
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
प्रारम्भ से भाजपा के विरुद्ध स्पष्ट लिखता रहा हूँ, कि स्थानीय स्तर पर अधिकतर नेता प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे, मोदी और शीर्ष नेतृत्व की आँखों में धूल झोंक रहे हैं। अफ़सोस, किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। प्रमाण सामने है, एक तरफ मोदी-योगी-अमित पार्टी को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए किस तरह दिन-रात एक किए हुए हैं, वहीं इसके विपरीप स्थानीय नेता पार्टी की छवि को कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अभी सेंगर के घात से पार्टी उभर भी नहीं पायी कि नांगलोई नेता मनोज शौकीन का कांड सामने आ गया। क्या ऐसे लोगों को नेता कहा जा सकता है?
दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक मनोज शौकीन के खिलाफ अपनी ही बहू के साथ कथित रूप से बलात्कार और धमकी देने के लिए मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक पीड़िता बहू ने अगस्त 8 को बताया कि मनोज ने साल 31 दिसंबर 2018 और इसी साल 1 जनवरी की रात को बंदूक की नोंक पर उसके साथ बलात्कार किया और डराया-धमकाया। इसके बाद नांगलोई विधानसभा सीट से दो बार के पूर्व विधायक मनोज शौकीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 31 दिसंबर, 2018 को वह अपने पति, भाई और एक चचेरे भाई के साथ अपने मायके से चली आई और मीरा बाग इलाके में अपने ससुराल जा रही थी, लेकिन उसे घर ले जाने के बजाय उसका पति उसे पास के विहार इलाके के एक होटल में ले गया।
एफआईआर के अनुसार "जब हम होटल पहुंचे, तो मेरे कुछ रिश्तेदार पहले से ही नए साल का जश्न मनाने के लिए वहां मौजूद थे। पार्टी के बाद, हम 1 जनवरी को लगभग 12.30 बजे मीरा बाग में अपने ससुराल आ गए।मेरे पति अपने दोस्तों के साथ बाहर चले गए, जबकि मैं सोने चली गई।''
पुलिस ने कहा कि पीड़िता ने इसके बाद आरोप लगाया कि रात लगभग 1.30 बजे उसके ससुर ने उसे दरवाजा खोलने के लिए कहा क्योंकि वे उससे कुछ बात करना चाहते थे।
एफआईआर के अनुसार, "कमरे में आते ही उन्होंने मुझे गलत तरीके से छूना शुरू कर दिया। इसके बाद मैंने उन्हें सोने के लिए जाने को कहा क्योंकि वे शराब पिए हुए थे। लेकिन उन्होंने अपनी बंदूक निकाल ली, मुझे थप्पड़ मारा तथा जब मैंने शोर मचाने की कोशिश की तो उन्होंने मेरे भाई को जान से मारने की धमकी दी।इसके बाद उन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म किया। शुरुआत में शादी और अपने भाई को बचाने के लिए मैंने खुद को उनके खिलाफ शिकायत करने से रोक लिया।"
पीड़िता ने यह भी उल्लेख किया कि साकेत कोर्ट में क्राइम अगेंस्ट वीमेन (CAW) सेल में उसके ससुराल वालों के खिलाफ पहले से ही घरेलू हिंसा का मामला दर्ज है, जो उसने दिसंबर 2018 में अपनी शादी के तुरंत बाद दायर किया था।
पीड़िता ने एफआईआर में बताया "सीएडब्ल्यू सेल में इस साल 7 जुलाई को, मेरी मां और पिता को परेशान किया गया था। इस संबंध में साकेत पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है। बुधवार(अगस्त 8) को मैं घरेलू हिंसा मामले को लेकर और मेरे बयान को रिकॉर्ड करने के लिए सुरक्षा अधिकारी से मुलाकात करने साकेत कोर्ट पहुंची। संबंधित संरक्षण अधिकारी ने मुझे और मेरे परिवार की सुरक्षा का आश्वासन दिया। जिसके बाद मैंने अधिकारी और मेरे माता-पिता को अपनी दलील सुनाई।"
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