पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 35 A को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे विवाद पैदा हो सकता है। पीडीपी के 20वें स्थापना दिवस पर श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 35 ए को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि इस पर छेड़छाड़ करने का मतलब है बारूद पर हाथ लगाना।
कश्मीर की स्थानीय पार्टियाँ वहां की जनता को खुशहाली के सब्जबाग दिखाकर, किस तरह उनके जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं, उसे कोई नहीं समझ रहा। धरती के स्वर्ग में अपनी रोजी-रोटी और तिजोरी भरने के चक्कर में गोलियों से छलनी किया जा रहा है। ये अनुच्छेद 370 और 35A से वहां की जनता को गुमराह किया जा रहा है। कोई मानवाधिकार भी नहीं बोलता, आखिर क्यों चुप्पी साधे हुए है? हकीकत यह है कि जिस दिन ये अनुच्छेद समाप्त हो गए, इन पार्टियों को कश्मीर तो क्या कश्मीर से बाहर भी कोई नहीं पूछने वाला मिलेगा।
अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवारों ने कश्मीर की मासूम जनता को इस हद तक डराकर कर रखा हुआ है कि "यदि केन्द्र सरकार ने इन अनुच्छेदों को ख़त्म कर दिया, तुम कश्मीरी तबाह और बर्बाद हो जाओगे और पता नहीं और कितने डरों से इनको बहका रखा है। यह कैसी विडंबना है कि पाकिस्तान द्वारा धोखे से हथियाए हिस्से में लोग पाकिस्तान से मुक्त होने की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, और भारत में पल रही पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी पार्टियां पाकिस्तान से विलय होने की बात कर रही हैं। दूसरे, जो पाकिस्तान 1947 से लेकर आज तक आत्मनिर्भर नहीं हो पाया, सिन्ध, बलुचिस, अफ़ग़ान आदि पर किस तरह सख्तियाँ करता है, फिर 1947 में गए भारत के मुसलमानों को मुहाजिर कहा जाता है, क्यों ऐसे देश में जाने की धमकियाँ दी जा रही हैं?" इन बातों को वहाँ की जनता के दिमाग में भरनी होगी। इन अनुच्छेदों के समाप्त होने पर उन्हें मुहाजिर नहीं, एक भारतीय ही कहा जाएगा। महबूबा मुफ्ती ने कहा, '35 ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। जो हाथ 35 ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे वो हाथ ही नहीं बल्कि वो सारा जिस्म जलकर राख हो जाएगा।' महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम अपनी आखिरी सांस तक कश्मीर की सुरक्षा के लिए लड़ेंगे। कार्रकर्ताओं को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि वह राज्य को बचाने के लिए लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
पीएम मोदी ने मन की बात में किया कश्मीर का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार(जुलाई 28) को अपने रेडियो कार्यक्रम के जरिए कश्मीर का जिक्र किया। पीएम ने अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों और उनकी मेहमान-नवाजी की भी प्रशंसा की। कश्मीर में 'बैक टू विलेज' कार्यक्रम की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा, 'कश्मीर के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने को कितने बेताब हैं, कितने उत्साही हैं यह इस कार्यक्रम से पता चलता है। इस कार्यक्रम में, पहली बार बड़े-बड़े अधिकारी सीधे गांवो तक पहुँचे। जिन अधिकारियों को कभी गाँव वालों ने देखा तक नहीं था, वो खुद चलकर उनके दरवाजे तक पहुँचे ताकि विकास के काम में आ रही बाधाओं को समझा जा सके, समस्याओं को दूर किया जा सके।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'विकास की शक्ति बम-बंदूक की शक्ति पर हमेशा भारी पड़ती है। ये साफ है कि जो लोग विकास की राह में नफरत फैलाना चाहते हैं, अवरोध पैदा करना चाहते हैं, वो कभी अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सकते।'
अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती पर भड़की थी महबूबा
इससे पहले शनिवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती को लेकर भी महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी। महबूबा ने कहा, 'यह एक राजनीतिक समस्या है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है। केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा।'
