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दिल्ली : MCD में फिर से BJP को पूर्ण बहुमत?

कई बार ओपिनियन पोल एक मजाक बन जाते हैं। जो दिल्ली नगर निगम चुनावों में देखने को मिलने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। अगर भाजपा लोकसभा की सातों सीटें जीत रही है, उसमे दिल्ली भाजपा प्रदेश नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम है। अगर दिल्ली प्रदेश सक्रीय होता, दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं हारती। लोकसभा चुनाव विरोधी भी मोदी के नाम पर वोट करते हैं, भाजपा के नाम पर नहीं। 

किस मुद्दे पर सर्वे नगर निगम में भाजपा को बहुमत दिखा रहे हैं? अगर भाजपा को बहुमत मिलता है, तो यह चमत्कार होगा। क्या नगर निगम से भ्रष्टाचार दूर हुआ? भवन विभाग में रिश्वत दिए बिना कोई नक्शा पास ही नहीं हो सकता। घर में जरुरी मरम्मत तक के लिए गिराऊ हिस्से की फोटू भी देने पर इजाजत नहीं मिलती। अवैध निर्माणों पर कोई रोक नहीं, लेकिन घर में अगर प्लास्टर या फर्श ठीक करवाने पर पुलिस और भवन निर्माण तुरंत चला आता है। जब तक जेब गर्म होगी, परेशान करते रहेंगे। क्या भाजपाई इस कटु सच्चाई नहीं जानते? भाजपा पदाधिकारी भी जानते हैं कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार बिक जाते हैं। फिर दिल्ली में जितने भी अवैध निर्माण और अतिक्रमण है, कौन है जिम्मेदार? 'हर हर मोदी, घर-घर मोदी' विधानसभा और नगर निगम चुनावों में नहीं चलता। मोदी की तरह काम करना पड़ता है।  

इतना ही नहीं, एक पुराना कार्यकर्ता 3000 रूपए का चेक अपने पिताश्री के नाम से दान देता है, कहाँ गया वह चेक? न बैंक में आया, न दानकर्ता के पास वापस और न ही कोई रसीद। कोरोना आया और चला भी गया, लेकिन वह चेक ये पंक्तियाँ लिखते समय तक कहाँ है, कुछ नहीं पता। मंडल पदाधिकारी भी जानते हैं, फिर भी ऐसे पार्टी के विरुद्ध काम करने सिरमौर बने हुए है। अभी कुछ माह पूर्व उस दानकर्ता की धर्मपत्नी का निधन हुआ, कुछ अधिकारीयों को सूचना थी, कोई शमशाम भी नहीं पहुंचा। ये हाल है मंडल का। यहीं से समस्त दिल्ली को आँका जा सकता है। 

दिल्ली में MCD (नगर निगम) के चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भाजपा यहाँ अपना दबदबा बरकरार रखेगी, या प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी AAP स्थानीय निकाय में भी अपना सिक्का जमाएगी। इसी बीच चुनाव से पहले ABP News और C-Voter का संयुक्त सर्वे (ओपिनियन पोल) सामने आया है, जिसमें दिल्ली की जनता ने अपनी राय दी है। इसमें MCD में भाजपा की वापसी होते हुए दिखाया गया है।

इस सर्वे के अनुसार, 250 सीटों वाले दिल्ली नगर निगम में भाजपा 118-138 सीटें पाकर पूर्ण बहुमत लाती हुई दिख रही है, वहीं अरविंद केजरीवाल की ‘आम आदमी पार्टी’ 104-124 सीटों तक सिमट जाएगी। 4 दिसंबर, 2022 को MCD का चुनाव होना है। दिल्ली की तीनों नगर निगम (पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी) को मिला कर इस बार एक कर दिया गया है। अर्थात, अब EDMC, NDMC और SDMC को मिला कर MCD का एक ही मेयर होगा।

फ़िलहाल जहाँ भाजपा का 181 सीटों पर कब्ज़ा है, वहीं AAP के पास मात्र 49 सीटें हैं। कॉन्ग्रेस की हालत बदतर है और उसके पास दिल्ली नगर निगम में मात्र 31 सीटें ही हैं। ABP और C-Voter सर्वे की मानें तो इस बार कॉन्ग्रेस का और बुरा हाल होगा। उसे मात्र 4-12 सीटें मिलने का अनुमान ही लगाया गया है। वहीं अन्य के खाते में 0-4 सीटें आ सकती हैं। वोट प्रतिशत की बात करें तो भाजपा को 42%, AAP को 40% और कॉन्ग्रेस को 16% मिलती हुई दिख रही है।

 दिल्ली और पंजाब की सत्ता में रहने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी को गैस चैंबर बनने के लिए मजबूर करने और प्रदूषण के खिलाफ प्रभावी कदम न उठाने के कारण MCD चुनाव में aap को नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं आम आदमी पार्टी कूड़े के मुद्दे को उठा कर भाजपा के खिलाफ हवा बनाने में लगी हुई है। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे मंत्रियों का घोटालों में फँसना भी AAP के लिए नकारात्मक छवि बना रहा है।