असम में अबकी लोगों ने ही ध्वस्त किया मदरसा (फोटो साभार: ANI)
हाल के दिनों में असम में आतंकी गतिविधियों का हब बने 3 मदरसों को ध्वस्त किया जा चुका है, साथ ही जिहादी गतिविधियों में लिप्त मौलानाओं समेत 3 दर्जन से भी अधिक लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। लेकिन, अब असम के एक मदरसे पर सरकार का नहीं, बल्कि जनता का बुलडोजर चला है। ताज़ा घटना गोलपारा की है, जहाँ के एक मदरसे को स्थानीय लोगों ने ही ध्वस्त कर डाला। ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित गोलपारा, गुवाहाटी से 134 किलोमीटर पश्चिन की तरफ स्थित है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मदरसे से जिहादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। पाखिउरा चार क्षेत्र में स्थित दरोगार अलगा में ये मदरसा स्थित था। साथ ही मदरसे के बगल में स्थित एक घर को भी लोगों ने ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि उस घर को दो बांग्लादेशी आतंकी इस्तेमाल में ला रहे थे। इसीलिए, स्थानीय लोगों में आक्रोश था। जलालुद्दीन शेख नामक व्यक्ति इस मदरसे का संचालन कर रहा था, जो पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में है।
#BrakingNow: मदरसों पर सरकार के एक्शन के बीच लोगों ने दिया शांति का संदेश, असम के गोलपाड़ा में लोगों ने खुद तोड़ दिया मदरसा @jyotimishra999 #Assam #Madarsa pic.twitter.com/BHbS3NxNxq
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) September 6, 2022
उसने 2020 में अनिमुल इस्लाम, उस्मान, मेहदी हसन और जहाँगीर आलोम को बतौर शिक्षक इस मदरसे में नियुक्त किया था। इनमें से दो अलकायदा (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के आतंकी निकले। दोनों फ़िलहाल फरार चल रहे हैं। 31 अगस्त, 2022 को बोंगाईगाँव प्रशासन ने मरकजूल मारीफ उ-करियाना मदरसे को ध्वस्त किया था। ये बच्चों के लिए असुरक्षित था और इसके पास दस्तावेज भी नहीं थे। यहाँ से आतंकी गतिविधि चल रही थी सो अलग।
असम में बदरुद्दीन अजमल के राजनीतिक दल AIUDF ने मदरसों पर कार्रवाई का विरोध किया है। पार्टी ने कहा है कि अल्पसंख्यकों के इलाकों में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर हमला किया जा रहा है। बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया कि मदरसे सार्वजनिक संपत्ति होते हैं और उन्हें बिना कानूनी नोटिस दिए ध्वस्त नहीं किया जा सकता। इससे पहले जमीउल हुदा नाम के एक मदरसे को प्रशासन ने ध्वस्त किया था। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी कह चुके हैं कि जिन मदरसों से आतंकी गतिविधियाँ चलेंगी, उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा।