
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जिस तरह नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध हो रहे धरने-प्रदर्शनों में "हिन्दू से चाहिए आज़ादी", "हिन्दू तेरी कब्र खुदेगी", "fuck Hindutva", "मोदी-योगी तेरी कब्र खुदेगी" आदि हिन्दू विरोधी नारों पर अपने लेखों में स्पष्ट रूप से लिखा था कि जिस तरह हिन्दू और हिन्दुत्व नारेबाजी हो रही है, और हिन्दू का संयम जवाब दे गया और इन नारों के विपरीत दूसरी तरफ से नारेबाजी होगी, उस स्थिति में क्या होगा? क्या विरोध के आयोजक देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं? जो प्राप्त समाचार के अनुसार सत्यापित होने के कगार पर पहुँच चुकी है। अगर विरोधियों को अपनी बात कहने की अभिव्यक्ति की आज़ादी है, फिर मधुर सिंह की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर इस्लामिक कट्टरपंथी मधुर सिंह क्यों धमकी दे रहे हैं? समय है कि सरकार किसी अनहोनी को होने से रोके।
अगर भारत में दूसरा कमलेश तिवारी दोहराया जाता है, तो इसके जिम्मेदार नागरिकता कानून के विरोध में हिन्दू विरोधी नारे लगवाने वाले आयोजक भी होंगे। क्योकि उकसाने का काम उनकी तरफ से हुआ है। क्यों नहीं हिन्दू विरोधी नारे तुरन्त रुकवाए गए? दूसरे प्रदर्शनों में सम्मिलित हिन्दू किस आधार पर यह सब सुनते और देखते रहे? क्या वह सब हिन्दू होने का स्वांग कर रहे हैं?
नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद देश में कई तथाकथित सेकुलरों और इस्लामिक कट्टरपंथियों का चेहरा उजागर हुआ। हिंदुओं के साथ हमेशा भाईचारे का दावा करने वाले खुलकर हिंदुत्व का विरोध करने लगे। सोशल मीडिया पर शांत लोगों को भी भड़काया जाने लगा। सीएए का समर्थन करने वालों लोगों को या तो भक्त या फिर हिंदू आतंकी करार दे दिया गया। इसी बीच पोस्टर्स के जरिए अक्सर देश से जुड़े राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों पर बोलने वाले प्लेकार्ड ब्वॉय मधुर सिंह को कमलेश तिवारी की तरह जान से मारने की धमकी मिली। इस धमकी की वजह अभी हाल ही में उनके द्वारा शरिया पर की गई एक टिप्पणी है।
दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर मधुर ने सीएए के विरोधी में बोल रही एक मुस्लिम लड़की का वीडियो शेयर किया था। जिसमें वे ट्रिपल तलाक जैसी चीजों का हवाला देकर एनडीए सरकार पर इल्जाम लगा रही थी कि सरकार उनके इस्लामिक कानून में दखलअंदाजी करने का प्रयास कर रही है। लेकिन मुसलमान इस्लामिक कानून के हिसाब से ही रहते हैं।


इस धमकी के बाद मधुर ने ये स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया और बाकी कट्टरपंथियों की प्रतिक्रिया भी देखने लगे। इसी बीच फरदीन नाम का मुस्लिम युवक मधुर को मैसेज में गाली-गलौच करने लगा और साथ ही उनके घर की महिलाओं पर भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
ऑपइंडिया से बातचीत में मधुर ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर बहुत सी धमकियाँ मिल रही हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर कुछ फीचर्स पर प्राइवेसी लगा रही ताकि उनकी स्टोरी या पोस्ट पर ऐसा कमेंट न आए। उन्हें लगता है कि कमलेश तिवारी वाली धमकी के बाद उन्होंने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया उससे इमाद के दोस्त उन्हें धमका रहे हैं या उन्हें ये भी आशंका है कि वो इमाद के ही फेक अकॉउंट हों। बता दें इमाद ने शायद अपना अकॉउंट डिएक्टिवेट कर दिया है।
मधुर के मुताबिक उनके इंस्टाग्राम पर ज्यादा फॉलोवर नहीं थे। लेकिन जब से उन्होंने सोशल मीडिया पर सीएए के समर्थन में पोस्ट करना शुरू किया उनके फॉलोवर अचानक से बढ़ गए और फिर जब से फॉलोवर बढ़े उन्हें उनके राजनैतिक विचारों के लिए जान से मारने की धमकियाँ दी जानें लगीं। मधुर ने बातचीत में यह भी बताया कि वे इस मामले पर एफआईआर दर्ज कराने की सोच रहे हैं।
मधुर के अनुसार ट्विटर पर तो उन्हें 12 जनवरी से ही लॉक किया हुआ है। वे वहाँ किसी तरह का ट्वीट नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए, क्योंकि बहुत सारे लोगों ने पिछले साल के ट्वीट्स की रिपोर्ट की थी। उनके मुताबिक पुलवामा हमले के बाद उन्होंने एक क्लिन द नेशन के नाम से एक शुरुआत की थी। जिसमें उन्होंने ईमेल अड्रेस मेंशन किया और लोगों ने उसे निजता का हनन बताकर रिपोर्ट कर दिया। हालाँकि उन्होंने आवाज उठाई, लेकिन कुछ भी फर्क़ नहीं पड़ा।
अवलोकन करें:-
मधुर सिंह के बारे में बता दें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं और उन्हें दोबारा चुनावों में लाने के लिए प्लेकार्ड कैंपेन की शुरुआत की। इस कैंपेन के दौरान पुरानी दिल्ली में मुस्लिम लोगों की भीड़ ने उन्हें एक बार घेर भी लिया था और साथ ही धमकी दी थी कि एक बार कांग्रेस को सत्ता में आ जाने दो, हम तुमको सबक सिखाएँगे।(एजेंसीज इनपुट्स सहित)
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