बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के कथित मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण यानी ICT-BD फैसला सुनाएगा। इसको लेकर बांग्लादेश में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है। बांग्लादेश सरकार ने हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।
आखिर उपद्रवी अपने जिन आकाओं के इशारे पर बांग्लादेश को फूंक रहे थे, आज उन्ही उपद्रवियों के खिलाफ देखते ही गोली मारने के आदेश क्यों दिए गए? उपद्रवियों को सोंचना चाहिए कि सियासत के चलते उन्हें आगे कर आगजनी और अपनी महिला प्रधानमंत्री के अंतर्वस्त्रों का प्रदर्शन कर अपनी नीचता को दुनिया को दिखा दिया। दिखा दिया कि इस्लामिक मुल्क में किसी सम्मानित औरत को भी किस हद तक जलील किया जा सकता है। आम औरतों का तो कहना क्या?
इससे पहले रविवार (16 नवंबर 2025) रात तक ढाका में आगजनी और देसी बम फटते रहे। इसको देखते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने कहा है कि उन्होंने हसीना के लिए फाँसी की सजा की माँग की है।
उनका कहना है कि कानून के मुताबिक हसीना सुप्रीम कोर्ट में तब तक अपील नहीं कर सकतीं, जब तक वह आत्मसमर्पण नहीं करती हैं अथवा 30 दिनों के अंदर खुद को कानून के हवाले नहीं करती हैं।
इस बीच शेख हसीना का एक ऑडियो संदेश सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह जिंदा है और वह जिंदा रहेंगी। साथ ही देश के लोगों का साथ देती रहेंगी। अवामी लीग के फेसबुक पेज पर ये संदेश जारी किया गया है। ट्रिब्यूनल के फैसले से पहले अवामी लीग ने बांग्लादेश बंद का आह्वान किया है।
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