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीटर पर लिखा, 'घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरूस्त करने की जरूरत है।'
टेरर फंडिंग पर छापेमारी
नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला कस्बे में चार स्थानों पर छापे मारे। एनआईए द्वारा टेरर फंडिंग जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं।' एनआईए के अधिकारियों के साथ राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की टीमें भी थीं। एनआईए ने कई घरों की तलाशी ली। एनआईए पिछले कुछ वक्त से लगातार कश्मीर घाटी में टेरर फंडिंग और हवाला रैकेट का भंड़ाफोड़ करने में जुटी है। पिछले महीने एनआईए ने दावा किया था कि कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से टेरर फंडिंग होती रही है।
एनआईए ने इससे पहले 23 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित केलर इलाके में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रॉस एलओसी ट्रेड का काम करने वाले व्यापारी गुलाम अहमद वानी के घर पर छापा मारा था। वानी पर यह छापेमारी पाकिस्तान से टेरर फंडिंग और हवाला नेटवर्क की साजिश में संलिप्त होने के शक में की गई थी। एनआईए ने अब तक टेरर फंडिंग और हवाला रैक्ट को लेकर कई अलगाववादी नेताओं और व्यापारियों के घर और उनके अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही जांच एजेंसी टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में कई अलगाववादी नेताओं को भी गिरफ्तार कर चुकी है।
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टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में एनआईए ने साल 2017 में केस दर्ज किया था। इस दौरान जांच एजेंसी को जानकारी मिली थी कि जमात-उद -दावा, हिजबुल मुजाहिदीन, लशकर-ए- तैयबा, दुखतारन-ए- मिल्लत और जम्मू- कश्मीर के कई दूसरे अलगाववादी नेताओं के समूह इसमें शामिल हैं। एजेंसी ने इस दौरान 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप- पत्र दाखिल किया था।
घाटी में टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में एनआईए ने अलगाववादी नेता मसरत आलम. शब्बीर शाह और आसिया अंद्राबी को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन अलगाववादी नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इन तीनों पर आरोप था कि इन्होंने आतंकवादी संगठन लश्कर- ए- तैयबा के चीफ हाफिज सईद के इशारे पर जम्मू- कश्मीर में टेरर फंडिंग को बढ़ावा दिया।
कश्मीर की स्थानीय पार्टियाँ वहां की जनता को खुशहाली के सब्जबाग दिखाकर, किस तरह उनके जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं, उसे कोई नहीं समझ रहा। धरती के स्वर्ग में अपनी रोजी-रोटी और तिजोरी भरने के चक्कर में गोलियों से छलनी किया जा रहा है। ये अनुच्छेद 370 और 35A से वहां की जनता को गुमराह किया जा रहा है। कोई मानवाधिकार भी नहीं बोलता, आखिर क्यों चुप्पी साधे हुए है? हकीकत यह है कि जिस दिन ये अनुच्छेद समाप्त हो गए, इन पार्टियों को कश्मीर तो क्या कश्मीर से बाहर भी कोई नहीं पूछने वाला मिलेगा।
अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवारों ने कश्मीर की मासूम जनता को इस हद तक डराकर कर रखा हुआ है कि "यदि केन्द्र सरकार ने इन अनुच्छेदों को ख़त्म कर दिया, तुम कश्मीरी तबाह और बर्बाद हो जाओगे और पता नहीं और कितने डरों से इनको बहका रखा है। यह कैसी विडंबना है कि पाकिस्तान द्वारा धोखे से हथियाए हिस्से में लोग पाकिस्तान से मुक्त होने की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, और भारत में पल रही पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी पार्टियां पाकिस्तान से विलय होने की बात कर रही हैं। दूसरे, जो पाकिस्तान 1947 से लेकर आज तक आत्मनिर्भर नहीं हो पाया, सिन्ध, बलुचिस, अफ़ग़ान आदि पर किस तरह सख्तियाँ करता है, फिर 1947 में गए भारत के मुसलमानों को मुहाजिर कहा जाता है, क्यों ऐसे देश में जाने की धमकियाँ दी जा रही हैं?" इन बातों को वहाँ की जनता के दिमाग में भरनी होगी। इन अनुच्छेदों के समाप्त होने पर उन्हें मुहाजिर नहीं, एक भारतीय ही कहा जाएगा। महबूबा मुफ्ती ने कहा, '35 ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। जो हाथ 35 ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे वो हाथ ही नहीं बल्कि वो सारा जिस्म जलकर राख हो जाएगा।' महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम अपनी आखिरी सांस तक कश्मीर की सुरक्षा के लिए लड़ेंगे। कार्रकर्ताओं को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि वह राज्य को बचाने के लिए लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
