आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जब लोकसभा चुनाव का सिर्फ दो चरण बचे हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की करनी की वजह से उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी भी लाइम लाइट में आ गए हैं। सालों तक कांग्रेस के हमले को झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 4 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ रैली में कहा था कि भले राजीव गांधी को उनके दरबारी ‘‘मिस्टर क्लीन” कहते थे, लेकिन उनका जीवन भ्रष्टाचारी नंबर 1 की तरह पूरा हुआ।
क्या राजीव गाँधी भारत रत्न का अधिकारी था?
मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने जब दोबारा हमला किया तो मोदी ने कांग्रेस को राजीव गांधी के नाम पर चुनाव लड़कर दिखाने की चुनौती दी। इस चुनौती की वजह जानने के लिए जब राजीव गांधी पर शोध करने पर चौकाने वाले नतीजे सामने आए। राजीव गांधी की अज्ञानता के कारण देश को कितना और क्या-क्या नुकसान हुआ है इसका खुलासा हुआ है। फिर मोदी द्वारा राजीव गाँधी द्वारा छुट्टियाँ मनाने समुद्र की रक्षा हेतु युद्ध पोतक का टैक्सी की तरह इस्तेमाल करना के मुद्दे को उछालने में कांग्रेस और इसके समर्थक दलों में खलबली क्यों मच रही है? दूसरे, राजीव गाँधी को किस आधार पर भारत रत्न से अलंकृत किया गया था, जबकि युद्ध के दौरान सभी पायलटो को हाज़िर का आदेश होता है, लेकिन 1971 युद्ध के दौरान केवल पायलट राजीव गाँधी ही छुट्टियों पर इटली में था। इसके साथ ही राजीव गांधी के कारनामे से लेकर उनके बारे में किसने क्या-क्या कहा है?
कम्युनिस्ट पार्टी तो ‘राजीव गांधी चोर है’ के नारे लगाती थी
कई पुराने वीडियो आज-कल सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान कम्युनिस्ट पार्टियां ‘राजीव गांधी चोर है’ के नारे लगवाती है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्राइन ने तो ट्वीट कर बताया है कि किस प्रकार सीपीएम लीडर राजीव गांधी के खिलाफ ‘गली-गली में शोर है राजीव गांधी चोर है’ के नारे लगाते थे।
पी चिदंबरम ने राजीव गांधी को कहा था अज्ञानी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार के दौरान वित्त और गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने अपने एक साक्षात्कार के दौरान राजीव गांधी के बारे में कहा था कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक मुद्दों की समझ नहीं है। चिदंबरम ने शाहबानो मामले को लेकर राजीव गांधी के फैसले को खतरनाक बताया था। बोफोर्स घोटाले के बारे में भी उन्होंने कहा था कि रक्षा मंत्रालय के बारे में उनकी अज्ञानता के कारण ही बोफोर्स मामले से पार्टी को नुकसान हुआ।
राजीव गांधी के दुराग्रह का ही परिणाम था सिख दंगा
तवलीन सिंह की लिखी किताब का ‘दरबार’ का आज हर जगह उद्धरण दिया जा रहा है कि किस प्रकार राजीव गांधी सिखों को सबक सिखाना चाहते थे। किताब के मुताबिक सिखों के प्रति राजीव गांधी के दुराग्रह का ही परिणाम था कि दिल्ली सहित पूरे देश में सिखों के खिलाफ इतनी बड़ी हिंसा हुई।
राजीव गांधी ने एक दलित मुख्यमंत्री को अपमानित किया था
1982 में राजीव गांधी कांग्रेस के महासचिव बनाए गए। उसी दौरान वे आंध्र प्रदेश के दौरे पर गए थे। उनकी अगवानी करने आए वहां के दलित मुख्यमंत्री टी अंजैया को सरेआम अपमानित किया था। राजीव गांधी ने सभी के सामने उन्हें भांड (buffoon) कह दिया था। राजीव गांधी के इस व्यवहार से उनकी आंखों में आंसू आ गए। इस घटना का यह नतीजा निकला कि कांग्रेस को दोबारा वहां सत्ता में आने में सालों लग गए।
आईएनएस विराट जैसे युद्धपोत का किया थी निजी उपयोग
राजीव गांधी देश के धर पर आलीशान जिंदगी जीने के लिए विख्यात रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने आईएनएस विराट जैसे लड़ाकू युद्धपोत का उपयोग अपने निजी हित के लिए किया था। कहा जाता है कि जब वे अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ निजी छुट्टी पर लक्षद्वीप गए थे तब उन्होंने आईएनस विराट का उपयोग किया था।
राजीव गांधी ने श्रीलंका में बेवजह मरवा दिए 1,200 सैनिक
