
दैनिक जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार(सितम्बर 2) की सुबह 7 बजे कैंट रोड तिराहे पर एक युवक सड़क किनारे बैठ ड्राइंग बना रहा था। शक होने पर वहाँ घूम रहे कुछ युवकों ने उसे घेर लिया।
जानकारी मिलने पर मिलिट्री इंटेलीजेंस मौक़े पर पहुँची और युवक की तलाशी ली। उसके बस्ते से कंपास, नक्शे, मैप वगैरह मिले। उर्दू और हिंदी में अलग-अलग लिखी चीजे भी मिलीं और कुछ कोडवर्ड्स भी थे। मसलन, ‘जो टास्क दिया जाएगा वही काम करेंगे’
पूछताछ के दौरान उसने गुमराह करने की भी कोशिश की। कभी बदायूं जाने की बात कही, तो कभी दिल्ली। प्रत्यक्षदर्शियों के साथ सेना अधिकारी को भी ऐसा लगा जैसे उसकी हरकतें किसी प्रशिक्षित जासूस जैसी थी।

फोन किया गया तो असलम के पिता तैय्यब ने बताया कि वे बिहार के सीतामढ़ी के निवासी हैं। उनके बेटे की दिमागी हालत ठीक नहीं हैं। जिसका इलाज कराने के लिए वे बरेली पहुँचे थे। रात गुजारने के लिए वे फुटपाथ पर सोए थे और इसी दौरान उनका बेटा कहीं चला गया। जब बहुत ढूँढने पर वह नहीं मिला तो वे दिल्ली चले गए।
इसके बाद उसे कैंट थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। कहा जा रहा है कि पूछताछ में उसने अधिकारियों से कई भाषा में बात की, जो कि सामान्य नहीं हैं। उसके कई भाषाओं का जानकार होना और उसके बस्ते से मिले सामान के आधार पर उसकी सच्चाई पर सवाल बना हुआ है। अब पूरी जाँच के बाद ही तय हो सकेगा कि आखिर असलम हकीकत में बीमार है या फिर उसकी वास्तविकता छिपाने के लिए ये सारी कहानी गढ़ी गई है।(साभार)
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