
पोस्टर लगने के बाद मचा हड़कंप अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में 6 दिसंबर को विवादित पोस्टर लगे है। पोस्टर लगने के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया हैं। पोस्टर में बाबरी के पुनर्निर्माण की बात कही गई है। एएमयू में पोस्टर लगने की जानकारी मिलते ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आनन-फानन में पोस्टरों को हटा दिया है। फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कर रहा है।
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यूनिवर्सिटी में बिना परमिशनके नहीं लग सकते पोस्टर इस मामले पर एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद इन पोस्टरों को हटाया गया है। ये पोस्टर कई जगह लगे हुए थे। इन पोस्टरों में किसी भी आयोजक या संयोजक का नाम नहीं लिखा गया था। इसकी जांच की जा रही है कि इन पोस्टर्स को किसने लगाया है। क्योंकि यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम आयोजन से पूर्व किसी भी प्रकार से कोई भी पोस्टर बिना प्रॉक्टर ऑफिस से पास कराये बिना नहीं लगाया जा सकता है।वास्तविकता तो यह है कि नाइंसाफी तो हिन्दुओं के साथ हुई है, जिनके आराध्य श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित मन्दिर को हिन्दू विरोधी बाबर ने तोड़ दिया था। दुःख इस बात का है कि जयचन्दी हिन्दू बाबर वंशों का साथ दे रहे हैं। इतिहास साक्षी है, हिन्दू राज्य से लेकर ब्रिटिश युग तक रहे जयचन्दों का नाम काले अक्षरों में लिखा है।
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