Former J&K CM and PDP leader, Mehbooba Mufti, in Srinagar: 35A ke saath chhedd chhadd karna baarood ko haath lagaane ke baraabar hoga. Jo haath 35A ke saath chhedd chaadd karne ke liye uthenge wo haath hi nahi wo saara jism jal ke raakh ho jaega. #JammuAndKashmir
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार(जुलाई 28) को अपने रेडियो कार्यक्रम के जरिए कश्मीर का जिक्र किया। पीएम ने अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों और उनकी मेहमान-नवाजी की भी प्रशंसा की। कश्मीर में 'बैक टू विलेज' कार्यक्रम की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा, 'कश्मीर के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने को कितने बेताब हैं, कितने उत्साही हैं यह इस कार्यक्रम से पता चलता है। इस कार्यक्रम में, पहली बार बड़े-बड़े अधिकारी सीधे गांवो तक पहुँचे। जिन अधिकारियों को कभी गाँव वालों ने देखा तक नहीं था, वो खुद चलकर उनके दरवाजे तक पहुँचे ताकि विकास के काम में आ रही बाधाओं को समझा जा सके, समस्याओं को दूर किया जा सके।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'विकास की शक्ति बम-बंदूक की शक्ति पर हमेशा भारी पड़ती है। ये साफ है कि जो लोग विकास की राह में नफरत फैलाना चाहते हैं, अवरोध पैदा करना चाहते हैं, वो कभी अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सकते।'
Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
इससे पहले शनिवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती को लेकर भी महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी। महबूबा ने कहा, 'यह एक राजनीतिक समस्या है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है। केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा।'
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीटर पर लिखा, 'घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरूस्त करने की जरूरत है।'

नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला कस्बे में चार स्थानों पर छापे मारे। एनआईए द्वारा टेरर फंडिंग जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं।' एनआईए के अधिकारियों के साथ राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की टीमें भी थीं। एनआईए ने कई घरों की तलाशी ली। एनआईए पिछले कुछ वक्त से लगातार कश्मीर घाटी में टेरर फंडिंग और हवाला रैकेट का भंड़ाफोड़ करने में जुटी है। पिछले महीने एनआईए ने दावा किया था कि कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से टेरर फंडिंग होती रही है।
एनआईए ने इससे पहले 23 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित केलर इलाके में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रॉस एलओसी ट्रेड का काम करने वाले व्यापारी गुलाम अहमद वानी के घर पर छापा मारा था। वानी पर यह छापेमारी पाकिस्तान से टेरर फंडिंग और हवाला नेटवर्क की साजिश में संलिप्त होने के शक में की गई थी। एनआईए ने अब तक टेरर फंडिंग और हवाला रैक्ट को लेकर कई अलगाववादी नेताओं और व्यापारियों के घर और उनके अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही जांच एजेंसी टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में कई अलगाववादी नेताओं को भी गिरफ्तार कर चुकी है।
अवलोकन करें:-
घाटी में टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में एनआईए ने अलगाववादी नेता मसरत आलम. शब्बीर शाह और आसिया अंद्राबी को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन अलगाववादी नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इन तीनों पर आरोप था कि इन्होंने आतंकवादी संगठन लश्कर- ए- तैयबा के चीफ हाफिज सईद के इशारे पर जम्मू- कश्मीर में टेरर फंडिंग को बढ़ावा दिया।
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