जेएनयू देशद्रोह केस: कोर्ट ने पुलिस से पूछा- चार्जशीट दायर करने की जल्दी क्या थी?

Related imageदिल्ली की एक अदालत आज (11 मार्च 2019) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देशद्रोही नारे लगाए जाने के मामले की सुनवाई हुई। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने के लिए अधिकारियों से अभी तक अनुमति नहीं मिली है। दिल्ली की अदालत ने पुलिस से कहा, इस मामले में चार्जशीट दायर करने की जल्दी क्या थी, आप मुकदमे के लिए अनुमति मिलने के बाद भी चार्जशीट दाखिल कर सकते थे। कोर्ट ने कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के मामले में डीसीपी से रिपोर्ट मांगी।
इस मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और कई छात्र के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। लेकिन देशद्रोह मामले में जिस प्रदेश में मामला घटित होता है उस प्रदेश के सरकार से अनुमति लेनी होती है। जेएनयू दिल्ली में हैं इसलिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से अनुमति लेनी थी लेकिन दिल्ली की AAP सरकार ने अभी तक अनुमति नहीं दी। लेकिन यह समझ से दूर है कि आखिर क्या कारण है कि दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस को केस चलाने की इजाजत क्यों नहीं दे रही? कोर्ट ने हाल में कहा था कि 2016 के राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं देती है तो भी वह इसकी सुनवाई की दिशा में आगे बढ़ेगी। 
जांच अधिकारी ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत से कहा था कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को अबतक जरूरी मंजूरी नहीं दी है और न ही उसने कोई जवाब दिया है। अदालत ने इस मामले को अगली सुनवाई 11 मार्च को करेगी।
दिल्ली पुलिस ने संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू की बरसी पर 9 फरवरी, 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी करने को लेकर कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्य के खिलाफ जनवरी में राजद्रोह के आरोप लगाये थे।

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