चाहे देश विरोधी कहें, लेकिन मैं एयर स्ट्राइक का समर्थन नहीं करती हूं : महबूबा मुफ़्ती

महबूबा मुफ्ती ने दी केंद्र को चेतावनी, कहा- 35A से छेड़छाड़ की तो...
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से युद्ध की पैरवी करने वालों को असली जाहिल करार दिया। उन्होंने कहा कि चाहे मुझे देश विरोधी कहें, लेकिन मैं वायुसेना की स्ट्राइक या इसके बाद युद्ध का समर्थन नहीं करती हूं।
महबूबा ने फरवरी 26 को ट्विटर पर लिखा कि वायुसेना की स्ट्राइक पर लोगों में युद्धोन्माद है। ज्यादातर लोग अंजान है, लेकिन पढ़े लिखे लोगों का युद्ध को लेकर उत्साह दिखाना ही असली जहालत है।
अब महबूबा से कोई पूछे युद्ध के लिए ललकार कौन है? फिर अप्रत्यक्ष रूप से देखा जाए तो वह पाकिस्तान को ही जाहिल करार कर रही हैं, क्योकि इतने वर्षों से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देकर भारत को उन्ही का लाडला पाकिस्तान उकसा रहा है। उनके इस वयक्तत्व पर पाकिस्तान को संज्ञान लेकर उन पर फटकारना चाहिए, नाकि हमें उत्तेजित होना चाहिए।  
उन्होंने लिखा है कि मैं शांति की पैरवी करती हूं, जानें कुर्बान करने के बजाए उन्हें बचाया जाए। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे लोगों से सहमत नहीं हूं, जो युद्ध की मांग कर देशभक्ति का सुबूत देने के लिए कह रहे हैं।
महबूबा ने लिखा कि जब पाकिस्तान अपने इलाके में कोई मौत न होने का दावा कर संकेत दे रहा है कि वह सुलह के मूड में है तो उस समय हालात और बिगाड़ना सही नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सबसे अधिक नुकसान कश्मीरियों को होगा। 
इससे पूर्व महबूबा ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A समाप्त करने पर अपनी दुकानदारी बंद होते देख, बौखला गयी हैं।  

महबूबा मुफ्ती ने दी केंद्र को चेतावनी, कहा- 35A से छेड़छाड़ की तो ....



जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को खुले तौर पर चेतावनी दी है. दरअसल, देशभर में चर्चाएं हैं कि केंद्र सरकार आर्टिकल 35ए को खत्म करने पर विचार कर रही है. इसी को लेकर महबूबा मुफ्ती ने केंद्र को कहा कि आग से मत खेलिए, 35ए के साथ छेड़छाड़ मत कीजिए. अगर ऐसा हुआ तो आप वो देखेंगे जो 1947 के बाद से आज कर नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर 35ए को खत्म किया गया तो, मैं नहीं जानती कि जम्मू कश्मीर के लोग मजबूर होकर तिरंगे की जगह कौन सा झंडा उठा लेंगे. 
इससे पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने रविवार को सभी अटकलों को विराम देते हुए कहा था कि अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और निर्वाचित सरकार ही इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में रुख रख पाएगी. सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 35ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. जम्मू कश्मीर में राज्यपाल के प्रशासन के मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किये गये वरिष्ठ नौकरशाह रोहित कंसल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सुप्रम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर सुनवाई को टालने के अनुरोध पर राज्य सरकार का रुख वैसा ही है जैसा 11 फरवरी को अनुरोध किया गया था.’’ 
वह इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि क्या इस विवादास्पद मुद्दे पर राज्यपाल के प्रशासन के रुख में कोई बदलाव आया है. कंसल ने राज्य की जनता से भी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि आधी अधूरी और अपुष्ट सूचनाओं के आधार पर लोग घबराहट पैदा नहीं करें. जम्मू कश्मीर सरकार के वकील ने उच्चतम न्यायालय से अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई को स्थगित करने के लिए सभी पक्षों के बीच एक पत्र वितरित करने के लिए अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा कि राज्य में कोई ‘निर्वाचित सरकार’ नहीं है.
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अनुच्छेद 35 ए राज्य के नागरिकों को विशेषाधिकार प्रदान करता है. सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई कर सकता है. बता दें कि आर्टिकल 35ए पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस तक सभी केंद्र को नसीहत देते हुए नजर आ रहे हैं.

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