महाराष्ट्र में आख़िरकार बनती दिख रही सरकार के आसार फिर खटाई में पड़ गए हैं। मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि उद्धव ठाकरे पूरे 5 साल महाराष्ट्र पर राज नहीं कर पाएँगे, क्योंकि सहयोगी एनसीपी ने भी ढाई साल अपने लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी माँग ली है। गौरतलब है कि शिवसेना (56) और एनसीपी (54) की सीटों में केवल 2 विधायकों का अंतर है।
गौरतलब है कि कल तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पाला बदल कर उनके साथ पहुँचे शरद पवार के भतीजे अजित पवार के इस्तीफ़े के बाद शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन के अंतर्गत सरकार बनाने की घोषणा की थी। यह भी दावा किया था कि विधानसभा चुनाव तक न लड़ने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस गठबंधन के सीएम होंगे।
इस बीच यह भी खबर आई थी कि भाजपा को गच्चा देने के बाद अजित पवार अपनी पार्टी में लौट भी गए हैं और ससम्मान स्वीकार भी हो गए हैं। मौजूदा खबरों में भी उनके डिप्टी सीएम बनाए जाने की बात सामने आ रही है। बहुत सम्भव है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार 2.5 साल सीएम पद की माँग में भी उन्हीं का नाम आगे बढ़ा दें।
सत्ता पर अपनी जकड़ सबसे मजबूत करने का एनसीपी का व्यूह शुरू से था। जब 13 मंत्रियों और एक डिप्टी सीएम के बदले स्पीकर पद से कॉन्ग्रेस के दावा छोड़ने की बात सामने आई थी तो उसी समय यह साफ़ था कि शक्ति-संतुलन के नाम पर एनसीपी यह पद शिवसेना से छीन कर अपने पास रखेगी। इसके अलावा एक डिप्टी सीएम उसका होना ही था। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री की कुर्सी भी उसने आधे समय के लिए छीन ही ली, तो उद्धव ठाकरे के लिए शिवसैनिकों को यह जवाब देना मुश्किल हो जाएगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से ‘वादाखिलाफी’ करने वालों के साथ किसी तरह का समझौता न करने के नाम पर बाहर होने वाली पार्टी को यूपीए में इतने समझौते करने के बाद हासिल क्या हुआ। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कल अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि भाजपा 2.5 साल सीएम के अलावा शिव सेना की हर शर्त पर 30 साल पुराने गठबंधन को बचाने के लिए राज़ी थी।
स्तम्भकार आनंद रंगनाथन ने इस खबर पर चुटकी लेते हुए इस प्रकरण के पहले शरद पवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बैठक की याद दिलाई।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के शपथ लेने से पहले कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा के स्पीकर पद पर दावेदारी से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस उद्धव कैबिनेट में 13 पद के लिए स्पीकर पद पर दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार हो गई है।
शुरुआत में कांग्रेस स्पीकर पद के लिए अड़ी थी। न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इनमें विजय नामदेवराव,यशोम्मती ठाकुर, नाना पटोले, वर्षा गायकवाड़, अमीन पटेल, अशोक चव्हाण, अमित देशमुख, विश्वजीत कदम, बंटी पाटिल और केसी पडवी आदि नेताओं के नाम शामिल हैं। वहीं चार अन्य कांग्रेस नेता राज्य मंत्री बनाए जाएँगे।
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार में स्पीकर पद एनसीपी के पास रहेगी। एनसीपी को कैबिनेट में भी उचित हिस्सेदारी मिलेगी। महाराष्ट्र में 43 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं। 2003 में हुए 91वें संवैधानिक संशोधन के अनुसार राज्य कैबिनेट में विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकते।
महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे में एक नया मोड़ उस वक़्त आया जब अजित पवार के समर्थन से सरकार बनाने वाले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। बता दें कि 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 105 सीटें है।
फडणवीस के इस्तीफे के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेता चुने गए। तीनों दलों के इस गठबंधन को महाविकास अघाड़ी नाम दिया गया है। उद्धव गुरुवार(नवम्बर 28) को मुंबई के शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। उनके साथ छह अन्य लोगों के भी शपथ लेने की संभावना है।
