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अब पंजाब में भी कांग्रेस पर मंडला रहे संकट के बादल

राहुल गॉंधी, अमरिंदर सिंह
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
केंद्र में मोदी सरकार द्वारा लिए जा फैसलों से मोदी विरोधी जनता में जरूर रोष उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हों, लेकिन फैसलों ने कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों में एक भूचाल-सा ला दिया है। चाहे GST हो, तीन तलाक हो, अनुच्छेद 370 हो, नागरिकता संशोधक कानून हो,  पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद का भारत की धरती को बेगुनाहों के खून से लाल करने पर "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम से इस्लामिक आतंकवादियों का बचाव करना या फिर अत्याधिक तुष्टिकरण कर हिन्दुओं को अपमानित करना आदि। 
दूसरे, जिस तरह नागरिकता संशोधक कानून विरोध की आड़ में मोदी और योगी की कब्र खोदने जैसे नारों के साथ-साथ हिन्दुत्व विरोधी नारों से कांग्रेस और अन्य दलों के हिन्दुओं की सोंच में जो अंतर घर कर रहा है, उसे कोई वरिष्ठ नेता समझने में असमर्थ हो रहा है। बस नेता कोई न कोई बहाना कर पार्टी से अलग होने का मन बना रहे हैं। और अगर इस नब्ज को पढ़ भारतीय जनता पार्टी भुनाती है, तो उसका कसूर नहीं। 
आज देश में बदल रहे समीकरणों को समझ समस्त भाजपा विरोधियों को तुष्टिकरण को नकार समान अधिकार के मुद्दे को अपनाना होगा। मोदी सरकार को टक्कर देने के लिए जिन-जिन राज्यों में गैर-भाजपाई सरकारें हैं, उन्हें अपनी छद्दम हिन्दुवादी सोंच पर मंथन करना होगा। अब तुष्टिकरण का समय नहीं। धूमिल किये वास्तविक भारतीय इतिहास को मुखरित करना होगा, अन्यथा वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं, जब गैर-भाजपाई पार्टियां केवल चुटकी भर लोगों की पार्टियां बन हिन्दू-विरोधी के नाम से जानी जाएंगी। दंगाइयों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही पर केंद्र का उसी तरह साथ दें, जिस तरह युद्ध दिनों में दिया जाता है। सिर्फ चुनावों में कोट पर जनेऊ पहनने, हनुमान चालीसा पढ़ने, मंदिरों में माथा टेकना और यज्ञ करवाने आदि ढोंग को ख़त्म करना होगा। समय घटना-क्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। अंग्रेजी में एक कहावत है Eye or no Eye.  
मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड के बाद अब पंजाब कांग्रेस का मतभेद भी खुलकर सामने आ गया है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर मॅंडरा रहे संकट के बीच पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर के ख़िलाफ पार्टी नेताओं ने घेराबंदी शुरू कर दी है।
पंजाब से कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह ढुल्लो ने 7 अगस्त, 2020 को कहा कि अगर राज्य में पार्टी को बचाना है तो अमरिंदर और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके पदों से हटाना होगा।
इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर पार्टी आलाकमान ऐसा निर्णय नहीं लेता है, तो कांग्रेस का पंजाब में वही हाल होगा जो सिद्धार्थ शंकर राय (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री) के बाद पश्चिम बंगाल में हुआ था।
इससे पहले राज्यसभा के दोनों सदस्यों ने जहरीली शराब से मौत के लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार घेरा था। बाजवा और ढुल्लो ने राज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले में सीबीआई और ईडी से जाँच करवाने की माँग की थी। उन्‍होंने गृह जनपद में दो अवैध डिस्टिलरी चलने का आरोप लगाते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था फेल बताया था।
कैप्‍टन को हटाने के लिए कांग्रेस की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गाँधी से माँग तक कर डाली है। उन्होंने कहा कि अमरिंदर सरकार ने सही समय पर सख्त कदम नहीं उठाए। इसकी वजह से 100 से ऊपर लोगों की मौत हो गई है।
वहीं पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने जहरीली शराब मामले में राज्य सरकार की आलोचना करने पर बाजवा और ढुल्लो को तत्काल कांग्रेस से निष्कासित करने और अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई करने की माँग की थी।
कुछ महीने पहले मध्य प्रदेश में इसी तरह की स्थिति में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। ज्योदितारित्य सिंधिया की कांग्रेस में उपेक्षा से नाराज उनके समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
वहीं राजस्थान में सरकार बनने के बाद से ही उपेक्षा झेल रहे उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवर ने गहलोत सरकार को मुश्किल में डाल रखा है। सचिन पायलट के विद्रोह करने के बाद कांग्रेस के आलाकमान ने उन्हें उप मुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया। बावजूद कांग्रेस हाईकमान इस बगावत खत्म करने में असफल रही। कांग्रेस ने अपने विधायकों की होटल में घेराबंदी कर रखी है।
पिछले दिनों झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में उपेक्षा से परेशान कांग्रेस के नौ विधायकों ने आलाकमान से फरियाद लगाई थी। विधायकों ने दिल्ली पहुँच कर शिकायत की। राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के नेतृत्व में कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और उमाशंकर अकेला ने सोनिया गाँधी के सलाहकार अहमद पटेल और गुलाब नबी आजाद से गुहार लगाई थी।
विधायकों ने हाइकमान को आगाह किया था कि अगर इस मामले में कुछ एक्शन नहीं लिया जाता तो झारखंड में भी सरकार अस्थिर हो सकती है। दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की ओर से उन्हें शांत रहने की नसीहत दी गई थी।

