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पुलिस को ज़िंदा जलाने की कोशिश, जारी हुए दो वीडियो (साभार: ट्विटर) |
दरअसल, मेरठ पुलिस ने दंगाइयो के सिर पर ख़ून सवार होने से जुड़े दो ऐसे वीडियो जारी किए हैं, जिसमें यह साफ़तौर पर देखा जा सकता है कि वो किस तरह से दंगे के दौरान 30 पुलिसकर्मियों को ज़िंदा जलाने की कोशिश में थे। इन वीडियो को देखकर आप ख़ुद इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन के नाम पर दंगाई किस तरह से अपने ख़ौफ़नाक इरादों को अंजाम देने की फ़िराक में था, लेकिन वक़्त रहते उन्हें अपने इरादों में क़ामयाब होने से रोक लिया गया और सभी पुलिसकर्मियों को सुरक्षित बचा लिया गया।
अविश्वनीय..ख़तरनाक— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) January 2, 2020
तथाकथित प्रदर्शनकारियों ने मेरठ में 30 सुरक्षाकर्मियों को ज़िंदा जलाने की कोशिश की..2 को गोलियाँ भी लगी हैं।
मैडम प्रियंका वाडरा के नेतृत्व में कांग्रेस इन्हीं राष्ट्रविरोधी लोगों का केस लड़ने के लिये चंदा इकट्ठा कर रही है।@priyankagandhi देश देख रहा है सब👇 pic.twitter.com/O8lmuTha9n
#UttarPradesh police release 2 videos from #Meerut December 20 U.P. violence incident. The videos show police rescuing the team who were allegedly locked inside a building and set on fire.#UttarPradeshProtests #CAA_NRC_Protests pic.twitter.com/dzrtydN8Dd— Mirror Now (@MirrorNow) January 3, 2020
ख़बर के अनुसार, एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि घटना थाना लिसाड़ी की है, जब 20 दिसंबर (शुक्रवार) को जुमे की नमाज के लिए पुलिस और आरएएफ की ड्यूटी लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि क़रीब 30 पुलिसकर्मी एक दुकान में बैठे हुए थे, तभी एक षणयंत्र के तहत उपद्रवियों ने उन्हें इस दुकान के अंदर बंद कर दिया और फिर उन्हें ज़िंदा जलाने के मक़सद से दुकान को आग लगा दी।
दरअसल, 20 दिसंबर के दंगे की इस घटना की सूचना जब एसएसपी को लगी थी तो वो बिना देरी किए अपनी फ़ोर्स के साथ घटना-स्थल पर पहुँचे। वहाँ उपद्रवियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, इसी गोलीबारी में आरएएफ के दो जवान उपद्रवियों की गोली का निशाना बन गए। कड़ी मशक्कत के बाद दुकान के अंदर बंद पुलिस की टीम को आग से बचाया जा सका। इस गंभीर मामले पर मुक़दमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई जारी है। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने 13 मुकदमें दर्ज कर क़रीब 148 उपद्रवियों को नामजद किया और 500 से अधिक लोग अज्ञात हैं। पुलिस ने दंगे में शामिल उपद्रवियों की फोटो और वीडियो के आधार पर उनकी पहचान की है। साथ ही दंगाइयों के पोस्टर्स भी शहर भर में लगाए गए हैं।
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