क्या अखिलेश बबुआ माया के जाल में फंस समाजवादी पार्टी को डुबोएंगे?

Akhilesh Yadav
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगामी उपचुनाव में अकेले लड़ेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि महागठबंधन स्थायी रूप से खत्म नहीं हुआ है। इस पर अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भी 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अकेले लड़ने की बात की।
अखिलेश यादव ने कहा, 'यदि गठबंधन टूटता है, तो मैं इस पर गहराई से चिंतन करूंगा और यदि उपचुनावों में गठबंधन नहीं होता है, तो समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारी करेगी। सपा भी अकेले सभी 11 सीटों पर लड़ेगी।' इससे पहले मायावती ने उपचुनाव अपने बलबूते लड़ने की पुष्टि करते हुए स्पष्ट किया है कि इससे सपा के साथ गठबंधन के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा, गठबंधन बरकरार रहेगा। 
बसपा प्रमुख ने चुनाव में हार के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में यादव मतदाताओं ने सपा-बसपा गठबंधन का साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सपा के कई मजबूत उम्मीदवार भी चुनाव हार गए। यह समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का विषय है। हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
View image on Twitter
SP Chief Akhilesh Yadav on SP-BSP coalition: If the coalition has broken, I will reflect deeply on it & if the coalition isn't there in the by-elections, then Samajwadi Party will prepare for the elections. SP will also fight on all 11 seats alone pic.twitter.com/cl1LklZq09
मायावती ने कहा, 'जब से सपा-बसपा का गठबंधन हुआ है, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। मैं राष्ट्र के हित में हमारे सभी मतभेदों को भी भूल गई और उन्हें सम्मान दिया। हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा के लिए जारी रहेगा।' 
अवलोकन करें:-
About this website
NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। कौन कब और कैसे किस की पीठ में छुरा मार दे, कुछ नह.....

चुनाव में यादव परिवार के सदस्य कन्नौज में डिंपल यादव, बदायूं में धर्मेन्द्र यादव और फिरोजाबाद में अक्षय यादव हार गए। मायावती ने कहा कि सपा में लोगों में काफी सुधार लाने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38, सपा 37 और आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। वहीं बसपा को 10 और सपा को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली। 
मायावती को गठबंधन से जो चाहिए था, मिल गया, अब बबुआ को देखना है कि उसे पार्टी को धरातल में लेकर जाना है, या अपना अस्तित्व बनाए रखना है? अब अगर बबुआ बुआ के आगे गिड़गिड़ाता है, तो निश्चित रूप से बबुआ समाजवादी पार्टी की हालत कांग्रेस से अधिक शोचनीय बना देगा। उत्तर प्रदेश में अभी भी बसपा से अधिक बोलबाला सपा का है। मुलायम सिंह ने जिस मेहनत से प्रदेश में पार्टी के वर्जस्व को बनाया है, क्या अखिलेश उस पर पानी फेर देना चाहते हैं?  

No comments: