कांग्रेस घोषणा पत्र : देशहित के विरुद्ध क्यों?

कांग्रेस घोषणा पत्र: गरीबों को सालाना 72 हजार रु, युवाओं को 22 लाख सरकारी नौकरियों का वादा
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के लिए कांग्रेस पार्टी मंगलवार(अप्रैल 2) को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में इसे जारी किया. कांग्रेस घोषणा पत्र कमेटी के सदस्यों पी चिदंबरम, एके एंटनी, मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल रहे हैं. कांग्रेस के घोषणा पत्र  का नाम हम निभाएंगे रखा है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जब हमने इस घोषणा पत्र को बनाने की सोची तो हमने इस बात का खास ध्यान दिया कि इसमें जनता की मांगों को ज्यादा मात्रा में शामिल किया जाए. ये घोषणा पत्र हम कमरों में बैठकर भी बना सकते थे. लेकिन हमने ऐसा नहीं किया इसके लिए हम जनता की बीच गई उनकी मांगों को सुना. मैं घोषणा पत्र कमेटी का धन्यवाद देता हूं.कांग्रेस का यह घोषणापत्र 54 पन्नों का है। इस मौके पर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने देश की लोकतांत्रिक संस्थानों को नष्ट करने का काम किया है और सत्ता में आने पर कांग्रेस सभी वर्गों को 'न्याय' दिलाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी राज्यों में कांग्रेस का गठबंधन है और वह चुनाव में भाजपा को हराएगी। घोषणापत्र जारी होने के मौके पर कांग्रेस के बड़े नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिंदबरम, रणदीप सुरजेवाला और शीला दीक्षित मौजूद थे। चिदंबरम जी, एंटनी जी और मनमोहन सिंह जी का बहुत बहुत धन्यवाद.
देश तोड़ने वाला घोषणा पत्र 
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर जारी घोषणा पत्र को देश को तोड़ने वाला बताया है. अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में देशद्रोह कानून को हटाने की बात की गई है. देश को तोड़ने वाले ऐसे वादे करने वाली कांग्रेस एक वोट की भी हकदार नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नियमों और कानूनों की समीक्षा करने की घोषणा की है. माओवादियों को बचाने के लिए सीआरपीसी में बदलाव की बात की गई है. 
जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना और सीआरपीएफ सैनिकों की तैनाती में कमी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अफस्पा के प्रावधान कमजोर करने की बात भी कही है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में खतरनाक वादे किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिन नियमों को पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ने नहीं हटाया, उन्हें राहुल गांधी हटाने की बात कर रहे हैं. 
कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी जिहादियों और माओवादियों के चंगुल में है. कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है कि आईपीसी (IPC) से सेक्शन 124-A (देशद्रोह कानून) को हटा दिया जाएगा. इसका सीधा मतलब है कि कांग्रेस के राज में देशद्रोह करना अपराध नहीं होगा. जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है, वो एक भी वोट की हकदार नहीं है.
उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार की जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल थी, उस एजेंडा को कांग्रेस अध्यक्ष आगे बढ़ा रहे हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा 
कांग्रेस सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के कार्यकाल को वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगी। इनकी शक्तियां एवं कार्यों को परिभाषित किया जाएगा। इनके अधीन कार्यरत एजेंसियां संसद के प्रति जवाबदेह होंगी।
आंतरिक सुरक्षा 
कांग्रेस आतंकवाद, आतंकवादियों की घुसपैठ, माओवादी/नक्सलवाद, जातीय साम्प्रदायिक संघर्ष से निपटने के उपाय करेगी। आतंकवाद और आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ कठोरतम उपाय किया जाएगा। माओवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए कांग्रेस दोहरी रणनीति अपनाएगी। हिसंक गतिविधियों को रोकने के लिए जहां एक तरफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे कि प्रभावित क्षेत्र की जनता के साथ-साथ माओवादी कार्यकर्ताओं का दिल जीत कर मुख्यधारा में लाया जा सके।
न्याय योजना
सबसे पहला थीम है न्याय, हम पीएम मोदी के झूठ को पकड़ा और जनता की राय को जाना. गरीबी पर वार 72000 ये कांग्रेस का वादा भी है और नारा है. एक साल में 72 हजार और 5 साल में 3 लाख 60 हजार. इससे किसानों और गरीबों की जेब में सीधा पैसा जाएगा.

युवा और किसान
देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. 22 लाख पदों को 2020 तक कांग्रेस पार्टी भर देगी. तीन साल के लिए हिंदुस्तान के युवाओं को कोई बिजनेस खोलने के लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं. मनरेगा में 150 दिन काम की गारंटी.  10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में रोजगार होगा. अगर किसान कर्जा ना दे पाए तो वह क्रिमिनल नहीं सिविल ऑफेंस होगा.

शिक्षा और स्वास्थ्य
जीडीपी का 6 प्रतिशत पैसा हिंदुस्तान की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा. नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे कम किया था. हम प्राइवेट इंशोरेंस पर भरोसा नहीं करेंगे, हम सरकारी हेल्थ सुविधा को मजबूत करेंगे.

पहले ही कांग्रेस की चुनावी घोषणा पत्र कमेटी के सदस्य भालचंद्र मुंगेकर ने कहा था कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही राफेल मामले में जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा.  भालचंद्र मुंगेकर ने कहा था, 'सत्ता में आते ही, पहले दिन ही हम राफेल मामले में जांच के लिए कदम उठाएंगे और हम इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करेंगे.'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इससे पहले न्यूनतम आय योजना (न्याय) और स्वास्थ्य के अधिकार के साथ किसान की कर्ज माफी तथा दलितों एवं ओबोसी समुदायों के लिए कई प्रमुख वादे हो सकते हैं. इस मौके पर कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम और दूसरे वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है.
 इस घोषणापत्र को 'जन आवाज'  नाम दिया गया है। घोषणापत्र में डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने, 2030 तक गरीबी मिटाने, देशद्रोह कानून खत्म करने और जम्मू-कश्मरी पर वार्ता के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखने की बात कही गई है। कांग्रेस का वादा है कि वह सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफस्पा) की समीक्षा भी करेगी।  

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