बुर्के की आड़ में स्याही मिटाकर तबस्सुम खातून ने की दोबारा वोटिंग की कोशिश: बिहार चुनाव में फर्जी मतदान के खेल का Video वायरल; फर्जी वोट डालने वालों को जेल भेजने का प्रावधान होना चाहिए

चुनावों में वोट डालते समय बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं द्वारा बुर्के हटाकर शक्ल दिखाने पर जो बवाल किया जाता है उसकी वजह बिहार के सीवान में हुए पहले फेस के मतदान में बुर्के की आड़ में फर्जी वोट डालने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। मजे की बात यह है कि जब मुस्लिम महिला उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में निकलती है तो वैसे तो बुर्का होता नहीं अगर पहना भी होता है तो चेहरा खुला होता है। वैसे भी बुर्के या हिजाब का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं को बाद में बिना बुर्के के देखा जाता है। अब इसे दोगलापन नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए।   

बिहार के सीवान में चुनाव में वोटिंग के दौरान फर्जी मतदान का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि तबस्सुम खातून नाम की एक महिला ने मतदान करने के तुरंत बाद अपनी उंगली पर लगी स्याही मिटा दी, ताकि बुर्के की आड़ में दोबारा फर्जी वोट डाल सके। जिससे शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहब जो RJD से है उसको जितया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, यह सब उस वक्त हुआ जब एक रिपोर्टर मौके पर मौजूद था और कैमरे पर इस गड़बड़ी की ओर ध्यान दिला रहा था। तभी वहाँ मौजूद एक और मुस्लिम व्यक्ति के हाथ से भी स्याही का निशान गायब हो गया था। इस पर रिपोर्टर ने सवाल किया तो वहाँ खड़े भाईजान भड़क गए और कैमरे के सामने ही नाराज हो गए।

फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग को फर्जी मतदान करने वाले/वाली को एक सप्ताह और विरोध करने वालों को 24 घंटे के लिए जेल में बंद करने का नियम बनाना चाहिए। जिस दिन ये नियम बन गया कोई जेल जाने के डर से 500 रूपए के लालच में फर्जी वोट डालने की हिम्मत नहीं करेगा/करेगी।   

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