पाकिस्तान का आतंकी चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर को कंट्रोल में लेने से पहले बड़ी साजिश को अंजाम दिया है। पाकिस्तानी सेना ने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर समेत 6 टॉप कमांडरों को सुरक्षित स्थान पर छिपा लिया है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को पाकिस्तानी सेना ने आईएसआई के सेफ हाउस में छिपाया है।
भारत की कार्रवाई से डरे पाकिस्तान ने जैश मुख्यालय को नियंत्रण में ले लिया है। जैश का मुख्यालय पाकिस्तान के बहावलपुर में है। पंजाब सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को अपने नियंत्रण में लिया है। जैश ने ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान को इस कार्रवाई को नया ड्रामा माना जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान आतंकी मसूद अजहर को बचाने की कोशिश में है। बहावलपुर में ही पाकिस्तान सेना का 31 कोर का मुख्यालय है।
पाकिस्तान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने एक बयान में कहा, "पंजाब सरकार ने जैश के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है और अपना प्रशासक वहां पर तैनात कर दिया है।" प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई फरवरी 21 को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई एनएससी की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद की गई। प्रवक्ता के मुताबिक, फिलहाल 600 छात्र इस मुख्यालय में पढ़ते हैं और 70 शिक्षक तैनात हैं। पंजाब पुलिस कैंपस को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
मुझे भारत से बचाइए : यूएन में पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखा है, जिसमें भारत पर क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एफओ) ने शुक्रवार (22 फरवरी) को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
यह कदम ऐसे में उठाया गया है जब एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का नाम लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए ‘‘जघन्य’’ हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत बिना किसी सबूत के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है।
पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद का नाम और हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने की अपील समेत वह विशेष भाषा प्रयोग की गई है, जो भारत ने अपने सहयोगी देशों के माध्यम से प्रस्तावित की है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार (22 फरवरी) को इसकी जानकारी दी।
चीन समेत 15 स्थायी और अस्थायी सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने भारत के प्रति एकजुटता एवं समर्थन जताने के लिए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ‘‘जघन्य एवं कायराना’’ आतंकवादी हमले की ‘‘कड़े शब्दों में’’ निंदा की।
अवलोकन करें:-
यूएनएससी ने प्रस्ताव में इस बात को भी दोहराया कि हर प्रकार का आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के समक्ष सबसे गंभीर खतरों में से एक है। परिषद ने आतंकवाद की इन निंदनीय करतूतों को अंजाम देने वाले, इनके आयोजकों, वित्त पोषकों और प्रायोजकों को जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाए जाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। सुरक्षा परिषद ने सभी देशों से अपील की कि वे पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून एवं प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुसार भारत और अन्य सभी प्रासंगिक प्राधिकारियों के साथ सक्रिय सहयोग करें।
भारत की कार्रवाई से डरे पाकिस्तान ने जैश मुख्यालय को नियंत्रण में ले लिया है। जैश का मुख्यालय पाकिस्तान के बहावलपुर में है। पंजाब सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को अपने नियंत्रण में लिया है। जैश ने ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान को इस कार्रवाई को नया ड्रामा माना जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान आतंकी मसूद अजहर को बचाने की कोशिश में है। बहावलपुर में ही पाकिस्तान सेना का 31 कोर का मुख्यालय है।
पाकिस्तान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने एक बयान में कहा, "पंजाब सरकार ने जैश के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है और अपना प्रशासक वहां पर तैनात कर दिया है।" प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई फरवरी 21 को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई एनएससी की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद की गई। प्रवक्ता के मुताबिक, फिलहाल 600 छात्र इस मुख्यालय में पढ़ते हैं और 70 शिक्षक तैनात हैं। पंजाब पुलिस कैंपस को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
मुझे भारत से बचाइए : यूएन में पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखा है, जिसमें भारत पर क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एफओ) ने शुक्रवार (22 फरवरी) को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
यह कदम ऐसे में उठाया गया है जब एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का नाम लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए ‘‘जघन्य’’ हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत बिना किसी सबूत के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है।
पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद का नाम और हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने की अपील समेत वह विशेष भाषा प्रयोग की गई है, जो भारत ने अपने सहयोगी देशों के माध्यम से प्रस्तावित की है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार (22 फरवरी) को इसकी जानकारी दी।
चीन समेत 15 स्थायी और अस्थायी सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने भारत के प्रति एकजुटता एवं समर्थन जताने के लिए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ‘‘जघन्य एवं कायराना’’ आतंकवादी हमले की ‘‘कड़े शब्दों में’’ निंदा की।
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