समाजवादी पार्टी भले ही नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) का विरोध कर रही है, लेकिन पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने एक बार फिर से पार्टी लाइन से हटकर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप का समर्थन किया है।
उन्होंने ट्वीट कर NRC का समर्थन किया और साथ ही विरोध करने वालों पर भी सवाल उठाए हैं। अपने ट्वीट में अपर्णा यादव ने जामिया मिलिया, NRC बिल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और 16 दिसंबर के हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, “जो भारत का है उसे रजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है?”
अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी की सदस्य भी हैं और 2017 में पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। हालाँकि, NRC के मुद्दे पर अपर्णा यादव और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राय जुदा है। अखिलेश यादव ने NRC को डराने की राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में NRC की कार्रवाई की गई तो सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश छोड़ना पड़ेगा।
वैसे ये पहला मौका नहीं जब अपर्णा यादव ने मोदी सरकार के फैसले का खुला समर्थन किया हो। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा ने तीन तलाक कानून पर भी अपनी अलग राय रखी थी। सपा ने जहाँ इस कानून का विरोध किया था, वहीं अपर्णा ने इसका स्वागत किया था। तीन तलाक विधेयक पर अपर्णा ने एक ट्वीट कर अपनी सहमति जताई थी।
अपर्णा ने ट्वीट में लिखा था, “यह स्वागत योग्य कदम है। यह महिलाओं खासकर मुस्लिम महिलाओं को और मजबूती देगा। यह उन महिलाओं की तरफ ध्यान आकृष्ट करेगा जो लंबे समय से अन्याय सहती आ रही हैं।” इससे पहले अपर्णा यादव स्वच्छता अभियान आदि पर भी केंद्र सरकार का समर्थन कर चुकी हैं। यूपी में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के कुछ दिन बाद ही अपर्णा और उनके पति प्रतीक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई थी।
इससे पहले अपर्णा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक इफ्तार पार्टी में भी नजर आई थीं। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ली गई एक सेल्फी को शेयर करने के कारण भी अपर्णा काफी चर्चा में रही थीं।
उन्होंने ट्वीट कर NRC का समर्थन किया और साथ ही विरोध करने वालों पर भी सवाल उठाए हैं। अपने ट्वीट में अपर्णा यादव ने जामिया मिलिया, NRC बिल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और 16 दिसंबर के हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, “जो भारत का है उसे रजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है?”
अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी की सदस्य भी हैं और 2017 में पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। हालाँकि, NRC के मुद्दे पर अपर्णा यादव और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राय जुदा है। अखिलेश यादव ने NRC को डराने की राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में NRC की कार्रवाई की गई तो सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश छोड़ना पड़ेगा।
वैसे ये पहला मौका नहीं जब अपर्णा यादव ने मोदी सरकार के फैसले का खुला समर्थन किया हो। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा ने तीन तलाक कानून पर भी अपनी अलग राय रखी थी। सपा ने जहाँ इस कानून का विरोध किया था, वहीं अपर्णा ने इसका स्वागत किया था। तीन तलाक विधेयक पर अपर्णा ने एक ट्वीट कर अपनी सहमति जताई थी।
#AparnaYadav, the younger daughter-in-law of #SamajwadiParty patriarch #MulayamSinghYadav, has, once again, crossed the party line to announce her support to the #Centre's National Register of Citizens (#NRC).— IANS Tweets (@ians_india) December 16, 2019
Photo: IANS pic.twitter.com/zQAKuabtGS
#JamiaMilia #NRCBill #NRCProtest #AligarhMuslimUniversity #16December जो भारत का है उसे रेजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है ?!— Aparna Bisht Yadav (@aparnabisht7) December 16, 2019
अपर्णा ने ट्वीट में लिखा था, “यह स्वागत योग्य कदम है। यह महिलाओं खासकर मुस्लिम महिलाओं को और मजबूती देगा। यह उन महिलाओं की तरफ ध्यान आकृष्ट करेगा जो लंबे समय से अन्याय सहती आ रही हैं।” इससे पहले अपर्णा यादव स्वच्छता अभियान आदि पर भी केंद्र सरकार का समर्थन कर चुकी हैं। यूपी में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के कुछ दिन बाद ही अपर्णा और उनके पति प्रतीक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई थी।
इससे पहले अपर्णा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक इफ्तार पार्टी में भी नजर आई थीं। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ली गई एक सेल्फी को शेयर करने के कारण भी अपर्णा काफी चर्चा में रही थीं।
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