श्रीलंका में हुए गृहयुद्ध के दौरान 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उत्तरी श्रीलंका में भारतीय शांति सेना भेजने का गलत फैसला किया था। उनके गलत फैसले के परिणाम स्वरूप वहां भारत के 1,200 जवान शहीद हो गए। यहां के सेना को पता ही नहीं लगने दिया गया कि वहां उन्हें युद्ध में शिरकत करनी होगी। वे श्रीलंका में किसी प्रकार के युद्ध के बारे में सोच भी नहीं रहे थे, जबकि वहां पर भीषण युद्ध चल रहा था। इसी का परिणाम हुआ कि हमारे 1,200 सैनिक शहीद हो गए।
अवलोकन करें:-
बोफोर्स घोटाले का लगा कलंक
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आज भी बोफोर्स घोटाले का दाग है। यह वही घोटाला है जिसके माध्यम से राजीव गांधी ने देश में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया था। जिस दलाली को देश में एक अनाचार के रूप में देखा जाता था उसे राजीव गांधी सरकार ने महिमामंडित कर दिया। राजीव गांधी ने घूस को डील का भाग बना दिया। तभी तो 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप के सौदे के लिए बोफोर्स कंपनी ने भारत के नेताओं से लेकर अधिकारियों को 1.42 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी थी। खास बात है कि कंपनी ने इस सौदे के कमीशन के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उसके परिवार को 64 करोड़ रुपये दिए थे। इसी सौदे में इटली के करोबारी ओतावियो क्वात्रोची का नाम सामने आया था। जिसे बाद में साजिश के तहत देश से भगा दिया गया।
भोपाल गैस कांड के आरोपी को भी देश से भगाया
ये वही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे जिन पर भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी एंडरसन को भगाया था। यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा उनके निकट के सहयोगी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह ने अपनी किताब में किया था। भोपाल गैंस कांड के दंश को आज भी वहां के लोगों ने भूला नहीं है।
राजीव गांधी पर पहली बार नहीं उठे हैं सवाल
राजीव गांधी देश के एक ऐसे इकलौता प्रधानमंत्री हुए जिन्हें राजशाही की तरह प्रधानमंत्री मां इंदिरा गांधी के निधन पर राजगद्दी के रूप में प्रधानमंत्री का पद मिल गया। उन पर तो यह भी सवाल उठता रहा है कि पायलट होने के बाद भी उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में कोई योगदान क्यों नहीं किया? आखिर क्यों नहीं राजीव गांधी ने जीते जी खुद पर उठे इन सवालों का जवाब दिया?
जब लोकसभा चुनाव का सिर्फ दो चरण बचे हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की करनी की वजह से उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी भी लाइम लाइट में आ गए हैं। सालों तक कांग्रेस के हमले को झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 4 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ रैली में कहा था कि भले राजीव गांधी को उनके दरबारी ‘‘मिस्टर क्लीन” कहते थे, लेकिन उनका जीवन भ्रष्टाचारी नंबर 1 की तरह पूरा हुआ।
क्या राजीव गाँधी भारत रत्न का अधिकारी था?
मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने जब दोबारा हमला किया तो मोदी ने कांग्रेस को राजीव गांधी के नाम पर चुनाव लड़कर दिखाने की चुनौती दी। इस चुनौती की वजह जानने के लिए जब राजीव गांधी पर शोध करने पर चौकाने वाले नतीजे सामने आए। राजीव गांधी की अज्ञानता के कारण देश को कितना और क्या-क्या नुकसान हुआ है इसका खुलासा हुआ है। फिर मोदी द्वारा राजीव गाँधी द्वारा छुट्टियाँ मनाने समुद्र की रक्षा हेतु युद्ध पोतक का टैक्सी की तरह इस्तेमाल करना के मुद्दे को उछालने में कांग्रेस और इसके समर्थक दलों में खलबली क्यों मच रही है? दूसरे, राजीव गाँधी को किस आधार पर भारत रत्न से अलंकृत किया गया था, जबकि युद्ध के दौरान सभी पायलटो को हाज़िर का आदेश होता है, लेकिन 1971 युद्ध के दौरान केवल पायलट राजीव गाँधी ही छुट्टियों पर इटली में था। इसके साथ ही राजीव गांधी के कारनामे से लेकर उनके बारे में किसने क्या-क्या कहा है?
