किसी के पास इनका असल ठिकाना नहीं है, फिर भी बहुतों के पास आधार कार्ड से लेकर जरुरी दस्तावेज उपलब्ध हैं। राशन भी इन्हेंं हर महीने आपूर्ति विभाग दे रहा है लेकिन किस आधार पर? इतने सवालों के बीच बुधवार को अतिक्रमण हटाने के लिए गई टीम भी इनकी ओर बिना देखे वापस लौट आई। जबकि इन सभी ने 12 से अधिक स्थानों पर अस्थाई रुप से कब्जा कर लिया है। आसपास गंदगी का आलम है। नगर पालिका इनके आसपास सफाई भी करता है। बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है। इन झुग्गी-झोपड़ी डालकर रहने वालों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बीडा ने बसाई है छह कालोनियां
पिछले वर्ष महानगरों में अवैध कालोनियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। कागज पर कालीन नगरी में अवैध कालोनी एक भी नहीं है। भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) ने शहरी के बाहरी क्षेत्रों में छह आवासीय कालोनियां स्थापित की हैं, जिसकी रखरखाव व सुख सुविधा की जिम्मेदारी बीडा पर है।
यहां डाल रखे हैं अवैध डेरा
– नेशनल कालेज, चौरी रोड स्थित अभयनपुर व जलालपुर।
– ज्ञानपुर रोड स्थित नेशनल कालेज के पास
– चौरी रोड पर भिखारीपुर।
– ज्ञानपुर रोड के हरियांव के पास
– जलालपुर स्थित रेलवे की जमीन पर
– गोपीगंज स्थित फूलबाग वार्ड में।
करेंगे कार्रवाई अवैध बस्तियों पर : एसडीएम
एसडीएम रमेश कुमार ने बताया कि को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद अन्य स्थानों पर अवैध रूप से कब्जा कर रहने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा। अवैध रूप से स्थापित बस्तियों की जांच पड़ताल कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
भारत सरकार द्वारा गंभीरता से जाँच करने पर केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और देश में अन्य भागों में बांग्लादेशियों की भरमार मिल जाएगी। मजे की बात यह है कि इन लोगों के राशन कार्ड, आधार एवं मतदान कार्ड तक बने हुए हैं। दूसरी विशेष बात जो चर्चा में है, वह यह कि इनमें से अधिकतर लोग हिन्दू नाम रख घरों में झाड़ू-पोछा और खाने बनाने का काम कर रही हैं। रेलवे लाइन के पास भी इनकी भारी तादाद मिलेगी। पिछली सरकारों ने जो तुष्टिकरण के चलते अवैध रूप से आए बांग्लादेशियों को एक भारतीय के समान्तर सुविधाएं प्रदान कर देश की जनता के साथ घोर अनर्थ किया है।
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