कांग्रेस के नारे पर भाजपा का वार "अब होगा न्याय"

Sadhvi Pragya
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा को भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने पर विपक्षी पार्टियां जहां भगवा पार्टी पर हमलावर हैं। वहीं, दिल्ली के भाजपा नेता एवं प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कांग्रेस की 'न्याय' स्कीम के जरिए उस पर ही निशाना साधा है। दिल्ली की सड़कों पर पोस्टर्स लगे हैं। पोस्टर में साध्वी प्रज्ञा की तस्वीर हैं और इस पर लिखा है 'अब होगा न्याय'। तस्वीर के नीचे निवेदक के रूप में बग्गा का नाम है। इस तस्वीर में साध्वी प्रज्ञा काफी कमजोर नजर आ रही हैं। भाजपा ने प्रज्ञा को भोपाल सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजिय सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। बग्गा पहले भी अपने पोस्टरों के जरिए कांग्रेस पर हमला बोल चुके हैं। उनके पोस्टरों पर पहले विवाद भी खड़ा हो चुका है। 
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कांग्रेस ने वादा किया है कि यदि वह सत्ता में आई तो वह देश के 20 प्रतिशत गरीबों को उनके बैंक खाते में सलाना 72 हजार रुपए ट्रांसफर करेगी। उसने अपनी इस न्यूनतम आय गारंटी योजना को 'न्याय' नाम दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में अपनी इस योजना का बार-बार उल्लेख कर रहे हैं। कांग्रेस को लग रहा है कि यह योजना उनके लिए गेम चेंजर साबित होगी। कांग्रेस ने इस स्कीम को गरीबी पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' बताया है। वहीं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की यह स्कीम महज एक नारा है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने गरीबी और गरीबों के नाम केवल लोगों को ठगा है।
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Image result for हिन्दू आतंकवाद कांग्रेससाध्वी प्रज्ञा भोपाल सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। वह इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को चुनौती देंगी। दिग्विजय सिंह और साध्वी में पुरानी रंजिश बताई जाती है। साल 2008 के मालेगांव विस्फोट में साध्वी आरोपी हैं और वह जमानत पर हैं। उनके चुनाव लड़ने को अदालत में चुनौती भी दी गई है। भाजपा भोपाल सीट पर दिग्विजय सिंह को कड़ी टक्कर देने के लिए एक कट्टर हिन्दुवादी चेहरे को उतारना चाहती थी। अप्रैल 18 को साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में प्रेस को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने जेल में बिताए गए दिनों को याद कर रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि जेल में उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गईं।
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भाजपा ने दिग्विजय के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारकर एक बड़ा दांव चला है। साध्वी प्रज्ञा की छवि कट्टर हिंदूवादी है। साध्वी अपने साथ हुए नाइंसाफी के लिए दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम को जिम्मेदारी ठहराती रही हैं। ऐसे में यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि भोपाल में किस तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते हैं और उसका मतदाताओं पर कितना असर होता है। 
साध्वी प्रज्ञा 23 अक्टूबर 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं। इस हमले के बाद उनकी कथित संलिप्तता के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया और वह नौ वर्षों तक जेल में रहीं। उनकी पहचान हिंदुत्व के एक कट्टर चेहरे की रही है। वह गांव-गांव जाकर हिंदुत्व का प्रचार करती थीं। उनके भाषण की कला लोगों को प्रभावित करती रही है। 
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सच्चाई से घबराती कांग्रेस और यूपीए समर्थक पार्टियाँ 
लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चुनाव आयोग कोई रोक नहीं लगाएगा। मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाल ने चुनाव आयोग पहुंचे थे। तहसीन ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ गंभीर अपराधों के तहत मामला विचाराधीन है। इसलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए। कानून के तहत साध्वी प्रज्ञा पर नहीं लग सकता चुनाव लड़ने पर रोक
बताया जा रहा है कि साध्वी प्रज्ञा किसी भी मामले में दोषी नहीं, दोष सिद्ध होने पर चुनाव न लड़ने का प्रावधान है न की आरोपी होने पर। गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को बताया था कि जेल में उन्हें किस तरह से प्रताड़ित किया गया था
देखिए छद्दम धर्म-निरपेक्ष नेता दशहरा त्यौहार
पर रामलीला मंचन स्थल पर अपनी
आस्था दिखाने वाले कोर्ट
में क्या बयान देते हैं!
ऐसे तुष्टिकरण के पुजारी
छद्दम धर्म-निरपेक्ष नेताओं
ने "हिन्दू आतंकवाद" और
"भगवा आतंकवाद" का
शिगूफा छोड़ा था। 
राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने अप्रैल 18 को चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोका जाए क्योंकि उन पर आतंकवाद संबंधी आरोप हैं। आयोग को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते(एटीएस) ने पाया कि साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके में ठाकुर ‘‘मुख्य षड्यंत्रकर्ता’’ हैं। इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी।  
Related imageउन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह बम धमाके में उनका नाम सामने आया है। उन्होंने इस खत में लिखा, ‘‘मैं भारत के चुनाव आयोग से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करूंगा कि वह आदर्श आचार संहिता 2019 को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाये और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करते हुये उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाये।’’ 
प्रज्ञा ठाकुर नौ साल जेल में रही हैं और 2017 में उन्हें खराब सेहत के चलते जमानत पर रिहा किया गया। उन पर गैर कानूनी गतिविधिया (निरोधक) कानून के तहत आरोप लगाये गये हैं
Related imageतहसीन पूनावाला को कांग्रेस के नजदीक माना जाता है। हालांकि, कानून के अनुसार, 25 साल की आयु से अधिक का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने का अधिकार रखता है बशर्ते उसे किसी ऐसे अपराध में दोषी न ठहराया गया हो जिसमें सजा की अवधि दो साल से अधिक की हो।
अवलोकन करें:-

