कथावाचक देवकीनदंन ठाकुर की सियासत में एंट्री, 29 को पार्टी

MP: कथावाचक देवकीनदंन ठाकुर की सियासत में एंट्री, 29 को पार्टी, चिह्न का करेंगे ऐलानहाल में एससी/एसटी एक्‍ट में हुए संशोधन के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्‍व वाले अखंड भारत मिशन ने सूबे की सभी 230 सीटों पर प्रत्‍याशी उतारने का ऐलान किया है. एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के लिए 'अखंड भारत मिशन' नाम का एक संगठन बनाया गया है और देवकीनंदन ठाकुर को इस दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है.
दैनिक भास्‍कर की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव लड़ने के फैसले के साथ ही देवकीनंदन ठाकुर 29 अक्‍टूबर को नई पार्टी के नाम और उसके चिह्न की घोषणा करेंगे. उल्‍लेखनीय है कि अखंड भारत मिशन एससी/एसटी एक्‍ट में हुए किए गए संशोधन का विरोध करता है. इसकी मांग है कि बिना जांच के तुरंत गिरफ्तारी का जो प्रावधान एक्‍ट में है, उसे हटाया जाए.
देवकीनंदन ठाकुर
इस सिलसिले में एक्‍ट के विरोध के चलते पिछले‍ दिनों 11 सितंबर को आगरा में देवकीनंदन ठाकुर को गिरफ्तार भी किया गया था. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सोशल मीडिया पर देवकीनंदन ठाकुर के कई संदेश वायरल हो रहे हैं. जिनमें वह सवर्ण जातियों को एससी/एसटी समुदाय के लोगों के सामाजिक कार्यों का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं. हालांकि इन संदेशों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. इन संदेशों को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आपत्ति दर्ज की जा रही है.
एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ देवकीनंदन ठाकुर ने आगरा के खंदौली में सवर्ण समाज की एक सभा का आयोजन किया था. प्रशासन ने कथा वाचक को इस आयोजन की अनुमति नहीं दी और उनके खंदौली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी.
उसके बाद 11 सितंबर की सुबह देवकीनंदन ठाकुर अपने समर्थकों के साथ आगरा के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस वहां पहुंची और उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले लाई. देवकीनंदन ठाकुर की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों में आक्रोश फैल गया और सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर पुलिस तथा स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. देवकीनंदन ठाकुर ने पुलिस की इस कार्रवाई पर कहा कि पुलिस ने खंदौली में उनके प्रवेश पर रोक लगाई थी और वे कानून का पालन करते हुए खंदौली नहीं गए, लेकिन आगरा में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, यह सरासर लोकतंत्र की हत्या है.
उसी दिन दोपहर बाद पुलिस ने देवकीनंदन ठाकुर को रिहा कर दिया. पुलिस ने उन्हें धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था और निजी मुचलका भरवाकर उन्हें रिहा कर दिया.
मिल रही जान से मारने की धमकियाँ 
अनुसूचित जाति-जनजाति (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहे भागवत कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर को अनजान नंबरों से फोन पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और सोशल मीडिया पर भी उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. उनके ‘शांति सेवाधाम’ आश्रम के प्रबंधक गजेंद्र सिंह ने वृन्दावन कोतवाली में तहरीर देकर पुलिस से इस मामले की जांच करने और ठाकुर की सुरक्षा का आग्रह किया है. पुलिस ने इस संबंध में गत सितम्बर 13 को मामला दर्ज कर लिया. 
पुलिस अधीक्षक (नगर) श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि देवकीनन्दन ठाकुर के व्यवस्थापक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अनजान फोन कॉल और सोशल मीडिया के जरिए भागवताचार्य को गोली मारने तथा शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देने जैसी धमकियां दी जा रही हैं. धमकी के कुछ ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड उनके पास हैं. उन्होंने बताया कि कोतवाली प्रभारी स्वयं इस मामले में जांच कर रहे हैं. गजेंद्र सिंह द्वारा उपलब्ध कराई गई ऑडियो-वीडियो क्लिप तथा फोन रिकॉर्ड के माध्यम से धमकी देने वालों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है. जल्द ही वे लोग सलाखों के पीछे होंगे.
इससे पूर्व सितम्बर 12 को विदेश यात्रा पर रवाना होने से पूर्व देवकीनन्दन ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं अब पीछे नहीं हटूंगा. इसी मुद्दे के लिए ‘अखण्ड भारत मिशन’ का गठन किया गया है. वस्तुतः हम व्यक्ति विशेष अथवा किसी समाज के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन यदि एक वर्ग का भला करने के चक्कर में दूसरों के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाने का प्रयास किया जाता है, समाज को बांटने की कोशिश की जाती है तो उसका विरोध अवश्य किया जाएगा.’’ 

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