दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्टूबर 22 को कहा कि भाजपा के पास दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम राजनीति करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि आप ने स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर राजनीतिक विमर्श की दिशा को ही बदल दिया है। अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने दावा किया कि भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को वोट देंगे।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सदर बाजार में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा में कहा, ‘‘भाजपा के पास दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम राजनीति करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि हमने इस देश में राजनीति की दिशा को बदल दिया है और शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने भाजपा को स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर बात करने के लिए मजबूर किया है। यह बहुत बड़ी बात है।'' उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रत्येक निवासी को उनकी सरकार की नीतियों से लाभ हुआ है।
कौन कर रहा है हिन्दू-मुस्लिम राजनीति?
अब मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा जाए कि हिन्दू-मुस्लिम राजनीति कौन कर रहा है? विकासपुरी में डॉ नारंग की हत्या होने पर चुप्पी, अंकित सक्सेना की हत्या पर मौन और लाल कुआँ में मन्दिर तोड़े जाने और घर में घुसकर हिन्दू महिलाओं के साथ मार-पिटाई आदि घटनाओं पर मुँह में दही जमाकर बैठ जाते हैं, लेकिन किसी अखलक की मौत होते ही धर्म-निरपेक्षता याद आ जाती है, अब इसे हिन्दू-मुस्लिम राजनीती न कहा जाए तो क्या नाम दिया जाये, केजरीवाल जी? तुष्टिकरण पुजारी हिन्दू-मुस्लिम राजनीति से ऊपर उठ ही नहीं सकते। इन छद्दम धर्म-निरपेक्ष और समाजवादी को तो धर्म देखकर धर्म-निरपेक्षता और समाजवाद याद आता है
केजरीवाल जी और इनके समर्थक कपिल मिश्रा की इस वीडियो को भी सुन लें:-
राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों के रिडिजाइन को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की सड़कों को रिडिजाइन करके उन्हें इंटरनेशनल लेवल का बनाया जाएगा। इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत राजधानी की नौ सड़कों का चुनाव किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 45 किलोमीटर है।
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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सदर बाजार में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा में कहा, ‘‘भाजपा के पास दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम राजनीति करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि हमने इस देश में राजनीति की दिशा को बदल दिया है और शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने भाजपा को स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर बात करने के लिए मजबूर किया है। यह बहुत बड़ी बात है।'' उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रत्येक निवासी को उनकी सरकार की नीतियों से लाभ हुआ है।
कौन कर रहा है हिन्दू-मुस्लिम राजनीति?
अब मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा जाए कि हिन्दू-मुस्लिम राजनीति कौन कर रहा है? विकासपुरी में डॉ नारंग की हत्या होने पर चुप्पी, अंकित सक्सेना की हत्या पर मौन और लाल कुआँ में मन्दिर तोड़े जाने और घर में घुसकर हिन्दू महिलाओं के साथ मार-पिटाई आदि घटनाओं पर मुँह में दही जमाकर बैठ जाते हैं, लेकिन किसी अखलक की मौत होते ही धर्म-निरपेक्षता याद आ जाती है, अब इसे हिन्दू-मुस्लिम राजनीती न कहा जाए तो क्या नाम दिया जाये, केजरीवाल जी? तुष्टिकरण पुजारी हिन्दू-मुस्लिम राजनीति से ऊपर उठ ही नहीं सकते। इन छद्दम धर्म-निरपेक्ष और समाजवादी को तो धर्म देखकर धर्म-निरपेक्षता और समाजवाद याद आता है
एमएफ हुसैन ने जब हिन्दू भगवानो के अश्लील चित्र बनाये, तो उसको पदमश्री मिला, पदमभूषण मिला, विरोध हुआ तो क़तर की नागरिकता मिल गई,— Ravi Shankar (@RaviSha45067660) October 19, 2019
कमलेश तिवारी ने भी मुस्लिम धर्म के खिलाफ कुछ बोला दिया तो रासुका में जेल हुई, उसका गला काट दिया गया, शायद यही है दोगली धर्म निर्पेक्षिता pic.twitter.com/zQAxrq26Hp
केजरीवाल जी और इनके समर्थक कपिल मिश्रा की इस वीडियो को भी सुन लें:-
दिल्ली की 9 सड़कों की तस्वीर बदलेंगे अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि रिडिजाइन होने के बाद इन सड़कों से न केवल ट्रैफिक कम होगा, साथ ही ये अब से कहीं ज्यादा खूबसूरत भी दिखेंगी। इससे एक्सीडेंट में भी कमी आएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट में 8-10 करोड़ रुपए प्रति किलो मीटर के हिसाब से कुल 400 करोड़ की लागत आएगी।अवलोकन करें:-
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