सपा की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक पर अलीगढ़ में हुआ हमला; उभर कर आया केवल मुस्लिम दर्द

pankhuri pathak
सपा की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक पर अलीगढ़ के अतरौली में हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि पंखुड़ी पाठक अक्टूबर 6 की दोपहर में  पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मुस्तकीम और नौशाद के परिजनों से मिलने यहा पहुंची थीं। उनके पहुंचने के बाद बताया जा रहा है कि कथित रूप से बजरंग दल के कार्यकर्ता पंखुड़ी के उनके घर जाने पर आपत्ति जताने लगे और कहा कि 'यहां जो हिंदू मारे गए हैं उनके घर भी जाना चाहिए' इस पर पंखुड़ी ने एतराज जताया उसके बाद उनके ऊपर हमला कर दिया गया।
पंखुड़ी ने इस हमले का फेसबुक लाइव कर दिया जिसमें दिख रहा है कि उनके साथ क्या किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि हाल ही में इस इलाके में हिन्दू समुदाय के छह लोगों की हत्या अलग अलग हुई थी। इन हत्याओं मे नौशाद और मुस्तकीम आरोपी थे बाद में ये दोनों पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। बजरंग दल के कार्यकर्तांओं का कहना है कि ये लोग राजनीति करने आए है। ये लोग तो उनके घर नहीं गए, जिनके सदस्यों की इन बदमाशों ने हत्या कर दी थी। लेकिन, ये अब बदमाशों के परिवार के प्रति सहानुभूति जताने आए हैं 
अलीगढ़ में पिछले दिनों हुए एक लाइव एनकाउंटर ने पुलिस को सवालों के घेरे में ला दिया है।  इस एनकाउंटर में दो बदमाश मुस्तकीम और नौशाद मारे गए थे। मारे गए बदमाशों के परिजनों से मिलने पंखुड़ी पाठक, अमरेश मिश्रा समेत करीब दस लोग अतरौली पहुंचे थे। सभी लोग जब बदमाशों के परिजनों से मिल रहे थे, तभी वहां पहुंचे करीब पंद्रह से बीस लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया 
अपने उपर हुए इस हमले से पंखुड़ी पाठक खासी नाराज हैं और कह रही हैं कि हमने पहले ही अगाह कर दिया था कि मैं आज मुस्तकीम और नौशाद के परिजनों से मिलने जा रही हूं और वहां पर बजरंग दल के कार्यकर्ता मौजूद हैं और मेरे साथ कोई अनहोनी होती है तो कौन जिम्मेदार होगा ये सब जानते हैं।
I am on the way to Atrauli to meet the families of Naushad & Mustaqeem. We are told that Bajrang Dal goons have surrounded their houses to stop us from meeting the victims’ family. If we are attacked today, everybody should know who was responsible. @Uppolice
पंखुड़ी पाठक के मुताबिक जब वो मुस्तकीम और नौशाद के घर पहुंची तो तमाम लोग आ गए। उन्होंने कहा कि ये बदमाश हैं, इनसे मिलने आ रहे हो तो उनसे भी मिलने जाइए, जिनकी हत्या हुई है। इस पर पंखुड़ी ने विरोध किया तो ये लोग भड़क गए पंखुड़ी के मुताबिक ये बजरंग दल के कार्यकर्ता थे।
उन्होंने पंखुड़ी पाठक के साथ हाथापाई कर दी और उनके साथ आए लोगों को भी पीटा। उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया गया पंखुड़ी पाठक बमुश्किल वहां से निकल पाईं। पंखुडी पाठक ने बताया कि  कुछ साथियों ने वहां से भागने का प्रयास किया, तो बजरंग दल के कार्यकर्ता उनके पीछे दौड़े और उन्हें पीटा।
'टाइम्स नाउ हिंदी' से फोन पर हुई बातचीत में पंखुड़ी पाठक ने अपने साथ हुई घटना को बयां किया और कहा कि 'एक महिला पर पुलिस की मौजूदगी में इस तरीके का हमला होता है वो भी जब मैने यहां आने के बारे में पहले ही आगाह कर दिया था तो आप समझ सकते हैं कि हालात कितने बदतर हैं।'
आपने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस से क्यों नहीं की तो पंखुड़ी का जबाब था कि 'पुलिस थाने में भी बजरंग दल कार्यकर्ता थे और वहां मुझपर फिर से हमला हो जाता, मैं इस मामले को दिल्ली में उठाउंगी और लखनऊ में डीजीपी के सामने रखेंगी।'
उनका कहना है कि यहां पर मुझे मरवाने का पूरा प्लान था, यदि थोड़ी देर भी वहां रुकते, तो मार दिया जाता। पंखुड़ी पाठक का कहना है पुलिस की मौजूदगी में मुझ पर हमला हुआ ये उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है।
वास्तव में पंखुड़ी जिस पार्टी से जुडी हुई थी, वहाँ हिन्दू हितों की कम और मुस्लिम हितों की ज्यादा चिन्ता की जाती हैं। ये तथाकथित धर्म-निरपेक्ष साम्प्रदायिक सौहार्द ख़राब रख अपनी राजनीती खेलते हैं। इन्हे केवल मुस्लिमों की चिन्ता रहती है, हिन्दुओं की नहीं। जिन लोगों के घर ये विधवा-विलाप करने गयीं थी, उन लोगों के घर मातम करने क्यों नहीं गयीं, जिनकी इन्ही लोगों ने हत्या कर दी थी। आखिर कब तक ये तथाकथित धर्म-निरपेक्ष नेता साम्प्रदायिकता का नंगा नाच करते रहेंगे? 
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