Related imageमुंबई आतंकवादी हमले के शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा का बयान

मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट मिलने से जहां हर तरफ विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं तो वहीं खुद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे द्वारा किए गए अत्याचारों को जगजाहिर करने से कोई गुरेज नहीं कर रहीं। साध्वी ने 26/11 हमले में शहीद ATC चीफ हेमंत करकरे के बारे में कहा है कि 'उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली है। उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था। हेमंत करकरे मुझे किसी भी तरह से आतंकवादी घोषित करना चाहते थे'
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उन्होंने आगे कहा कि 'एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य को उन्होंने भेजा, हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया, मैं मुंबई जेल में थी तब। 
हेमंत करकरे को राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य ने कहा कि जब तुम्हारे पास सबूत नहीं है तो साध्वी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, यह गैरकानूनी है उसने कहा, मैं कहीं से भी सबूत लेकर आऊंगा, लेकिन इस साध्वी को नहीं छोड़ूंगा। यह उसकी कुटिलता थी। यह देशद्रोह था। वह मुझसे हर तरह के सवाल करता था, ये कैसे हुआ, वह कैसे हुआ। मैंने कहा, मुझे नहीं पता, भगवान जाने। तो उसने कहा क्या मुझे यह जानने के लिए भगवान के पास जाना होगा। तो मैंने कहा, जरूर अगर आपको आवश्यकता है तो आप जरूर जाइए'
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साध्वी प्रज्ञा ने आगे कहा कि ''आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी, लेकिन मैंने उससे कहा था कि उसका सर्वनाश होगा। उसने मुझे कई यातनाएं दीं, कई गंदी गालियां दीं। वह मेरे लिए ही नहीं, किसी के लिए भी असहनीय होंगी। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गए थे। और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने उसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ।' वैसे तो करकरे तो मात्र एक मोहरा था, जो सरकार के आदेशों का पालन कर रहा था। यूपीए सरकार में सम्मिलित कांग्रेस तो क्या किसी भी पार्टी ने इस्लामिक आतंकियों को बचाने के लिए पकडे जाने निर्दोष साधु, संतों और साध्वियों के पक्ष में बोलने का साहस नहीं किया। 
दूसरे, करकरे पर आरोप लगने पर विधवा-विलाप करने आतंकियों के लिए आँसू बहा सकते हैं, आधी रात को सुप्रीम खुलवा सकते हैं, लेकिन जब वह एक निर्दोष को प्रताड़ित कर रहे थे, किसी छद्दम धर्म-निरपेक्ष के मुँह से एक शब्द नहीं निकला।  
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कांग्रेस ने 20 साल किया पीछे