जिन्ना की राह पर असददुद्दीन ओवैसी

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे और AIMIM के नेता वारिस पठान के 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ के बयान से असददुद्दीन ओवैसी की हकीकत सामने आ गई है। ओवैसी से सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर जिस मंच पर वो मौजूद थे उस मंच से एक लड़की ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे क्यों लगाए? इससे भी बड़ा सवाल ये है कि जब उनकी पार्टी के नेता वारिस पठान 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ का विवादित बयान दे रहे थे तो ओवैसी ने उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं की?
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान घृणा की राजनीति हो रही है। पात्रा ने AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी के मंच पर लगे ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। पात्रा ने सवाल किया कि पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाने वाले से तो माइक छीन लिया गया, लेकिन वारिस पठान के भाषण पर माइक क्यों नहीं छीना गया। उस वक्त भी मंच पर ओवैसी मौजूद थे। जब मंच के पीछे सिखाया जाता है, तो मंच के आगे हकीकत निकल जाती है।
बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, ‘ये लोग CAA के नाम पर लोगों में भ्रम फैला रहे हैं।इनके हाथ में संविधान है, लेकिन दिल में वारिस पठान है।’ 
सोशल मीडिया पर ये भी सवाल पूछे जा रहे हैं कि छोटी-छोटी बातों पर बयान और ट्वीट करने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आखिर वारिस पठान के जहरीले बयान पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। शाहीन बाग में स्टूडेंट्स की पिटाई के फेक Edited वीडियो पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार से सवाल किए लेकिन वारिस पठान के बयान पर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी दोनों चुप हैं। इसके साथ ही तथाकथित सेकुलर पत्रकारों ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
ऐसा नहीं है कि असदुद्दीन ओवैसी और AIMIM के नेताओं ने इस तरह के विवास्पाद बयान पहली बार दिए हैं। इससे पहले भी उसके नेता कई मौकों पर जहरीने बयान देकर देश को बांटने की कोशिश की है।
ओवैसी के मंच से लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे 
बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुई रैली में अमूल्या नाम की एक लड़की ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस रैली में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी भी थे। लड़की के ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। हालांकि AIMIM चीफ़ असदुद्दीन आवैसी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका उस लड़की से कोई लेना-देना नहीं है, उसे किसी ने नहीं बुलाया था।
100 करोड़ पर भारी हैं 15 करोड़
AIMIM के नेता वारिस पठान ने कर्नाटक के गुलबर्गा में जनसभा को संबोधित करते हुए बेहद विवादित बयान देते हुए कहा कि हम 15 करोड़ हैं और 100 करोड़ लोगों पर भारी हैं। पूर्व विधायक वारिस पठान ने जहर उलगते हुए कहा कि हमने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है। मगर हमको इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा। आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है, उसको छीन लिया जाता है। हमको कहा जा रहा है कि हमने अपनी मां और बहनों को आगे भेज दिया है। हम कहते हैं कि अभी सिर्फ शेरनियां बाहर निकली हैं, तो आपके पसीने छूट गए। अगर हम सब साथ में आ गए, तो सोच लो क्या होगा। हम 15 करोड़ ही 100 करोड़ लोगों पर भारी हैं। यह बात याद रख लेना।
15 मिनट में हिंदुओं को खत्‍म करने की धमकी 
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और एमआईएम के नेता व विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के अदीलाबाद के निर्मल इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “अरे हिन्‍दुस्‍तान, हिन्‍दुस्‍तान हम 25 करोड़ हैं न, तुम 100 करोड़ हो न। तुम तो हमारे से इतने ज्‍यादा हो, 15 मिनट के लिये पुलिस को हटा लो, बता देंगे, किसमें कितनी हिम्‍मत है। एक सौ क्‍या, एक हजार क्‍या, एक करोड़ नामर्द मिलकर भी कोशिश कर लें तो एक को भी पैदा नहीं कर सकते। ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकते।”
‘हमारे पूर्वजों ने किया 800 सालों तक शासन’ 
जनवरी 2020 को विवादित बयान देते हुए असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि किसी को भी डरने और घबराने की जरूरत नहीं है, हमको इनकी बातों में आने की जरूरत नहीं है। जो लोग पूछ रहे हैं कि मुसलमान के पास क्या है, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि तू मेरे कागज देखना चाहता है। मैंने 800 बरस तक इस मुल्क में हुक्मरानी और जांबाजी की है। ये मुल्क मेरा था, मेरा है और मेरा रहेगा। मेरे अब्बा और दादा ने इस मुल्क को चारमीनार दिया, कुतुब मीनार  दिया, जामा मस्जिद दिया। हिंदुस्तान का पीएम जिस लाल किले पर झंडा फहराता है उसे भी हमारे पूर्वजों ने ही दिया है।
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AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के पूर्व विधायक वारिस पठान द्वारा पिछले दिनों दिए गए एक विवादित बयान का विरोध थ....

शाहीन बाग़ : मंसूबे फेल होते देख भीड़ जुटाने के लिए उपद्रवियों ने दिया इश्तेहार

शाहीन बाग़ प्रदर्शन
उपद्रवियों ने की जुटने की अपील
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जब से शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरने का पैसे के लेन-देन का पर्दाफाश हुआ है, तब से धीरे-धीरे भीड़ पर फर्क होना शुरू हो गया है। कम होती भीड़ ने आयोजकों की चिंता बढ़ा दी है, उससे निजात पाने के लिए लोगों से भीड़ में जुटने की अपील की जा रही है। भीड़ कम होने का मुख्य कारण है, वहां से हिन्दुओं का कम होना। क्योकि जिस तरह वहां हिन्दू विरोधी नारे लग रहे थे, और जनता में भीड़ में शामिल होने वाले हिन्दुओं पर उछलती कीजड़ ने उनको दूर करना शुरू कर दिया है। उन हिन्दुओं की आड़ में अलगाववादी अपना खेल खेल रहे हैं और अराजकता फैलाई जा रही है।   
आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में पार्टी ने दावा किया है कि असामाजिक तत्व कुछ राजनीतिक दलों के संरक्षण में बड़ी हिंसा की तैयारी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसे सूत्रों से पता चला है कि रविवार (फ़रवरी 2, 2020) को बड़ी हिंसा की साज़िश रची जा रही है, जिसे क़ानून-व्यवस्था को अस्त-व्यस्त किया जा सके और दिल्ली में होने वाले चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाया जा सके।
आप ने चुनाव आयोग से दरख्वास्त की है कि वो दिल्ली पुलिस व अन्य एजेंसियों को निर्देश देकर तुरंत इस मामले की जाँच कराए, जिससे किसी भी प्रकार की आपराधिक साज़िश को रोका जा सके।
दरअसल, शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में कई इश्तेहार जारी किया है, जिसमें 2 फ़रवरी को प्रदर्शन के 50 दिन पूरे होने के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों से जमा होने को कहा गया है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि पिछले 50 दिनों में उनके ‘लोकतान्त्रिक और शांतिपूर्ण’ प्रदर्शन के दौरान उन्हें डराने-धमकाने और ख़तरे में डालने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनलोगों के ख़िलाफ़ गलतबयानी करते हुए घृणा फैलाई जा रही है। इन सबके लिए शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने भाजपा और हिन्दू सेना को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि शनिवार को एक व्यक्ति ने पिस्तौल लहराते हुए धरनास्थल पर फायरिंग की, जिससे बुजुर्ग महिलाओं व बच्चों को ख़तरा उत्पन्न हो गया है। प्रदर्शनकारियों की विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि हिन्दू सेना ने उन्हें जिहादी बताते हुए 2 फ़रवरी को उन्हें हटाने की योजना बनाई है। इस विज्ञप्ति में जामिया नगर में फायरिंग करने वाले नाबालिग का भी जिक्र किया गया है और दावा किया गया है कि हिन्दू महासभा उसे सम्मानित करेगी। दिल्ली चुनाव की बात करते हुए प्रदर्शनकारियों ने अपील की है कि 2 फ़रवरी को लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुटें और उनके प्रति मज़बूती से खड़े होने का सन्देश दें।

शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने अपने विरोध-प्रदर्शन को अहिंसक करार दिया। हिन्दू महासभा की धमकी, जामिया नगर फायरिंग और शाहीन बाग़ फायरिंग के नाम पर लोगों से भीड़ जुटाने की अपील की जा रही है। ये शाहीन बाग़ के उपद्रवियों की हताशा का भी परिणाम है, जिन्हें खुल कर किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं मिल रहा है और उसका सरगना शरजील इमाम देशद्रोह के आरोप में पुलिस के शिकंजे में है। ऐसे में, कहा जा रहा है कि शाहीन बाग के उपद्रवी विरोध-प्रदर्शन बंद करने का कोई न कोई बहाना ढूँढ रहे हैं।
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शाहीन बाग में गोली चलाने वाले कपिल ने किया था मायावती के लिए प्रचार शाहीन बाग में दिनदहाड़े गोली चलाने वाले कपिल न.....
जामिया नगर और शाहीन बाग़ में हुई फायरिंग की घटनाओं में कोई क्षति नहीं पहुँची है। दोनों ही घटनाओं में आरोपित अकेला था और पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद उसने अपना नाम-पता सब कुछ बताया। ऐसे कई संगठन हैं जो बिना बात भी धमकियाँ देते रहते हैं, लेकिन ग्राउंड पर उनका कोई असर नहीं होता। ऐसे में इन चीजों को बहाना बना कर इश्तेहारों के जरिए भीड़ जुटाने का प्रयास बताता है कि शाहीन बाग़ के उपद्रवियों के मंसूबे फेल हो चुके हैं।

शरिया कानून पर टिप्पणी सुन भड़के कट्टरपंथी, मधुर सिंह को दी कमलेश तिवारी की तरह मारने की धमकी

