने के कारण अरुणाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों के लोगों को प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) लेना अनिवार्य है। APIYO जैसे स्थानीय संगठनों का आरोप है कि इस व्यवस्था का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर अवैध बसावट की जा रही है।
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