बालाकोट का मुस्लिम क्षेत्रों पर असर
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आखिर भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के किन लोगों को डर सता रहा है? स्पष्ट है जो लोग हिन्दुत्व विरोधी, पाकिस्तान और आतंकवाद समर्थक हैं, खुलकर मोदी का विरोध कर रहे हैं। आज(मई 12) दिल्ली में चुनाव के दौरान whatsapp पर निम्न सन्देश मिला:-
Bhaio Aam admi ko vote dene se musalman bhaio ka vote kat jaega
Jis trh hindu ek sath mil kr BJP ko vote kr rhe h isi trah hm musalmano ko bhi chahiye ki ek sath mil kr sirf congress ko vote de
Bade election m Congress 🤚
Chote election m Aam aadmi
Kyuki AAP ke sirf 12 candidates all over India h to koi faeda nai he apna keemti vote waste karne ka Congress se Gadbandhan bhi nahi kiya Bawajood Congress ne Unki demand maan li thi Delhi ke Coalition ke liye . khaali apne Selfish aur bewakoofi ki wah se .
Congress ko vote kren
Is msg ko aage musalman bhaio ko forward kre
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मई 12 को मतदान के दिन 10 बजे का मटिया महल का माहौल |
आज की स्थिति को देख पूर्व में लिखे भाजपा और संघ के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के विरुद्ध मेरे शत-प्रतिशत सत्यापित हो गए। इन प्रकोष्ठों का अपने कार्यकाल से ही विरोध करता हूँ, पदाधिकारियों तक से प्रत्यक्ष रूप में चुनाव में दोगली नीति पर प्रश्नचिन्ह लगाता रहा हूँ। परन्तु आज तो मेरे प्रश्नचिन्हों को भी प्रमाणित कर दिया। कोई पोलिंग एजेंट नहीं कोई टेबल नहीं, क्या है ये सब तमाशा? ये लोग पार्टी को भ्रमित कर रहे हैं, जिस पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व को मंथन करना होगा।
अवलोकन करें:-
NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
अब विदेशी मीडिया भी पीछे नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सिर्फ देश में ही अंग्रेजी मीडिया का एक वर्ग ने अभियान नहीं चला रखा है बल्कि विदेशी मीडिया भी एक साजिश के तहत अभियान चला रखा है। एक खास साजिश के तहत देश के उदारवादियों के आधार पर विदेशी मीडिया ने मोदी और हिंदुओं को तानाशाह, हिंसक और घृणा फैलाने वाले के रूप में स्थापित करने का अभियान चलाया हुआ है। टाइम मैगजीन में मोदी को डिवाइडर इन चीफ बताना उसी साजिश का हिस्सा है। इससे पहले द न्ययॉर्क टाइम्स, द गार्जियन और वाशिंगटन पोस्ट में भी मोदी के खिलाफ भ्रम फैलाने वाली स्टोरी प्रकाशित हो चुकी है।
टाइम मैगजीन से पहले न्ययॉर्क टाइम्स ने 17 अप्रैल 2019 के अपने संस्करण में मोदी के खिलाफ स्टोरी प्रकाशित की थी। उस स्टोरी में जहां मोदी के चुनावी कैंपेन को डरावना बताया था वहीं बहुसंख्यक हिदुओं को मुसलमान और पाकिस्तान के लिए खतरनाक बताया है।
पीएम मोदी के सत्ता में आने के करीब डेढ़ साल बाद ही द गार्जियन ने भारत में मोदी सरकार को हिंदू तालिबान का शासन बताया था। अनीश कपूर ने अपने लेख के शीर्षक में ही लिखा था भारत में हिंदू तालिबान का शासन चल रहा है। उन्होंने मोदी को तालिबान बताया था।
मोदी को दमनकारी नेता के रूप में किया गया प्रोजेक्ट
मोदी को लेकर विदेशी मीडिया शुरू से ही एकांगी और पूर्वाग्रह से ग्रसित रहा है। अपने पूर्वाग्रह के कारण ही विदेशी मीडिया मोदी को दमनकारी मान चुका है। अब तो दमनकारी ठहराने के लिए प्रश्न भी वैसे गढ़े और पूछे जाने लगे हैं। दो दिन पहले ही एक पत्रकार ने अमेरिका की राष्ट्रपति उम्मीदवार तुलसी गावार्ड से मोदी की दमनकारी नीति पर सवाल पूछा है।
अवलोकन करें:-
विदेशी मीडिया शुरू से ही स्वास्तिक को लेकर गलत धारणा फैलाता रहा है। निकी हैली की स्वास्तिक वाली तस्वीर को हटाकर रायटर ने अपनी अज्ञानता ही प्रदर्शित किया है। मोदी के साथ हिंदुओं को अपमानित करना जारी है। वाशिंगटन पोस्ट ने हिंदू देवता हनुमान के चेहरे को हिंदूवादी आतंकी के रूप में स्थापित किया है।देश के अधिकांश लोग न तो टाइम मैगजीन पढ़ते हैं न ही न्यूयॉर्क टाइम और ना वाशिंगटन पोस्ट या द गार्जियन। विदेशी मीडिया देश और मोदी के खिलाफ जो साजिश रच रहा है उसका परिणाम दीर्घ अवधि के लिए घातक साबित हो सकता है। भले कम समय के लिए भारतीय जनमानस पर इसका असर न हो।
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