मधुर सिंह
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जिस तरह नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध हो रहे धरने-प्रदर्शनों में "हिन्दू से चाहिए आज़ादी", "हिन्दू तेरी कब्र खुदेगी", "fuck Hindutva", "मोदी-योगी तेरी कब्र खुदेगी" आदि हिन्दू विरोधी नारों पर अपने लेखों में स्पष्ट रूप से लिखा था कि जिस तरह हिन्दू और हिन्दुत्व नारेबाजी हो रही है, और हिन्दू का संयम जवाब दे गया और इन नारों के विपरीत दूसरी तरफ से नारेबाजी होगी, उस स्थिति में क्या होगा? क्या विरोध के आयोजक देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं? जो प्राप्त समाचार के अनुसार सत्यापित होने के कगार पर पहुँच चुकी है। अगर विरोधियों को अपनी बात कहने की अभिव्यक्ति की आज़ादी है, फिर मधुर सिंह की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर इस्लामिक कट्टरपंथी मधुर सिंह क्यों धमकी दे रहे हैं? समय है कि सरकार किसी अनहोनी को होने से रोके। 
अगर भारत में दूसरा कमलेश तिवारी दोहराया जाता है, तो इसके जिम्मेदार नागरिकता कानून के विरोध में हिन्दू विरोधी नारे लगवाने वाले आयोजक भी होंगे। क्योकि उकसाने का काम उनकी तरफ से हुआ है। क्यों नहीं हिन्दू विरोधी नारे तुरन्त रुकवाए गए? दूसरे  प्रदर्शनों में सम्मिलित हिन्दू किस आधार पर यह सब सुनते और देखते रहे? क्या वह सब हिन्दू होने का स्वांग कर रहे हैं?
नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद देश में कई तथाकथित सेकुलरों और इस्लामिक कट्टरपंथियों का चेहरा उजागर हुआ। हिंदुओं के साथ हमेशा भाईचारे का दावा करने वाले खुलकर हिंदुत्व का विरोध करने लगे। सोशल मीडिया पर शांत लोगों को भी भड़काया जाने लगा। सीएए का समर्थन करने वालों लोगों को या तो भक्त या फिर हिंदू आतंकी करार दे दिया गया। इसी बीच पोस्टर्स के जरिए अक्सर देश से जुड़े राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों पर बोलने वाले प्लेकार्ड ब्वॉय मधुर सिंह को कमलेश तिवारी की तरह जान से मारने की धमकी मिली। इस धमकी की वजह अभी हाल ही में उनके द्वारा शरिया पर की गई एक टिप्पणी है।
दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर मधुर ने सीएए के विरोधी में बोल रही एक मुस्लिम लड़की का वीडियो शेयर किया था। जिसमें वे ट्रिपल तलाक जैसी चीजों का हवाला देकर एनडीए सरकार पर इल्जाम लगा रही थी कि सरकार उनके इस्लामिक कानून में दखलअंदाजी करने का प्रयास कर रही है। लेकिन मुसलमान इस्लामिक कानून के हिसाब से ही रहते हैं।
लड़की का यह वीडियो शेयर करते हुए मधुर ने इस पर अपनी राय दे दी। उन्होंने लिखा कि यही कारण है कि आखिर क्यों ये लोग डरे हुए है और इतना हंगामा कर रहे हैं। ये जानते हैं कि मोदी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला है। जिससे, देश में शरिया लागू करने के इनके मंसूबों पर पानी फिर जाएगा।
अगर बात देश में अभिव्यक्ति की आजादी की है, तो मधुर की राय से किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन कट्टरपंथी फौरन ये टिप्पणी और शरिया शब्द देखकर मधुर को गाली देने लगे। इमाद नाम के शख्स ने उन्हें पर्सनल मैसेज किया कि अगर मुस्लिम शरिया लॉ फॉलो करते हैं, तो इसमें मधुर को क्या दिक्कत है। इतना बोलने के बाद ये मुस्लिम युवक मधुर को गाली देता है और धमकी देता है। इमाद लिखता है, “और वैसे तुम अपनी जान की परवाह करो, मुझे आशा है तुम्हें कमलेश तिवारी की तरह गला काटने की धमकियाँ न मिलती हों।”
