Showing posts with label #Nirmala Sitaraman. Show all posts
Showing posts with label #Nirmala Sitaraman. Show all posts

वित्त मंत्री ने गोल्ड से इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से केरल की ब्लैक इकॉनमी डगमगाई: काला धन घटने से रियल एस्टेट में छाई मंदी

       सोने पर आयात घटने से केरल की अर्थव्यवस्था पर पड़ा असर, तस्करी के मामले भी घटे (फोटो साभार: NDTV)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में देश में सोने के आयात पर 15% से घटाकर 6% शुल्क लगाने का फैसला लिया। इसका सबसे अधिक असर केरल को हुआ, जहाँ सालों से सोने के अवैध कारोबार के जरिए पैरलल इकॉनमी मजबूत हो रही थी। पैरलल इकॉनमी का मतलब है कि पैसों का लेन-देन तो हो रहा होता है, लेकिन वो किसी सिस्टम में दर्ज नहीं होता। इसी पैरलल इकॉनमी से निकले मनी को ब्लैक मनी भी कहते हैं।

बिजनेस वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के चार अतंरराष्ट्रीय हवाई अड्डे- तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, कोझिकोड और कन्नुर खाड़ी देशों से सोने की तस्करी करने वाले मुख्य रास्ते हैं। यहाँ तक कि केरल की सोने की तस्करी का गढ़ माने जाने वाले दुबई से भी कनेक्शन मिले। केरल इन खाड़ी देशों से संबंध बेहतर करने के चलते ही ‘तस्करों का स्वर्ग’ बनता गया।

साल 2020 से 2023 तक केरल में 3,100 से अधिक सोना तस्करी के मामले सामने आए, इन सभी मामलों में करीब 200 से 400 टन अवैध सोना बरामद किया गया। लेकिन इससे भी हैरानी की बात यह है कि केरल में हर साल ₹1,31,586 करोड़ (15 अरब डॉलर) की कीमत के सोने की तस्करी होती थी, जो कि जब्त किए गए सोने के मुकाबले काफी कम मानी गई।

यह सोना तस्करी का कारोबार तब तक बढ़ता चला गया जब तक सोने के आयात में अच्छा शुल्क था। उस समय एक किलो सोने में करीब ₹9 लाख का मुनाफा होता, जिसमें से कुछ कैरियर शुल्क भी दिया जाता था। इस मुनाफा ने केवल तस्करों को अमीर नहीं बल्कि केरल की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था (जिसका कागजों में कोई आकड़ा नहीं है) को भी गति दी।

इस काले धन से बिना हिसाब-किताब के रीयल एस्टेट डील, ज्वैलरी नेटवर्क और हवाला कारोबार चलाया गया। इससे जुड़ा एक मामला भी सामने आया था, जिसमें एक ज्वैलरी चेन के 4000 निवेशक थे, जो SEBI की सीमा का उल्लंघन है। ऐसी कंपनियाँ मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध में भी सक्रिय रहती हैं।

लेकिन वित्त मंत्री ने जब से सोने के आयात पर शुल्क घटाने का फैसला लिया है, तभी से यह पूरी व्यवस्था ढह गई है। एक किलों पर मुनाफा घटकर अब करीब ₹3 लाख रह गया है, कैरियर की फीस भी कम हो गई और यहाँ तक की खाड़ी देशों से केरल आने वाला सोना भी अब कम हो गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने भी इस फैसले के बाद जब्तियों में तेज गिरावट की पुष्टि की है।

एयर ट्रैफिक के आँकड़े बताते हैं कि खाड़ी देशों से आने वाले यात्रियों की संख्या भी भारत में कम हुई है। यहाँ तक कि गल्फ एयर ने डिमांड कम होने के चलते साल 2025 में कालीकट की उड़ानें बंद कर दीं। इससे साफ है कि तस्करी के तार टूटने लगे हैं।

हालाँकि, इससे कानूनी सोने का व्यापार जरूर बढ़ा और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने साल 2024 की तीसरी तिमाही में हर साल 18% वृद्धि दर्ज की। लेकिन अवैध नगदी के अचानक गायब होने से केरल की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा। 2024-25 में प्रदेश की GSDP ग्रोथ 6.19% रह गई, जो दक्षिण भारत में सबसे कम थी। रीयल एस्टेट, निर्माण और लग्जरी रिटेल जैसे सभी क्षेत्रों में गिरावट साफ दिखने लगी।

