
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने पहले संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर ज्यादा फोकस करते हुए भारत पर अनाप-शनाप आरोप लगाए। इसके बाद भारत ने 'राइट टू रिप्लाई' के अधिकार का उपयोग करते हुए इमरान खान के एक-एक दावे की पोल खोल दी। यूएन में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने इमरान के भाषण पर जवाब देते हुए उनसे कई सवाल भी किए।
#WATCH Vidisha Maitra, First Secretary MEA exercises India's right of reply to Pakistan PM Imran Khan's speech says, "Can Pakistan PM confirm the fact it is home to 130 UN designated terrorists and 25 terrorist entities listed by the UN, as of today?" pic.twitter.com/vGFQH1MIql— ANI (@ANI) September 28, 2019
Vidisha Maitra: This a country that has shrunk the size of its minority community from 23% in 1947 to 3% today&has subjected Christians,Sikhs,Ahmadiyas,Hindus,Shias, Pashtuns, Sindhis&Balochis to draconian blasphemy laws, systemic persecution, blatant abuse and forced— ANI (@ANI) September 28, 2019
conversions pic.twitter.com/aJHS0PSJCH
Vidisha Maitra: For someone who was once a cricketer and believed in the gentleman’s game, today’s speech bordered on crudeness of the variety that is reminiscent of the guns of Darra Adam Khel. https://t.co/AlnewWHdAc— ANI (@ANI) September 28, 2019
- क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि यह दुनिया की एकमात्र सरकार है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध आतंकियों को पेंशन प्रदान करती है?
- क्या पाकिस्तान के पीएम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध 130 आतंकवादी और 25 आतंकवादी संस्थाओं का घर है?
- इमरान खान को नियाजी संबोधित करते हुए मैत्रा ने कहा, 'हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आप इतिहास की अपनी संक्षिप्त समझ को ताजा करें। 1971 में अपने ही लोगों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा किए गए भीषण नरसंहार को न भूलें।'
- क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने देश को 27 में से 20 प्रमुख मापदंडों के उल्लंघन के लिए नोटिस पर रखा है? और क्या पीएम इमरान खान न्यूयॉर्क शहर से इनकार करेंगे कि वह ओसामा बिन लादेन के खुले समर्थक नहीं थे?
- यह एक ऐसा देश जिसने 1947 के अपने अल्पसंख्यक समुदाय को 23% से घटाकर 3% कर दिया और आज ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूचियों का जबरदस्त शोषण, जबरन धर्मांतरण और अपमान किया जा रहा है।
- इमरान को जवाब देते हुए मैत्रा ने कहा, 'भारत के नागरिकों को उनकी ओर से बोलने के लिए किसी और की आवश्यकता नहीं है, कम से कम उन सभी लोगों से जिन्होंने नफरत की विचारधारा से आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है।'

अवलोकन करें:-
- इमरान खान के भाषण पर निशाना साधते हुए भारत ने कहा, 'शायद ही कभी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस तरह के दुरुपयोग को देखा है। मंच का उपयोग गुमराह करने के लिए किया गया।'
- जब कूटनीति की बात आती है तो शब्द मायने रखते हैं। पोग्रोम, खून-खराबा, नस्लीय संहार, बंदूक उठाएं और 'अंत तक लड़ने' के लिए जैसे वाक्यांशों का आह्वान मध्ययुगीन मानसिकता को दर्शाता है न कि 21 वीं सदी की दृष्टि को।
- जिस तरह से इमरान खान परमाणु हमले की धमकी देते हैं वो एक राजनेता की नहीं अपरिपक्वता की निशानी है।
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