आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भारत की राजनीति में कई दशकों से नेहरू-गांधी परिवार का प्रभुत्व रहा है। परिवार ने राजनीतिक प्रभाव के बल पर संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया है। इस काम में गांधी परिवार में कोई भी अपवाद नहीं है। जिसका जब मन चाहा और जहाँ चाहा जनता को भ्रमित कर लूटमार करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा। हाल ही में राजनीति में फुलटाइम प्रोफेशनल की तरह कदम रखने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा को राहुल गाँधी द्वारा सक्रिय राजनीती में पदापर्ण करने पर स्पष्ट था कि राबर्ट वाड्रा के बाद अगला नम्बर बहन प्रियंका का ही है। जैसाकि सर्वविदित है कि कांग्रेस बहुत ही सुनियोचित ढंग से कोई कदम उठाती है। गाँधी परिवार को पूर्व ज्ञान हो गया था कि मोदी सरकार की वापसी हो रही है और राबर्ट के बाद प्रियंका भी निशाने पर आने वाली है, इसलिए सडकों पर शोर-शराबा की तैयारी हो रही है। परदे के पीछे प्रियंका के भी काले कारनामों की एक लंबी सूची है।
व्यापारिक जगत में जमीन की दलाली करने वाले राबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी के पति हैं। प्रियंका गांधी के काले कारनामें -
*पति राबर्ट वाड्रा पर आरोप है कि उसने राजस्थान और हरियाणा में कांग्रेस सरकारों के सहयोग से कौड़ियों के भाव किसानों की जमीन खरीद कर हजारों करोड़ में बड़े व्यापारियों को बेच दिया। कहा जाता है कि दलाली के इसी पैसे से उसने लंदन जैसे शहरों में आलीशन घर खरीदे हैं। इन्ही मामलों में वाड्रा अभी जमानत पर चल रहे हैं।
*श्रीलंका में आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार जाकिर नाईक केदान से चल रहे राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की संचालक हैं प्रियंका वाड्रा
*यह वही जाकिर नाईक है जिसके इस्लामिक कट्टरपंथी विचारों को सुनकर श्रीलंका में कुछ सिरफिरे मुस्लिम लोगों ने आत्मघाती हमले में 380 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
*इसी तरह प्रियंका गांधी के ट्रस्ट ने हरियाणा के उल्लावास गांव की 4.8 एकड़ जमीन हरियाणा की कांग्रेसी हुड्डा सरकार से मिलकर 2009 में लीज के नाम पर हड़प ली।
*इसी तरह राजीव गांधी ट्र्स्ट के नाम पर प्रियंका वाड्रा ने राय बरेली में भी 10,000 वर्गमीटर जमीन की हेराफेरी की। उन्होंने कागजों में हेराफेरी कर उस जमीन को ट्रस्ट के नाम करा लिया।
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