लोकसभा चुनाव में अब चंद महीने ही बचे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने की संभावनाओं पर पूरी तरह से विराम लग गया है। मार्च 6 को राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद शीला दीक्षित ने आधिकारिक ऐलान कर दिया कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं हो सकता। ऐसे में एबीपी न्यूज ने दिल्ली की जनता की नब्ज जाननी चाही। उसने सर्वे किया कि अगर अभी लोकसभा चुनाव होते हैं तो क्या होगी दिल्ली के सियासत की तस्वीर? आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने का सीधा फायदा अब बीजेपी को मिलता दिख रहा है। सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि इस बार के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर बीजेपी की जीत होगी।
भाजपा को 47 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान
इस सर्वे में भाजपा को 47 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है जबकि आम आदमी पार्टी को 20 और कांग्रेस को 22 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है। पुलवामा हमले से पहले भी दिल्ली में बीजेपी मजबूत दिखाई दे रही थी। इसी बीच खबर आई कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया। पुलवामा हमले से पहले किए गए सर्वे में बीजेपी को 45 फीसदी वोट शेयर, कांग्रेस को 24.5 फीसदी वोट शेयर और आप को 23 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा था। इसका मतलब साफ है कि दिल्ली में लोग इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी पर ही भरोसा जता रहे हैं।
AAP-कांग्रेस का होता गठबंधन तो भाजपा को नुकसान होता
सर्वे में ये भी बात सामने आ रही है कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हो जाता तो बीजेपी को कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता था। सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के हाथ मिलाने से लोकसभा चुनावों में भाजपा को चार सीटों पर ही जीत हासिल होती जबकि कांग्रेस और आप के खाते में तीन सीटें जातीं।
अवलोकन करें:-
मुख्यमंत्री के लिए केजरीवाल अभी भी दिल्ली की पसंद
सर्वे के मुताबिक दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है। यानी दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को पसंद कर रही है। अगर अभी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं तो आप को 39 सीटें मिलने का अनुमान है। बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए। वहीं बीजेपी को 26 तो कांग्रेस को महज 5 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। सी वोटर ने एबीपी न्यूज़ के लिए दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर सर्व किया। ये सर्वे 25 फरवरी से 3 मार्च के बीच किया गया।
भाजपा को 47 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान
इस सर्वे में भाजपा को 47 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है जबकि आम आदमी पार्टी को 20 और कांग्रेस को 22 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है। पुलवामा हमले से पहले भी दिल्ली में बीजेपी मजबूत दिखाई दे रही थी। इसी बीच खबर आई कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया। पुलवामा हमले से पहले किए गए सर्वे में बीजेपी को 45 फीसदी वोट शेयर, कांग्रेस को 24.5 फीसदी वोट शेयर और आप को 23 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा था। इसका मतलब साफ है कि दिल्ली में लोग इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी पर ही भरोसा जता रहे हैं।
AAP-कांग्रेस का होता गठबंधन तो भाजपा को नुकसान होता
सर्वे में ये भी बात सामने आ रही है कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हो जाता तो बीजेपी को कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता था। सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के हाथ मिलाने से लोकसभा चुनावों में भाजपा को चार सीटों पर ही जीत हासिल होती जबकि कांग्रेस और आप के खाते में तीन सीटें जातीं।
अवलोकन करें:-
सर्वे के मुताबिक दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है। यानी दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को पसंद कर रही है। अगर अभी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं तो आप को 39 सीटें मिलने का अनुमान है। बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए। वहीं बीजेपी को 26 तो कांग्रेस को महज 5 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। सी वोटर ने एबीपी न्यूज़ के लिए दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर सर्व किया। ये सर्वे 25 फरवरी से 3 मार्च के बीच किया गया।
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