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस के कारण ही आज में वर्तमान समय से 20 साल पीछे चल रही हूं। उन्होंने कहा कि मुझे सोशल मीडिया के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नही हैं। साध्वी ने कहा कि मुझे कुछ दिनों पहले ही इस बात की जानकारी हुई कि मेरे नाम से कोई ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज चलाया जा रहा है
यूपीए और इसके समर्थक पार्टियों को बेनकाब करने में भाजपा साध्वी प्रज्ञा को बहुत देर से लेकर आई है। टिकट चाहे कहीं से देते, प्रचार में शुरू से ही इस्तेमाल करना था। मैं राजनीतिज्ञ विश्लेषक तो नहीं, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूँ कि चुनाव घोषित होने के पूर्व से ही कांग्रेस सहित जितने भी छद्दम धर्म-निरपेक्ष और समाजवादियों में तूफान आ चूका होता, और इन सबको और अधिक बेनकाब करने के लिए स्वामी असीमानन्द और कर्नल पुरोहित को भी जितनी जल्दी हो चुनावी मैदान में लेकर आना चाहिए। 
ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास उठाकर देख लीजिए कि उनकी पार्टी के कितने लोग ज़मानत पर है। सवाल उठाते हुए कहा कि क्या जनता का धन लुटना, भ्रष्टाचार करना सही है क्या? उन्होंने कहा कि विपक्ष को डर इस बात का ही दोबारा सत्ता में चौकीदार आ जाएगा तो उनकी सारी चोरियों को पकड़ लेगा
1. हिन्दू आतंकवाद शब्द गढ़ना जिससे दुनिया को लगे कि हिन्दू संस्कृति खराब है और हिन्दू ही आतंकवादी होते हैं ।
Image result for हिन्दू आतंकवाद कांग्रेस2. साधु संतों को मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर उनकी छवि धूमिल करना, जिससे जनता उनसे नफरत करने लगे जिसे ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण करने में आसानी रहे ।
कांग्रेस द्वारा हिन्दू आतंकवाद साबित करने के लिए कई हिंदुत्वनिष्ठों को निशाना बनाया गया 
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
स्वामी असीमानंद
शंकराचार्य अमृतानंद
कर्नल पुरोहित
डीजी बंजारा
दूसरे प्रकार के षड्यंत्र के तहत फंसाये गये हिंदुत्वनिष्ठ-
शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती –
सत्य साई बाबा
स्वामी नित्यानंद
श्री कृपालु महाराज
संत आसाराम बापू
वर्तमान सरकार ने इन सभी देश भक्त लोगों को बारी-बारी से न्याय दिलवाया।
इनमें से अब केवल संत आसाराम बापू ही जेल में हैं, बाकि सभी निर्दोष बरी हो चुके हैं ।
कांग्रेस को बापू आसारामजी को बदनाम करवाने में बहुत पसीना आया, सबसे पहले 2008 में बापू आसारामजी के आश्रम में दो बच्चो की मौत का इल्जाम लगाया, मगर वहाँ से उनको क्लीनचिट मिल गई जिसके कारण वे सफल नही हो पाए।
फिर कांग्रेस ने POCSO कानून बनाया और इस कानून का पहला शिकार बापू आसारामजी का किया गया ,क्योकि POCSO में जमानत होना भी मुश्किल होता है।
आप भी जानिए कांग्रेस द्वारा संत आसाराम बापू को साइड करना क्यों जरूरी था –
 – सबसे पहले ,राहुल गांधी को पप्पू बापू  आसारामजी ने ही कहा था।
– बापू आसारामजी ने ही पहली बार कहा था ,सोनिया मैडम भारत छोड़ो।
– झारखंड राज्य में बापू आसारामजी ने एक साल में लाखों आदिवासियों को दोबारा हिन्दू बनाया जो ईसाई बन चुके थे।
-गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान जहाँ भारी मात्रा में ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण करवा रही थी वहाँ जाकर गरीबों को मकान बनवा कर दिया, जीवनुपयोगी  वस्तुएं दी और हिन्दू धर्म की महिमा बताई जिससे ईसाई मिशनरियों का मिशन फ्लॉप हो गया।
– बापू आसारामजी हिन्दू धर्म को विश्व पटल के चरम पर पहुँचा रहे थे और भारत में धर्मान्तरण नही होने दे रहे थे जिसके कारण वेटिकन सिटी बापू आसारामजी के खिलाफ हो गया ।
– बापू आसारामजी के देशभर में 40 से भी अधिक वैदिक गुरुकुल महंगी फीस ऎंठने वाले कान्वेंट स्कूलों पर भारी पड़ रहे हैं।
– 2006 से बापू आसारामजी ने शुरू किया 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस, जिसका बढ़ता प्रभाव देखकर वैलेंटाइन की दुकाने बंद होने लगी जिससे विदेशी कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा ।
– 2017 के गुजरात चुनाव में एक प्रमुख पादरी ने ईसाईयों से BJP को हराने को कहा। बापू आसारामजी ने अगले ही दिन मीडिया द्वारा राष्ट्रवादियों को जिताने का सन्देश भेज दिया।
-हाल ही में DK त्रिवेदी कमीशन ने बापू आसारामजी को 2008 केस में क्लीन चिट दी तो कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया और BJP विधायक के ऊपर माइक से हमला कर दिया।
– 2013 के झूठे रेप केस में भी जल्द ही फैसला आने की संभावना है। संत आसाराम बापू के बाहर आने के रस्ते खुलते नजर आ रहे हैं तो कइयों के राजनीतिक चूल्हे हिल जाएंगे इसलिए वे लोग अभी भी उनको अंदर रखना चाहते हैं पर सत्य को कबतक झूठ की परतों से ढका जा सकता है !!

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