झूठ फैला रहा वामपंथी प्रोपेगेंडाबाज बेशर्म वकील प्रशांत भूषण, मोदी की रैली में शामिल होने पर छात्रों को 50 नंबर मिलने की बात

प्रॉपगैंडिस्ट प्रशांत भूषण 
आखिर नीचता की भी हद होती है। नरेंद्र मोदी के विरोध में कितना नीचे गिरेगा विपक्ष? आतंकवादियों की पैरवी के लिए खड़ा होने वाले वकील प्रशांत भूषण ने उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवम्बर 9 को हो रही रैली में शामिल होने वाले छात्रों को 50 अंक मिलने की झूठी फैलाकर क्या हासिल करना चाहता है? कहने को वकील है लेकिन लगता है अक्ल नहीं।    

सोशल मीडिया पर अक्सर फर्जी खबरें फैलाने वाले वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने सोशल मीडिया पर एक और दावा किया है। शनिवार(नवम्बर 8) को एक्स पर एक पोस्ट में, वामपंथी प्रोपेगेंडा फैलाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने वाले छात्रों को 50 अंक देगा।

प्रशांत भूषण ने विश्वविद्यालय के नाम पर ये फर्जी नोटिस पोस्ट किया है। इसमें कहा गया था कि सभी बी.टेक सीएसई और स्पेशलाइजेशन (द्वितीय वर्ष) और बीसीए (द्वितीय वर्ष) के छात्रों को एफआरआई में होने वाले आगामी कार्यक्रम में शामिल होना होगा। रविवार (9 नवंबर 2025) को ये कार्यक्रम है, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री के साथ एक संवाद होगा। इसमें कहा गया था, “इस कार्यक्रम में उपस्थिति भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम के अंतर्गत मानी जाएगी और प्रत्येक प्रतिभागी को 50 इंटरनल नंबर दिए जाएँगे।”

नोटिस में आगे कहा गया है, “अतः, भारतीय ज्ञान प्रणाली पाठ्यक्रम वाले सभी कार्यक्रमों के लिए इस कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य है।”

हालाँकि यह ‘नोटिस’ बीसीए विभागाध्यक्ष रोहित गोयल और बी.टेक सीएसई कार्यक्रम समन्वयक गोविंद सिंह पंवार के नाम पर जारी किया गया था, लेकिन इसमें किसी के हस्ताक्षर नहीं थे।

सोशल मीडिया पर ‘नोटिस’ आने के बाद, देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह नोटिस फर्जी है। फेसबुक पर एक पोस्ट में, निजी विश्वविद्यालय ने कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि 09 नवंबर 2025 को एफआरआई के आगामी दौरे के अंकों के संबंध में डीबीयूयू के नाम से एक फर्जी नोटिस प्रसारित किया गया है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह नोटिस पूरी तरह से झूठा है और विश्वविद्यालय द्वारा जारी या अनुमोदित नहीं है। इस पर कोई आधिकारिक हस्ताक्षर, संदर्भ संख्या या प्राधिकरण नहीं है।”

विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की, जिसमें कहा गया, “विश्वविद्यालय प्राधिकारियों के संज्ञान में आया है कि हाल ही में देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के नाम से अज्ञात तरीके से एक फर्जी नोटिस प्रसारित किया गया है। सभी संबंधित छात्रों को सूचित किया जाता है कि यह नोटिस पूरी तरह से फर्जी है और विश्वविद्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। इस पर किसी भी सक्षम प्राधिकारी का आधिकारिक लेटरहेड, संदर्भ संख्या या हस्ताक्षर नहीं हैं, और इसे विश्वविद्यालय के किसी भी अधिकृत माध्यम से अनुमोदित या जारी नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय घोषणा करता है कि यह नोटिस फर्जी है।”

पिछले नोटिस के विपरीत, इस नोटिस पर रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर और मुहर लगी है। बाद में पीआईबी फैक्ट चेक ने भी X पर पोस्ट किया कि प्रशांत भूषण द्वारा पोस्ट किया गया नोटिस फर्जी है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी रविवार को उत्तराखंड के रजत जयंती समारोह में शामिल होने के लिए देहरादून में हैं। इस कार्यक्रम में वह 8,260 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया जाएगा।

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