AAP से गठबंधन को लेकर कांग्रेस में दो फाड़

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
Related imageपिछले कई माह में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता मुक्त करने के लिए मोदी विरोधी गठबन्धन, फिर महागठबन्धन पता नहीं क्या-क्या प्रपंच रच रहे हैं। ऊँट है कि किसी भी करवट बैठने को तैयार नहीं। कल तक जो पार्टियाँ आतंकवाद में मारे जाने बेगुनाहों की लाशों पर हलवा-पूरी खा रहे थे, आतंकवादियों को बचाने कभी "हिन्दू आतंकवाद" तो कहीं "भगवा आतंकवाद" का घिनौना खेल खेलते रहे। किसी ने एक पल भी यह सोंचा कि "आखिर किस कारण हम देश के दुश्मनों का समर्थन कर रहे हैं?" 
Image result for अज़ीज़ बर्नीज्ञात हो मुम्बई हादसे के उपरान्त एक उर्दू पत्रकार की पुस्तक विमोचन करते कौन-कौन नेता थे, सबको मालूम है। देखिए चित्र में।    

लेकिन पुलवामा आतंकी हमले पर मोदी सरकार द्वारा लिए प्रतिशोध ने समस्त मोदी विरोधियों के हाथों से तोते ही उड़ा दिए। 
जहाँ तक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन की बात है, देखा जाए तो दोनों ही सिक्के के एक पहलू हैं। सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप केवल मोदी को शिकस्त देने के लिए ही लगाते हैं। एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते विस्तार से उल्लेख किया था, जिसका किसी भी तरफ से खंडन नहीं गया।  
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हो या न हो, लेकिन इसे लेकर प्रदेश में पार्टी दो फाड़ जरूर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन गठबंधन के पक्ष में हैं तो मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित इसके खिलाफ। अभी तक यह विरोधाभास पार्टी के भीतर ही था, लेकिन अब खुलेआम सामने आने लगा है।
गठबंधन को लेकर कार्यकर्ताओं से की जा रही रायशुमारी पर भी आपसी मतभेद सामने आ गए हैं। शीला दीक्षित ने गठबंधन पर रायशुमारी किए जाने पर सख्त आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि गठबंधन का चैप्टर खत्म हो चुका है, जबकि अजय माकन ने उनकी आपत्ति को सीधे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर अंगुली उठाना बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि इसमें हर्ज ही क्या है।
सप्ताह भर पूर्व ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली के नेताओं की बैठक में भी इस मुद्दे पर आपसी तकरार हो चुकी है। अब इस गठबंधन पर कांग्रेस के शक्ति ऐप से जुड़े प्रदेश के करीब 55 हजार कार्यकर्ताओं से रायशुमारी किए जाने से विवाद और बढ़ गया है।
पीसी चाको की आवाज में कार्यकर्ताओं के पास पहले से रिकॉर्ड आवाज में संदेश आ रहा है। बृहस्पतिवार को जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, शीला दीक्षित का बयान आया कि उन्हें अखबारों से पता चला है कि ऐसा सर्वे हो रहा है। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें नहीं मालूम दिल्ली प्रभारी पी सी चाको ऐसा क्यों कर रहे हैं?
शीला ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में यह फैसला लिया गया था और उस समय लगा था कि अब यह चैप्टर खत्म हो गया है। इसके बाद दोपहर को इस मुद्दे पर जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन से बात की गई तो उनका कहना था कि पार्टी के कार्यकर्ताओं से होने वाली रायशुमारी को कौन बुरा कहेगा। इससे अच्छी बात क्या होगी। पार्टी का कार्यकर्ता भी चाहता है कि सारे फैसले उससे पूछकर लिए जाएं। अगर पार्टी के कार्यकर्ताओं से गठबंधन के बारे में राय पूछी जा रही है तो इसमें आखिर ऐतराज क्यों है।
अजय माकन ने कहा कि यह रायशुमारी शक्ति ऐप के माध्यम से हो रही है जो सीधे राहुल गांधी के निर्देश पर चलता है, इसलिए इसके जरिये राहुल गांधी के निर्णय पर सवाल किया जा रहा है तो जो गलत है। उन्होंने यहां तक कहा कि कभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पार्टी के फैसलों में कार्यकर्ताओं को शामिल करने की बात करते थे। कांग्रेस ने इसे लागू करके दिखाया है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन को आतुर दिख रहे आम आदमी पार्टी के प्रमुख और ....

ऐप पर कार्यकर्ताओं को सुनाई दे रहा है यह रिकॉर्डेड मैसेज
मैं दिल्ली कांग्रेस का प्रभारी पीसी चाको बोल रहा हूं। अगर आप आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं तो एक नंबर दबाएं और अगर नहीं तो दो नंबर दबाएं। आप से गठबंधन हो या नहीं, इस पर कार्यकर्ताओं से शक्ति एप के जरिये राय ली जा रही है।

वहीं, पीसी चाको का कहना है कि कहीं भी दिक्कत होती है तो इसी तरह राय ली जाती है। हालांकि AAP के साथ गठबंधन पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही लेंगे। 

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