#METOO: एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर पहली बार बोले अमित शाह

इन दिनों देश भर में  #metoo अभियान बड़े ही जोरों-शोरो से चल रहा है. #MeToo की चपेट में सिर्फ बॉलीवुड के कलाकार ही नहीं बल्कि राजनेता भी आए हैं. केंद्रीय मंत्री और विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर पर भी कई महिलाओं ने यौन शोषण आरोप लगाया है और अब उनके आरोपों का मामला तूल पकड़ रहा है. खुद बीजेपी की महिला मंत्रियों ने भी अकबर के खिलाफ मोर्चा खोला और कहा कि सभी पीड़िताओं को न्याय जरूर मिलना चाहिए. हालांकि अकबर अभी विदेश दौरे पर हैं और ऐसे में बीजेपी पर उनके आरोपों को लेकर जवाब देने का दबाव बन रहा है.
हाल ही में स्मृति ईरानी ने इस मामले पर अपना बयान दिया था और अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस मामले पर अपनी टिप्पणी दी है. अमित शाह ने कहा कि ‘एम जे अकबर के खिलाफ लगे सभी आरोपों पर जांच होगी. इस मामले पर सत्यता से जांच करनी पड़ेगी. उन्हें पद की सत्यता और जिस व्यक्ति ने ये पोस्ट किया है उसकी भी जांच करनी पड़ेगी.’
एमजे अकबर पर लगे आरोपों के बाद पहली बार बीजेपी के किसी बड़े नेता का इस पर बयान आया है. अमित शाह ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए किसी पर भी आरोप लगाए जा सकते हैं. ऐसे में इसकी सत्यता की जांच जरूरी है.
कई महिलाओं ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपने पत्रकारिता की नौकरी के दौरान एमजे अकबर ने कई महिला सहकर्मियों का यौन शोषण किया था. करीब नौ महिला पत्रकार सोशल मीडिया पर एमजे अकबर पर गंभीर आरोप लगा चुकी हैं.
इस पर भाजपा वरिष्ठ नेता डॉ सुब्रमण्यन भी एम जे अकबर पर अपनी प्रक्रिया दे चुके हैं कि इन घटनाओं के घटित होने जाँच की माँग उठाने पर मुझे चुप करवा दिया गया था। 
शाह ने अपनी बातचीत में आगे कहा कि ‘आप मेरे नाम का इस्तेमाल करते हुए भी कुछ लिख सकते हैं. तो मुझे ऐसा लगता है कि इसकी सत्यता की जांच होनी चाहिए. सोशल मीडिया पर किसी पर भी आरोप लगा देना आसान है इसलिए इस पर जरूर सोचेंगे.’
शाह का ऐसा मानना है कि अकबर पर लगे आरोपों से नकारात्मक संदेश जा रहा है और पार्टी इसे लेकर चिंतित है. वैसे शाह का ऐसा बयान राजनीति के क्षेत्र में बहस का एक नया मुद्दा भी बन सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें एम जे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन शोषण आरोप लगाया है. ये तब का मामला है जब वह कई मीडिया पब्लिकेशंस में एडिटर थे.
एमजे अकबर पर आरोप लगने के बाद बीजेपी के कुछ नेता उनके पक्ष में बयान दे रहे हैं तो कुछ उनके खिलाफ बोल रहे हैं. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि एमजे अकबर पर लगे आरोप अगर सही हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि यह महिलाओं और एमजे अकबर के बीच का मामला है. इसपर उनका कुछ भी कहना गलत होगा.
उधर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने #Metoo कैंपेन के तहत महिलाओं की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए रिटायर्ड जजों की एक कमेटी बनाने की बात कही है. इसी बीच एक विदेशी महिला पत्रकार ने आरोप लगाए हैं कि 2007 में इंटर्नशिप के दौरान एमजे अकबर ने उसका यौन उत्पीड़न किया था.
मेनका गांधी ने मंगलवार को एक समाचार चैनल को यहां बताया, ‘ताकतवर पदों पर बैठे पुरूष अक्सर ऐसा करते हैं. यह बात मीडिया, राजनीति और यहां तक कि कंपनियों में वरिष्ठ अधिकारियों पर भी लागू होती है.’ उन्होंने कहा कि अब जब महिलाओं ने इस बारे में बोलना शुरू किया है तो उनके आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनका मजाक बनाएंगे, उनके चरित्र पर उंगलियां उठाएंगे. लेकिन अब जब उन्होंने बोलना शुरू किया है तो हर एक आरोप के बारे में कार्रवाई की जानी चाहिए.’ 

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