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बांग्लादेश से पहले खुद घुसा चाँद मियाँ, फिर भारत में घुसपैठियों को बसाने के लिए चलाने लगा गैंग: 25 हजार रूपए में एंट्री-रोजगार भी, दिल्ली पुलिस ने 44 को पकड़ा

                                       बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने वाला गिरोह
दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस बांग्लादेशी गैंग के दिल्ली से लेकर चेन्नई तक कनेक्शन सामने आए हैं। ये गैंग फर्जी दस्तावेजों के जरिए घुसपैठियों को भारत में रोजगार मुहैया कराता था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया है। गैंग का सरगना चाँद मियाँ है।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में से 33 बांग्लादेशी नागरिक हैं और 5 भारतीय एजेंट हैं। इनमें 33 बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। यह गैंग फर्जी दस्तावेज बनवाने और रहने की व्यवस्था कराने और ट्रांसपोर्टेशन में मदद करता था।

गिरफ्तार लोगों के पास से 11 फर्जी आधार कार्ड, आईडी प्रूफ के साथ दो बांग्लादेशी दस्तावेज,एक कंप्यूटर और 4 हार्ड डिस्क, एक कलर प्रिंटर और फिंगरप्रिंट स्कैनर, 8 मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद हुए हैं। इसके अलावा इनके पास से लगभग 20 हज़ार रूपए बरामद किए गए हैं।

दिल्ली पुलिस की जाँच में सामने आया कि गैंग के सदस्य बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से सीमा पार कराकर भारत में लाते थे। फिर यहाँ उनके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते थे। इसके बाद उन्हें किराए का मकान दिलवा कर दिल्ली, बंगलुरु, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में रोजगार भी मुहैया कराते थे।

पुलिस ने बताया है कि इनके चलते घुसपैठियों को पुलिस या सरकारी एजेंसी की नजर से बचने में आसानी होती थी। यह गैंग दिल्ली के सीमापुरी, संगम विहार, शाहीन बाग, महिपालपुर जैसे इलाकों में सक्रिय था। इन इलाकों में बांग्लादेशी नागरिक रहते हैं।

पुलिस के मुताबिक, गैंग का सरगना चाँद मियाँ दिल्ली के संगम विहार इलाके में रह रहा था। पुलिस की जाँच में सामने आया कि वह खुद भी बांग्लादेशी नागरिक है। जो पिछले 5 साल से पहले अवैध रूप से भारत आया था।

इसके बाद उसने एक पूरा नेटवर्क तैयार किया जो 3 साल से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसा रहा है। चाँद मियाँ पश्चिम बंगाल, मेघालय और त्रिपुरा के बेनापोल सीमा के ज़रिए बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ करवाता था। वह इस काम के 25 हजार रूपए लेता था।

दिल्ली पुलिस के DCP रवि कुमार सिंह ने बताया कि 12 मार्च 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि एक बांग्लादेशी नागरिक असलम उर्फ मसूम मोहम्मद तैमूर नगर में अवैध रूप से रह रहा है। पूछताछ में उसने बताया कि वह बांग्लादेश के नोआखाली का रहने वाला है और हाल ही में भारत में आया है।

असलम से पूछताछ के चलते ही सरगना चाँद मियाँ तक पहुँचा जा सका। पुलिस ने सभी सबूतों के आधार पर खोजबीन शुरु की। कनेक्शन जोड़ते हुए मुख्य सरगना चाँद मियां को विजयवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया। बाकी साथियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ सकती है।

  • दिल्ली पुलिस की जाँच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह भी बताया गया कि कुछ बांग्लादेशी घुसपैठिए ट्रांसजेंडर का वेश धारण कर दिल्ली की सड़कों, रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में जबरन पैसे वसूलते थे। कई ने तो कानून और समाज धोखा देने को सर्जरी और हार्मोनल इलाज से पहचान तक छिपा ली थी।
ये लोग विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले इलाकों में काम करते थे और खुद को पहचान छिपाने के लिए नकली पहचान पत्रों का इस्तेमाल करते थे। पुलिस का मानना है कि यह गैंग केवल दिल्ली तक सीमित नहीं था बल्कि इसकी पहुँच देश के दक्षिणी राज्यों तक थी।

महाराष्ट्र : ISIS के स्लीपर सेल का पर्दाफाश, भारत के खिलाफ जेहाद के लिए युवाओं को बम बनाने और हथियारों की दे रहे थे ट्रेनिंग

महाराष्ट्र में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के स्लीपर सेल का पर्दाफाश राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने किया है। राज्य के अलग-अलग शहरों में छापेमारी कर चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। भारत के खिलाफ जेहाद के लिए युवाओं को बम बनाने और हथियारों की ट्रेनिंग देने की बात भी सामने आई है।

NIA ने सोमवार (3 जुलाई 2023) को महाराष्ट्र के 5 जगहों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम ज़ुबैर नूर, ज़ुल्फ़िकार अली, शरजील शेख और मोहम्मद शेख उर्फ़ अबू नुसैबा हैं। इनके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद हुए हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 28 जून को NIA ने ISIS के महाराष्ट्र मॉड्यूल को लेकर केस दर्ज किया था। इसी सिलसिले में सोमवार को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने ख़ुफ़िया सूचना के आधार पर मुंबई, ठाणे और पुणे के कुल 5 अलग-अलग जगहों पर दबिश दी। इस छापेमारी में दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा से ताबिश नासिर सिद्दीकी, पुणे के कोंढवा इलाके से जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसैबा के अलावा ठाणे के पडघा से जुल्फिकार अली बड़ौदावाला और शरजील शेख को गिरफ्तार किया गया।

जाँच दल द्वारा इन सभी के घरों की तलाशी भी ली गई। तलाशी के दौरान ISIS से संबंधित भड़काऊ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स मिले हैं। NIA की टीम इन दस्तावेजों को जब्त कर जाँच कर रही है। मीडिया को दिए गए अपने बयान में NIA ने बताया है कि शुरुआती पड़ताल में जब्त दस्तावेज भारत विरोधी और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने से संबंधित पाए गए हैं।

जाँच एजेंसी ने इन सभी की हरकतों को भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और सम्प्रभुता के लिए खतरा बताया है। इन सभी पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश का आरोप है। आरोपित स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। युवाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ाने के अलावा विस्फोटक उपकरणों और हथियारों को बनाने की ट्रेनिंग देने का भी आरोप है। बरामद हुए दस्तावेजों में इन चारों द्वारा आईईडी बनाने के साथ छोटे हथियारों और पिस्तौल बनाने के लिए ‘डू इट योरसेल्फ (डीआईवाई)’ किट साझा करने का खुलासा हुआ है।

गिरफ्तार हुए चारों आरोपित विदेश में बैठे किसी आका से निर्देश ले रहे थे। वहीं से मिले आदेश पर इन सभी ने भड़काऊ मीडिया सामग्री तैयार कर ‘वॉयस ऑफ हिंद’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित करवाया था।