गौरतलब है कि कल तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पाला बदल कर उनके साथ पहुँचे शरद पवार के भतीजे अजित पवार के इस्तीफ़े के बाद शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन के अंतर्गत सरकार बनाने की घोषणा की थी। यह भी दावा किया था कि विधानसभा चुनाव तक न लड़ने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस गठबंधन के सीएम होंगे।
इस बीच यह भी खबर आई थी कि भाजपा को गच्चा देने के बाद अजित पवार अपनी पार्टी में लौट भी गए हैं और ससम्मान स्वीकार भी हो गए हैं। मौजूदा खबरों में भी उनके डिप्टी सीएम बनाए जाने की बात सामने आ रही है। बहुत सम्भव है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार 2.5 साल सीएम पद की माँग में भी उन्हीं का नाम आगे बढ़ा दें।
सत्ता पर अपनी जकड़ सबसे मजबूत करने का एनसीपी का व्यूह शुरू से था। जब 13 मंत्रियों और एक डिप्टी सीएम के बदले स्पीकर पद से कॉन्ग्रेस के दावा छोड़ने की बात सामने आई थी तो उसी समय यह साफ़ था कि शक्ति-संतुलन के नाम पर एनसीपी यह पद शिवसेना से छीन कर अपने पास रखेगी। इसके अलावा एक डिप्टी सीएम उसका होना ही था। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री की कुर्सी भी उसने आधे समय के लिए छीन ही ली, तो उद्धव ठाकरे के लिए शिवसैनिकों को यह जवाब देना मुश्किल हो जाएगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से ‘वादाखिलाफी’ करने वालों के साथ किसी तरह का समझौता न करने के नाम पर बाहर होने वाली पार्टी को यूपीए में इतने समझौते करने के बाद हासिल क्या हुआ। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कल अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि भाजपा 2.5 साल सीएम के अलावा शिव सेना की हर शर्त पर 30 साल पुराने गठबंधन को बचाने के लिए राज़ी थी।
स्तम्भकार आनंद रंगनाथन ने इस खबर पर चुटकी लेते हुए इस प्रकरण के पहले शरद पवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बैठक की याद दिलाई।
कांग्रेस को स्पीकर पद नहीं उद्धव कैबिनेट में चाहिए अपने 13 मंत्री😂😂.— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 27, 2019
That meeting. That Sharad had with Narendra.
A theorist has to be right every time, a conspiracy theorist only once. https://t.co/gThDW9KjG3
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के शपथ लेने से पहले कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा के स्पीकर पद पर दावेदारी से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस उद्धव कैबिनेट में 13 पद के लिए स्पीकर पद पर दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार हो गई है।
शुरुआत में कांग्रेस स्पीकर पद के लिए अड़ी थी। न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इनमें विजय नामदेवराव,यशोम्मती ठाकुर, नाना पटोले, वर्षा गायकवाड़, अमीन पटेल, अशोक चव्हाण, अमित देशमुख, विश्वजीत कदम, बंटी पाटिल और केसी पडवी आदि नेताओं के नाम शामिल हैं। वहीं चार अन्य कांग्रेस नेता राज्य मंत्री बनाए जाएँगे।
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार में स्पीकर पद एनसीपी के पास रहेगी। एनसीपी को कैबिनेट में भी उचित हिस्सेदारी मिलेगी। महाराष्ट्र में 43 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं। 2003 में हुए 91वें संवैधानिक संशोधन के अनुसार राज्य कैबिनेट में विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकते।
महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे में एक नया मोड़ उस वक़्त आया जब अजित पवार के समर्थन से सरकार बनाने वाले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। बता दें कि 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 105 सीटें है।
फडणवीस के इस्तीफे के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेता चुने गए। तीनों दलों के इस गठबंधन को महाविकास अघाड़ी नाम दिया गया है। उद्धव गुरुवार(नवम्बर 28) को मुंबई के शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। उनके साथ छह अन्य लोगों के भी शपथ लेने की संभावना है।
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