
मोमेना शोमा (26) ने आतंकवादी गतिविधि में शामिल होने और सोते हुए मकान मालिक के गले पर चाकू से वार करने की बात कबूल की। मोमेना शोमा बांग्लादेशी छात्रा है। घटना से महज आठ दिन पहले वह ऑस्ट्रेलिया आई थी।
विक्टोरिया प्रांत के उच्चतम न्यायालय में सजा सुनाए जाने के दौरान शोमा ने नकाब पहन रखा था और उसकी सिर्फ आंखें नजर आ रही थीं। फैसला सुनाए जाने के दौरान उसने ‘‘अल्लाह हू अकबर” का नारा लगाया। पीडित मकान मालिक रोजर सिंगारावेलू हमले में जीवित बच गये थे और सजा सुनाये जाने के दौरान वह भी न्यायालय में उपस्थित थे।
न्यायाधीश लेसली टेलर ने शोमा को 42 साल जेल की सजा सुनाते हुए कहा, ‘‘तुम जिस मंशा के साथ आयी हो और तुम्हारे काम तथा बयान डर पैदा करने वाले हैं।” सजा के दौरान उसे 31 वर्ष छह महीने तक परोल नहीं मिलेगी।
इतनी कठोर सजा होने पर न ही बांग्लादेश सरकार ने और बांग्लादेश के किसी वकील अथवा नेता ने किसी भी प्रकार से विरोध नहीं किया। जबकि सीरिया में अमेरिका द्वारा आईएसआईएस में शामिल कश्मीरी को गिरफ्तार करने पर भारत सरकार से माँ-बाप द्वारा भारत लाने की गुहार लगाई है। क्योकि उसके माँ-बाप को मालूम है कि उसकी रिहाई के मुकदमा लड़ने वाले वकीलों और नेताओं की कोई कमी नहीं। आधी रात को कोर्ट खुलवा सकते हैं।
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