
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने राम मंदिर पर अपने मालिकाना हक़ के दावों को छोड़ने के लिए अंतिम शर्त रखी है कि एएसआई के नियंत्रण में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनकी स्थिति की जाँच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट एक समिति बनाए। इन तीन शर्तों के साथ ही बोर्ड राम मंदिर मामले से पीछे हट गया है। हालाँकि, यहाँ ये बात बतानी ज़रूरी है कि मुस्लिम पक्ष में कुल 6 पार्टियाँ हैं जो बाबरी मस्जिद के लिए अदालती लड़ाइयाँ लड़ रही हैं, लेकिन सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के पीछे हटने से उन सब के लिए भी दबाव वाली स्थिति होगी।
#BREAKING | Sunni Wakf Board’s proposal:— News18 (@CNNnews18) October 16, 2019
-Giving up claim
-Places of Religious Worship Act 1991 be made watertight
-Govt should take over maintenance of around 22 mosques in Ayodhya.
-SC should form a committee to check into status of other religious places under ASI’s control. pic.twitter.com/0mDs50opp8
#RamMandir - #BabriMasjid: Constitution Bench assembles on Day 40 of the hearing.— Bar & Bench (@barandbench) October 16, 2019
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के नेताओं और साधु-संतों के बीच एक बैठक भी हुई, जिसमें इस फ़ैसले को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक में एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई गई। अयोध्या मामले में आज बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) को सुनवाई का अंतिम दिन है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले को और लम्बा खींचने के पक्ष में नहीं है क्योंकि नवम्बर में सीजेआई गोगोई रिटायर होने वाले हैं और वह उससे पहले इस मामले को निपटना चाहते हैं। मुस्लिम पक्ष ने कुछ दिनों पहले ही अदालत में कहा था कि सारी की सारी विवादित ज़मीन पर दावा नहीं छोड़ा जाएगा लेकिन अब सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने दावा छोड़ दिया है।
उधर राम मंदिर मामले की अदालती सुनवाई को लेकर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि आज शाम 5 बजे तक इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने सभी पक्षों को अंतिम दलील रखने के लिए समयावधि प्रदान की है, जिसके बाद सुनवाई समाप्त हो जाएगी।
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