इस धमकी के बाद मधुर ने ये स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया और बाकी कट्टरपंथियों की प्रतिक्रिया भी देखने लगे। इसी बीच फरदीन नाम का मुस्लिम युवक मधुर को मैसेज में गाली-गलौच करने लगा और साथ ही उनके घर की महिलाओं पर भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
ऑपइंडिया से बातचीत में मधुर ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर बहुत सी धमकियाँ मिल रही हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर कुछ फीचर्स पर प्राइवेसी लगा रही ताकि उनकी स्टोरी या पोस्ट पर ऐसा कमेंट न आए। उन्हें लगता है कि कमलेश तिवारी वाली धमकी के बाद उन्होंने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया उससे इमाद के दोस्त उन्हें धमका रहे हैं या उन्हें ये भी आशंका है कि वो इमाद के ही फेक अकॉउंट हों। बता दें इमाद ने शायद अपना अकॉउंट डिएक्टिवेट कर दिया है।
मधुर के मुताबिक उनके इंस्टाग्राम पर ज्यादा फॉलोवर नहीं थे। लेकिन जब से उन्होंने सोशल मीडिया पर सीएए के समर्थन में पोस्ट करना शुरू किया उनके फॉलोवर अचानक से बढ़ गए और फिर जब से फॉलोवर बढ़े उन्हें उनके राजनैतिक विचारों के लिए जान से मारने की धमकियाँ दी जानें लगीं। मधुर ने बातचीत में यह भी बताया कि वे इस मामले पर एफआईआर दर्ज कराने की सोच रहे हैं।
मधुर के अनुसार ट्विटर पर तो उन्हें 12 जनवरी से ही लॉक किया हुआ है। वे वहाँ किसी तरह का ट्वीट नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए, क्योंकि बहुत सारे लोगों ने पिछले साल के ट्वीट्स की रिपोर्ट की थी। उनके मुताबिक पुलवामा हमले के बाद उन्होंने एक क्लिन द नेशन के नाम से एक शुरुआत की थी। जिसमें उन्होंने ईमेल अड्रेस मेंशन किया और लोगों ने उसे निजता का हनन बताकर रिपोर्ट कर दिया। हालाँकि उन्होंने आवाज उठाई, लेकिन कुछ भी फर्क़ नहीं पड़ा।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जामिया, JNU से चले आजादी के नारे शाहीनबाग़ तक आते-आते इस्लामिक नारों, हिन्दू विरोधी नारों...
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मुनव्वर राणा, शेहला रशीद, आरफा खानम, राहत इंदौरी आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जो हिन्दू लोग आदम में यकीन नहीं करते क....
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार शाहीन बाग में 700-800 मीटर के अच्छे-खासे दायरे में पिछले डेढ़ महीने से 500 से अधिक मुस्लिम मह....
मधुर सिंह के बारे में बता दें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं और उन्हें दोबारा चुनावों में लाने के लिए प्लेकार्ड कैंपेन की शुरुआत की। इस कैंपेन के दौरान पुरानी दिल्ली में मुस्लिम लोगों की भीड़ ने उन्हें एक बार घेर भी लिया था और साथ ही धमकी दी थी कि एक बार कांग्रेस को सत्ता में आ जाने दो, हम तुमको सबक सिखाएँगे।(एजेंसीज इनपुट्स सहित)

