
प्राप्त समाचारों के अनुसार, इस मामले में अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए गुमशुदगी के पीछे मानव तस्करी या अंग रैकेट के जांच के आदेश जारी किए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच के जज टीवी नवाडे और एसएम गवान्हे की पीठ ने ये टिप्पणी मनोज कुमार नामक शख्स की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान की। बता दें कि मनोज की पत्नी 2017 में शिरडी से लापता हुई थीं।इसके बाद से मनोज ने पत्नी को ढूढ़ने की काफी कोशिश की, लेकिन उनका पता तक नहीं चला।
औरंगाबाद कोर्ट ने कहा पिछले एक साल में शिरडी से 88 से अधिक लोग कथित रूप से लापता हुए हैं।इनमें से ज्यादातर वो लोग हैं जो मंदिर में दर्शन करने के लिए शिरडी पहुंचे थे। पीठ ने कहा कि गायब लोगों में कुछ का पता चला है, लेकिन कुछ का अभी तक पता नहीं चल सका है। जो लोग अभी भी लापता हैं उनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं। कोर्ट ने कहा जब कोई गरीब व्यक्ति गायब होता है तो उसके रिश्तेदार असहाय हो जाते हैं। ज्यादातार लोग पुलिस के पास तक नहीं पहुंच पाते हैं और बमुश्किल से ऐसे मामले अदालत तक पहुंच पाते हैं।
कोर्ट ने कहा, अभी तक के पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 88 से अधिक लोग गायब हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं के पीछे मानव तस्करी और अंगों का रैकेट हो सकता है। अदालत ने इस तरह सकी संभावनाओं को देखते हुए अमहदनगर के पुलिस अधीक्षक को जांच के लिए विशेष इकाई गठित करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि शिरडी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। यहां स्थित साईं मंदिर में देश-दुनिया के भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
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