इस मंदी ने साफ कर दिया केरल की अर्थव्यवस्था अब तक काले धन पर निर्भर थी। केरल में प्रॉपर्टी डील 18% घटी, लग्जरी हाउसिंग की कीमतें 25% तक नीचे आईं और निर्माण क्षेत्र की वृद्धि राष्ट्रीय औसत से पीछे रह गई। खाड़ी से आने वाले रेमिटेंस में भी 2024 में 10% की कमी आई, जिससे प्रदेश में काला धन लाने वाले कानूनी और अवैध सोर्स दोनों की कमजोर हो गए।

यह कदम महज एक टैक्स सुधार नहीं था बल्कि एक रणनीतिक प्रहार था, जिसने आतंकवाद फंडिंग और राजनीतिक भ्रष्टाचार से जुड़े एक अपराधिक नेटवर्क को कमजोर कर दिया। लेकिन इस कहानी का राजनीतिक पहलू अभी भी जीवित है। साल 2020 के केरल गोल्ड स्मगलिंग केस की मुख्य आरोपितों में से एक स्वप्ना सुरेश ने 2023 में सनसनीखेज दावा किया कि उन्हें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का नाम केस से हटाने के लिए 30 करोड़ रुपए की पेशकश हुई थी।

एक फेसबुक लाइव ब्रॉडकास्ट में स्वप्ना सुरेश ने आरोप लगाया कि खुद मुख्यमंत्री ने उन्हें देश छोड़ने की धमकी दी और CPM के प्रदेश सचिव गोविंदन मास्टर के कहने पर पार्टी के लोग उन्हें डराने-धमकाने लगे। यहाँ तक कि उन्हें हरियाणा या जयपुर भेजने की योजना बनाई गई थी, जिसमें सरकार की तरफ से फ्लैट और फर्जी पासपोर्ट की भी व्यवस्था की जा रही थी।

स्वप्ना ने कई बार सीएम विजयन और उनके परिवार के सदस्यों और तीन कैबिनेट मंत्रियों के नाम हवाला और तस्करी से जुड़े मामलों में लिए हैं। उन्होंने पहले भी गवाही में कहा था कि 2016 में दुबई में मौजूद सीएम को भेजे जा रहे नगदी से भरे बैग को एयरपोर्ट स्कैनिंग में पकड़ा गया था, जो कांसुलर प्रोटोकॉल के तहत भेजा जा रहा था। उन्होंने यह भी दावा किया कि तब के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एम. शिवशंकर के निर्देश पर UAE कॉन्सुलेट से मेटल से भरे बिरयानी के बर्तन मुख्यमंत्री के सरकारी आवास क्लिफ हाउस में ले जाए गए।

ये आरोप 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए थे और 2024 में फिर से चर्चा में आ गए, जब केंद्र सरकार के इस राजकोषीय प्रहार ने उस आर्थिक जड़ को काट दिया, जिस पर यह पूरा अवैध साम्राज्य खड़ा था।

बजट 2024 : युवा वर्ग के लिए बड़े ऐलान : देश के 4.10 करोड़ युवाओं के लिए विशेष पैकेज, मिलेगा सीधे 1 महीने का वेतन: इंटर्नशिप से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था


देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश कर दिया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में देश के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि देश के 4.1 करोड़ युवाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा और रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे देश के युवाओं को बड़ा फायदा होने वाला है। वित्तमंत्री ने युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान करते हुए कहा कि युवाओं को इंटर्नशिप से लेकर ईपीएफओ तक, उच्च शिक्षा से लेकर ट्रेनिंग तक में सरकार मदद करेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मुझे 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री के पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जिसमें 2 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।”

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन योजना के तहत तीन योजनाओं पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संस्था (ईपीएफओ) पर आधारित होगी। इसके अलावा इस योजना के तहत पहली बार नौकरी कर रहे कर्मचारियों और नियोक्ताओं का ध्यान रखा जाएगा। इस योजना के तहत सभी क्षेत्रों में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक माह का वेतन दिया जाएगा। इन्हें तीन किस्तों में पहला वेतन दिया जाएगा। EPFO में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी।

वित्तमंत्री ने कहा कि ईपीएफओ में पंजीकृत होने के साथ ही यह न्यूनतम राशि 15 हजार रुपये होगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा। इस योजना के तहत विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियाँ बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र में पहली बार नौकरी कर रहे अतिरिक्त कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना में एक निर्दिष्ट पैमाने के तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र में आने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि हम रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उद्योगों के साथ मिलकर महिला हॉस्टल और बालगृहों की स्थापना करेंगे। यह योजना महिला कौशल कार्यक्रम को प्रोत्साहित करेगी। यह योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार के लिए नियोक्ताओं पर केंद्रित की गई है। एक लाख रुपये वेतन वाले सभी कर्मचारियों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के EPFO योगदान के लिए दो साल तक प्रति माह 3000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति करेगी। यह योजना 50 लाख लोगों के अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए स्वीकृत है।