
इससे पहले अगस्त 16 को जाकिर नाईक ने एम कुलसेगरन की प्रेस रिलीज पर आपत्ति जताई थी, जिसका शीर्षक था 'जाकिर नाइक की उपस्थिति भारत में सभी मलेशियाई लोगों के लिए शर्मनाक है।' कुलसेगरन ने कहा था कि नाईक भगोड़ा है। भारत में उस पर गंभीर आरोप हैं। उसे मलेशिया के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है। उसे भारत को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाकिर जैसे लोग हमारे विविधता वाली संस्कृति में रहने के हकदार नहीं हैं। उसको स्थायी नागरिकता किसी भी शर्त पर नहीं दी जानी चाहिए।
Malaysia Human Resources Minister M Kulasegaran has told Zakir Naik (file pic) to "go ahead & file his defamation lawsuit", after Naik who is under investigation for making racially sensitive remarks demanded an apology from Kulasegaran yesterday: Malaysian Media pic.twitter.com/fSPF1GaYj7— ANI (@ANI) August 17, 2019
वहीं मलेशिया की मीडिया का कहना है कि पुलिस ने उस शख्स को पकड़ा है जिसने जोहान का सिर कलम करने की धमकी दी थी, जो नागरिक स्वतंत्रता वकील और लिम किट सियांग के राजनीतिक सचिव हैं। जोहान ने मलेशियाई सरकार को जाकिर नाइक के मलेशियाई स्थायी निवासी दर्जा को वापस लेने का सुझाव दिया था।
Police are believed to have caught the man who threatened to decapitate Syahredzan Johan, a civil liberties lawyer & the political secretary to Lim Kit Siang, after Johan suggested the Malaysian Govt withdraw Malaysian Permanent Residency of Zakir Naik: Malaysian Media https://t.co/XrnhN7lncF— ANI (@ANI) August 17, 2019
तीन साल पहले जाकिर नाइक को मलेशिया में स्थाई निवासी का दर्जा मिला था लेकिन देश में अल्पसंख्यक जातीय चीनी और हिंदू आबादी को लेकर विवादित बयान देने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
नाइक ने हाल ही में कहा था, 'भारत में मुसलमानों के मुकाबले हिंदुओं के पास 100 गुना ज्यादा अधिकार हैं, जो यहां अल्पसंख्यक श्रेणी में आते हैं। मलेशियाई हिंदू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं न कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का।'
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