
एनसीपी ने भाजपा को सरकार बनाने का समर्थन दे दिया। इसके बाद राजभवन में देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर से महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर शपथ दिलाई गई। डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद अजीत पवार ने कहा कि चुनाव के रिजल्ट आने के बाद आज तक किसी ने भी सरकार नहीं बना पाई। महाराष्ट्र में किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।
महाराष्ट्र की राजनीति में यह एक बड़ा उलटफेर था जिसने सभी को आश्चर्य में डा दिया है। वैसे शरद पवार के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कही कोई राजनीतिक बदलाव न देखने को मिले। शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवींस ने कहा कि शिवसेना ने महाराष्ट्र के जनादेश का अपमान किया है और उसी की वजह से सरकार बनाने में देरी हुई। वहीं कल तक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने सरकार बनाने की बात कर रहे थे। सरकार बनाने को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नवम्बर 21 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की थी।
Fadnavis takes oath as Maharashtra CM; NCP's Ajit Pawar becomes Deputy CM— ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2019
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NCP's Ajit Pawar takes oath as Deputy CM,oath was administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan pic.twitter.com/e1wVtiGZJX— ANI (@ANI) November 23, 2019
सीएम पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में एक स्थिर सरकार की जरूरत है, किसी खिचड़ी सरकार की नहीं है। इसीलिये बीजेपी और एनसीपी साथ आए हैं। हम राज्य को एक स्थिर सरकार देंगे। जरूरत पड़ी तो विधानसभा में बहुमत भी साबित करेंगे। आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और 24 अक्टूबर को परिणाम आए थे।किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।Devendra Fadnavis after taking oath as Maharashtra CM again: People had given us a clear mandate, but Shiv Sena tried to ally with other parties after results, as a result President's rule was imposed. Maharashtra needed a stable govt not a 'khichdi' govt. pic.twitter.com/6Zmf9J9qKc— ANI (@ANI) November 23, 2019
यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले ही शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेताओं के बीच उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने को लेकर सहमति बनी थी। शुक्रवार (नवंबर 22, 2019) को कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच हुई साझा बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि शिवसेना सुप्रीमो उद्धव महाराष्ट्र के नए सीएम होंगे। पवार ने यह भी कहा था कि शनिवार (नवंबर 23, 2019) को भी बैठक प्रस्तावित है। मगर इस बीच महाराष्ट्र में बड़ी राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की माँग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।
अचानक हुए इस गठबंधन से यह बात स्पष्ट हो गयी है कि जनता को पागल और मुर्ख बनाने के लिए ही भ्रष्टाचार के मुद्दे उछाले जाते हैं, जिस अजित पवार के विरुद्ध घोटालों की जाँच चल रही थी, क्या अब निष्पक्ष जाँच संभव है या फिर इन्हे निर्दोष करार कर दिया जाएगा?
अचानक हुए इस गठबंधन से यह बात स्पष्ट हो गयी है कि जनता को पागल और मुर्ख बनाने के लिए ही भ्रष्टाचार के मुद्दे उछाले जाते हैं, जिस अजित पवार के विरुद्ध घोटालों की जाँच चल रही थी, क्या अब निष्पक्ष जाँच संभव है या फिर इन्हे निर्दोष करार कर दिया जाएगा?
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