
ईरान भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहा है। पाकिस्तानी सरहद से लगते ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में 13 फरवरी को फिदायीन हमलावर ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक बस पर हमला कर दिया था जिसमें बल के 27 कर्मियों की मौत हो गई थी। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स पर पिछले हफ्ते फिदायीन हमला करने वाला हमलावर पाकिस्तानी नागरिक था। बल की सिपाह समाचार एजेंसी ने गार्ड्स के जमीनी बल के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद पाकपौर के हवाले से कहा, 'फिदायीन हमलावर का नाम हफीज मोहम्मद अली था और वह पाकिस्तानी था।'

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भी फरवरी 21 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। सुरक्षा परिषद ने इस घटना के अपराधियों, साजिशर्ताओं और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को ‘इस निंदनीय कृत्य’ के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाने की जरूरत को रेखांकित किया।
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