कई पुराने वीडियो आज-कल सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान कम्युनिस्ट पार्टियां ‘राजीव गांधी चोर है’ के नारे लगवाती है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्राइन ने तो ट्वीट कर बताया है कि किस प्रकार सीपीएम लीडर राजीव गांधी के खिलाफ ‘गली-गली में शोर है राजीव गांधी चोर है’ के नारे लगाते थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार के दौरान वित्त और गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने अपने एक साक्षात्कार के दौरान राजीव गांधी के बारे में कहा था कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक मुद्दों की समझ नहीं है। चिदंबरम ने शाहबानो मामले को लेकर राजीव गांधी के फैसले को खतरनाक बताया था। बोफोर्स घोटाले के बारे में भी उन्होंने कहा था कि रक्षा मंत्रालय के बारे में उनकी अज्ञानता के कारण ही बोफोर्स मामले से पार्टी को नुकसान हुआ।
तवलीन सिंह की लिखी किताब का ‘दरबार’ का आज हर जगह उद्धरण दिया जा रहा है कि किस प्रकार राजीव गांधी सिखों को सबक सिखाना चाहते थे। किताब के मुताबिक सिखों के प्रति राजीव गांधी के दुराग्रह का ही परिणाम था कि दिल्ली सहित पूरे देश में सिखों के खिलाफ इतनी बड़ी हिंसा हुई।
राजीव गांधी ने एक दलित मुख्यमंत्री को अपमानित किया था
1982 में राजीव गांधी कांग्रेस के महासचिव बनाए गए। उसी दौरान वे आंध्र प्रदेश के दौरे पर गए थे। उनकी अगवानी करने आए वहां के दलित मुख्यमंत्री टी अंजैया को सरेआम अपमानित किया था। राजीव गांधी ने सभी के सामने उन्हें भांड (buffoon) कह दिया था। राजीव गांधी के इस व्यवहार से उनकी आंखों में आंसू आ गए। इस घटना का यह नतीजा निकला कि कांग्रेस को दोबारा वहां सत्ता में आने में सालों लग गए।
राजीव गांधी देश के धर पर आलीशान जिंदगी जीने के लिए विख्यात रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने आईएनएस विराट जैसे लड़ाकू युद्धपोत का उपयोग अपने निजी हित के लिए किया था। कहा जाता है कि जब वे अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ निजी छुट्टी पर लक्षद्वीप गए थे तब उन्होंने आईएनस विराट का उपयोग किया था।
राजीव गांधी ने श्रीलंका में बेवजह मरवा दिए 1,200 सैनिक
श्रीलंका में हुए गृहयुद्ध के दौरान 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उत्तरी श्रीलंका में भारतीय शांति सेना भेजने का गलत फैसला किया था। उनके गलत फैसले के परिणाम स्वरूप वहां भारत के 1,200 जवान शहीद हो गए। यहां के सेना को पता ही नहीं लगने दिया गया कि वहां उन्हें युद्ध में शिरकत करनी होगी। वे श्रीलंका में किसी प्रकार के युद्ध के बारे में सोच भी नहीं रहे थे, जबकि वहां पर भीषण युद्ध चल रहा था। इसी का परिणाम हुआ कि हमारे 1,200 सैनिक शहीद हो गए।
अवलोकन करें:-
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आज भी बोफोर्स घोटाले का दाग है। यह वही घोटाला है जिसके माध्यम से राजीव गांधी ने देश में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया था। जिस दलाली को देश में एक अनाचार के रूप में देखा जाता था उसे राजीव गांधी सरकार ने महिमामंडित कर दिया। राजीव गांधी ने घूस को डील का भाग बना दिया। तभी तो 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप के सौदे के लिए बोफोर्स कंपनी ने भारत के नेताओं से लेकर अधिकारियों को 1.42 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी थी। खास बात है कि कंपनी ने इस सौदे के कमीशन के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उसके परिवार को 64 करोड़ रुपये दिए थे। इसी सौदे में इटली के करोबारी ओतावियो क्वात्रोची का नाम सामने आया था। जिसे बाद में साजिश के तहत देश से भगा दिया गया।
भोपाल गैस कांड के आरोपी को भी देश से भगाया
ये वही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे जिन पर भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी एंडरसन को भगाया था। यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा उनके निकट के सहयोगी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह ने अपनी किताब में किया था। भोपाल गैंस कांड के दंश को आज भी वहां के लोगों ने भूला नहीं है।
राजीव गांधी पर पहली बार नहीं उठे हैं सवाल
राजीव गांधी देश के एक ऐसे इकलौता प्रधानमंत्री हुए जिन्हें राजशाही की तरह प्रधानमंत्री मां इंदिरा गांधी के निधन पर राजगद्दी के रूप में प्रधानमंत्री का पद मिल गया। उन पर तो यह भी सवाल उठता रहा है कि पायलट होने के बाद भी उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में कोई योगदान क्यों नहीं किया? आखिर क्यों नहीं राजीव गांधी ने जीते जी खुद पर उठे इन सवालों का जवाब दिया?
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