लखनऊ: अवैध खनन घोटाले के मामले में CBI की बड़ी कार्रवाई, चर्चित IAS बी चंद्रकला के घर पर भी छापेमारी


हमीरपुर अवैध खनन घोटाले के मामले में जनवरी 5 को सीबीआई ने लखनऊ में कई जगहों के अलावा आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ आवास पर भी छापेमारी की है। चंद्रकला हमीरपुर और बुलंदशहर की डीएम रह चुकी हैं और उन पर डीएम रहते हुए अवैध खनन कराने का आरोप है। यह अवध खनन घोटाला अखिलेश यादव की सरकार के दौरान हुआ था। इस छापेमारी से अखिलेश यादव की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अदालत ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।
सीबीआई ने इस छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। चंद्रकला लखनऊ में योजना भवन के पास सफायर अपार्टमेंट में रहती हैं। सीबीआई ने इस मामले में लखनऊ के अलावा कानपुर तथा अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है।
चंद्रकला पर आरोप है जब उनकी पोस्टिंग हमीरपुर जिले के जिलाधिकारी (डीएम) के रूप में की गई थी तो उस दौरान उन्होंने मौरंग के 50 खनन पट्टे आवंटित किए थे, जबकि इसके लिए पहले टेंडर देने का नियम था। इन अवैध खनन पट्टों को लेकर स्थानीय लोगों ने बड़ा प्रदर्शन भी किया था। 2015 में इसे लेकर हाइकोर्ट में एक याचिका भी दायर हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने हमीरपुर में जारी किए गए सभी पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे।


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Lucknow: Central Bureau of Investigation (CBI) raids IAS officer B Chandrakala's residence in connection with the illegal sand mining case of Uttar Pradesh.
बी चंद्रकला को तेज-तर्रार आईएएस अधिकारियों में शुमार किया जाता है। उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी चंद्रकला काफी लोकप्रिय हैं और उनके फेसबुक पेज पर 85 लाख से ज्यादा लाइक्स हैं। तेंलंगाना के करीमनगर की रहने वाली चंद्रकला 2008 बैच आईएएस अधिकारी हैं। कुछ साल पहले जब वह बुलंदशहर की डीएम थी तो उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था
Image result for अखिलेश यादव pngक्या अखिलेश यादव तक पहुंचेगी अवैध खनन मामले की आंच? सीबीआई कर सकती है पूछताछ
जनवरी 5 को सीबीआई (CBI) ने अवैध रेत खनन मामले में आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला के घर समेत उत्तर प्रदेश में 14 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी जालौन, हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर में की गई। अवैध रेत खनन मामले में बसपा नेता सत्यदेव दीक्षित और सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के आवासों पर भी छापेमारी की गई। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, सरकारी अधिकारियों समेत 11 लोग इसमें शामिल थे। सीमित अवधि के लिए प्रतिबंध था, हालांकि सरकार के अधिकारियों ने प्रतिबंध अवधि के दौरान भी खनन की अनुमति दी।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, 'आदिल खान, बी चंद्रकला, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा एमएलसी रमेश मिश्रा और उनके भाई, खनन लिपिक राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी (हमीरपुर), खनन क्लर्क अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार और संजय दीक्षित आरोपी हैं।' सीबीआई ने BSP के टिकट से विधायकी का चुनाव लड़ चुके संजय दीक्षित के साथ ही उनके पिता सत्य देव दीक्षित के खिलाफ भी कार्रवाई की है.
सीबीआई का कहना है कि 2012 से 2013 तक अखिलेश यादव खनन मंत्री थे। उस दौर में जो भी मंत्री थे, उनकी भूमिका की जांच होगी। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। ऐसे में मामले की आंच अखिलेश यादव तक भी पहुंच सकती है फिलहाल अखिलेश के विधायक रमेश मिश्रा और उसके भाई दिनेश कुमार को सीबीआई ने मामले में आरोपी बनाया हैकानपुर के रहने वाले दिनेश कुमार एक कारोबारी हैं। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इस अवैध खनन मामले में सरकारी अधिकारियों समेत 11 लोग शामिल हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। चंद्रकला हमीरपुर और बुलंदशहर की डीएम रह चुकी हैं और उन पर डीएम रहते हुए अवैध खनन कराने का आरोप है।  चंद्रकला लखनऊ में योजना भवन के पास सफायर अपार्टमेंट में रहती हैं। 
आपको बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कुछ समय के लिए रेत खनन पर रोक लगी थी, लेकिन इसके बावजूद अधिकारी अवैध खनन की इजाजत देते रहे। 
चंद्रकला पर आरोप है जब  उनकी पोस्टिंग हमीरपुर जिले के जिलाधिकारी (डीएम) के रूप में की गई थी तो उस दौरान उन्होंने मौरंग के 50 खनन पट्टे आवंटित किए थे, जबकि इसके लिए पहले टेंडर देने का नियम था। इन अवैध खनन पट्टों को लेकर स्थानीय लोगों ने बड़ा प्रदर्शन भी किया था। आईएएस अधिकारी चंद्रकला पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की रोक के बावजूद खनन लीज की मंजूरी देने और उसको रिन्यू करने का आरोप है। सीबीआई की छापेमारी में उनके पास से प्रोपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही उनके लॉकर और कुछ ज्वैलरी को जब्त किया गया है। वहीं, आदिल खान पर तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की सिफारिश से लीज हासिल करने का आरोप हैसीबीआई ने आदिल खान के लखनऊ और दिल्ली के लाजपत नगर स्थित ठिकाने पर छापेमारी की है। 
चंद्रकला भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियानों के लिए सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हैं। उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहे हैं। उनके फेसबुक पेज पर 85 लाख से ज्यादा लाइक्स हैं।
आरोपों में पहले भी घिर चुकी हैं चंद्रकला
अगर चंद्रकला की बात करें, तो वह पहले भी आरोपों में घिर चुरी हैं। उन्होंने साल 2017 में अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया था। सिविल सेवा अधिकारियों को 2014 के लिए 15 जनवरी 2015 तक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड पेश करना था। केंद्रीय सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग के मुताबिक चंद्रकला की संपत्ति 2011-12 में 10 लाख रुपये थी, जो 2013-14 में बढ़कर करीब 1 करोड़ रुपये हो गई यानी एक साल में उनकी संपत्ति 90 फीसदी बढ़ी

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