अबकी बार, हिन्दुओ की सरकार : प्रवीण तोगड़िया


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के संस्थापक प्रवीण भाई तोगड़िया ने अयोध्या में संकल्प सभा करते हुए नई पार्टी का अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के संस्थापक प्रवीण भाई तोगड़िया ने अयोध्या में संकल्प सभा करते हुए नई पार्टी का एलान कर दिया है। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जिन लोगों ने राम के नाम पर चुनाव लड़ा वो सत्ता मिलते ही राम को भूल गए। उन्होंने अपने समर्थकों संग अबकी बार हिन्दुओं की सरकार का नारा दिया। नई पार्टी के एलान के साथ ही तोगड़िया ने लोकसभा चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर दी। नई पार्टी के नाम की घोषणा दिल्ली में होगी।
तोगड़िया ने सत्ता में आने पर हर हिन्दू को भोजन, शिक्षा व रोजगार देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने समद्घ भारत, समृद्घ हिन्दू का नारा दिया था लेकिन सत्ता में बैठे लोग हिन्दू हितों की बात भूल गए हैं। मस्जिदों में जाते हैं। हम राम मंदिर नहीं तो वोट नही का नारा लेकर जागरुकता फैलाएंगे और केंद्र में हिन्दुओं की सरकार बनाने के लिए काम करेंगे। तोगड़िया ने मुस्लिमों की जनसंख्या पर भी नियंत्रण लगाने की बात कही।
वैसे जब कभी भी देश में परिवार नियोजन की बात होती है, मुस्लिमों से पहले कुर्सी के भूखे छद्दम धर्म-निरपेक्ष विधवा-विलाप कर आम जनमानस को भ्रमित करने सडकों पर उतर आते हैं। गम्भीरता से देखा जाए तो आम मुस्लिम भी आज तीसरे बच्चे के पक्षधर नहीं, लेकिन वोट के भूखे उनके दिमाग में इस्लाम के विरुद्ध जहर फैलाकर परिवार नियोजन योजना का विरोध करने लगते हैं। 2019 चुनाव उपरान्त मोदी सरकार इन छद्दमों के बैंक खातों की जाँच कर आमदनी से अधिक जमा पर सख्त कार्यवाही करे। जिस दिन केन्द्र सरकार ने इन छद्दमों को बेनकाब करना प्रारम्भ कर दिया, कोई आतंकवादी तो क्या पाकिस्तान और चीन को भी भारत की तरफ आँख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं होगी, और जाति-धर्म-मजहब के नाम पर खुले दुकानें यानि पार्टियाँ अपने आप लुप्त होनी शुरू हो जाएँगी। इन लोगों ने राजनीती को व्यापार बनाकर रख दिया है। देश में भ्रष्टाचार भी आधे से अधिक समाप्त हो जाएगा। प्रमाण जगजाहिर है, बाबरी मस्जिद के नाम पर किस तरह मुस्लिम समाज की भावनाओं से खेला जा रहा है। क्यों खुदाई में मिले राममन्दिर के अवशेषों को कोर्ट से छुपाया गया। दशहरे पर रामलीला मंचन स्थलों पर माल बटोरने तो पहुँच जाते हैं, लेकिन वही नेता कोर्ट में राम के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं। छद्दम धर्म-निरपेक्षों को इनकी औकात दिखाने का दायित्व केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि समस्त देशवासियों का भी है। चुनावों में इन छद्दमों को लोकतन्त्र के नाम पर वोट ही न देकर समझाएँ कोर्ट में राम, कृष्ण और शिव पर अवरोध करने का क्या अन्जाम होता है। इस तरह का कदम साम्प्रदायिक नहीं, वास्तविक लोकतन्त्र का उदाहरण होगा। 
 इस सन्दर्भ में अवलोकन करें:--
मुगलवाद को जिस तरह भारत में ज़िंदा रखा जा रहा है और वोट के भूखे नेता कट्टरपंथियों के आगे शीश झुकाते हैं, विश्व में भारत को एक मजाक बना दिया है, विश्व इन करतूतों की वजह से हम पर हँसता है। मक्का जिसे इस्लाम का तीर्थ कहा जाता है, भारत में मुगलों के हिमायती जवाब दें कि मक्का में बनी बिलाल मस्जिद कहाँ है? जहाँ सजदा किए बिना हज पूरा नहीं होता था। किसी माई के लाल में हिम्मत है, सऊदी सरकार के विरुद्ध एक लब्ज़ निकाल सकें। भारत में मुगलों के लिए विधवा-विलाप करने वाले सऊदी सरकार के विरुद्ध मुँह खोलने का अर्थ भलीभाँति जानते है कि कहीं हमारे हज के जाने पर वहाँ की सरकार प्रतिबन्ध न लगा दे। भारत में ही कह सकते हैं "हमारा सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकता है, किसी और के आगे नहीं", अब कोई इनसे पूछे सऊदी सरकार के विरुद्ध क्यों नहीं ? सऊदी सरकार के आगे झुक गया न सिर, इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए?
इसके पहले अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के संस्थापक प्रवीण तोगड़िया के समर्थकों व पुलिस के बीच अयोध्या में रामकोट की परिक्रमा के दौरान भिड़ंत हो गई।  इस दौरान समर्थकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता परिक्रमा मार्ग बदलने पर नाराज हो गए और पुलिस से भिड़ गए ऐसे में कुछ देर के लिए अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस दौरान कार्यकर्ता जय श्री राम और मोदी विरोधी नारे लगाते रहे।
हालात को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच प्रवीण तोगड़िया ने प्रशासन के मनाने पर उन्मादी भीड़ को समझाकर शांत करवाया। तोगड़िया अपने समर्थकों संग सरयू तट की ओर रवाना हो गए जहां उन्होंने नई पार्टी का ऐलान किया।

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