केरल : ‘CAA का समर्थन करने पर हिंदुओं की पानी सप्लाई रोकी गई’

केरल पुलिस ने भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे के खिलाफ धर्म व जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई शोभा के 22 जनवरी को किए गए एक ट्वीट को लेकर की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि सीएए का समर्थन करने के कारण कुट्टीपुरम पंचायत के हिंदुओं के यहॉं पानी की सप्लाई रोक दी गई है।
मलप्पुरम के पुलिस प्रमुख अब्दुल करीम ने बताया, “भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए), 120, और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने भ्रामक और गलत जानकारी फैलाई और सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश की। वहाँ पर CAA पास होने से पहले से ही पानी की कमी थी।”

कर्नाटक की भाजपा सांसद ने अपने ट्वीट में दावा किया था कि केरल कश्मीर में तब्दील होता जा रहा है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि केरल दूसरा कश्मीर बनने जा रहा है। शोभा ने ट्वीट में एक तस्वीर शेयर की, जिसमें कुछ महिलाएँ एवं पुरुष पानी लेने के लिए टैंकर के पास खड़े हैं। शोभा का कहना है कि कुट्टीपुरम के हिंदुओं को पानी देने से इनकार कर दिया गया, क्योंकि उन लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सेवा भारती नाम के एक एनजीओ ने निवासियों के साथ हुए अन्याय के बारे में सुनकर कॉलोनी के घरों में पीने का पानी पहुँचाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने पूछा कि क्या लुटियन्स मीडिया इस असहिष्णुता को टेलीकास्ट करेगी?
जानकारी के मुताबिक केरल के मलप्पुरम जिले के कुट्टिपुरम में एक कॉलोनी के हिंदू निवासियों को पीने का पानी देने से वंचित कर दिया गया था और साथ ही उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सरकार का समर्थन करने के लिए मुस्लिम समूहों द्वारा बहिष्कार का भी सामना करना पड़ा था। बताया जा रहा है कि कॉलोनी के पास रहने वाला एक व्यक्ति हिंदू बहुल कॉलोनी के लोगों के लिए पीने के पानी की आपूर्ति करता था। मगर CAA का समर्थन करने के बाद कॉलोनी के हिंदुओं को पानी की आपूर्ति नहीं की गई।
जनगणना के आँकड़ों के मुताबिक जिले के लगभग 70% निवासी मुस्लिम हैं और इस घटना ने इन दावों को और मजबूत कर दिया कि सीएए के विरोध-प्रदर्शनों ने विशेष रूप से उन समाजों में सांप्रदायिक तनाव पैदा किया है जहाँ मुस्लिम समुदाय बहुमत में हैं। ट्विटर पर इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाने वाली भाजपा सांसद के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज किया है।
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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करना किसी को कितना महँगा पड़ सकता है, इसका उदाहरण कल एक बार फिर सोशल मीडिया के जरि....
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में हो रहे विरोध-प्रदर्शन अब सांप्रदायिकता का रूप ले रहे हैं। जब मुस्लिमों ने देश भर में सड़कों पर हिंसा फैलाने के बावजूद मोदी सरकार पर दबाव बनाने में असफल रहीं, तो उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन में हिंदू विरोधी और भारत विरोधी प्रचार का सहारा ले रहे हैं।

हिन्दू प्रतिमाएं खण्डित : क्या आंध्र प्रदेश में बाबर और तैमूर मुगलों की वापसी ?

आंध्र प्रदेश मंदिर
हनुमान, माँ दुर्गा, गणेश व साईं बाबा की मूर्तियों को तोड़ डाला गया
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जबसे मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को विश्व में बेनकाब किया, कश्मीर में पत्थरबाजों और छुपे हुए आतंकियों को ढूंढ-ढूंढ कर 72 हूरों के पास पहुँचाना, तीन तलाक और हलाला, अनुच्छेद 370 और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में राममन्दिर बनने इजाजत दी है, तभी से तुष्टिकरण पुजारियों की रातों की नींद और रोटी-पानी हराम होने पर जो सीनों में आग धधक रही थी, वह आग नागरिकता संशोधक कानून पारित होते ही फूटनी शुरू हो गयी है। अब यह आग कब बुझेगी कहना मुश्किल है। 
हाँ, जिस दिन हिन्दुओं के सब्र का पैमाना टूटेगा, उस स्थिति में क्या होगा? आखिर मुग़ल वंशज और जयचंदी कब तक विनाशकारी खेल खेलेंगे? नागरिकता कानून की आड़ में शैतानी ताकतें मुसलमानों को भड़का कर सामने आ रही हैं, नागरिकता कानून को बेगुनाह मुसलमानों को बलि का बकरा बनाकर खुद अपने बिलों में छुपकर बैठ रहे हैं, आखिर भारत सरकार कब तक हिन्दुओं और उनके देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित होते देखती रहेगी?
आखिर भारत सरकार, मुग़ल वंशज, जयचंदी, संविधान की दुहाई देने वाले,गंगा-यमुना तहजीब का राग रोने वाले, #intolerance, #mob lynching, #award vapsi और #not in my name गैंग हिन्दुओं की भावनाओं से कब तक खिलवाड़ करते रहेंगे?  
ऐसे में स्मरण आती है कपिल मिश्रा की यह वीडियो:

देश भर के कई मंदिरों में हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को विखंडित किए जाने की ख़बरें आती रहती हैं। कभी सांप्रदायिक हिंसा में मंदिरों को निशाना बनाया जाता है तो कभी प्राचीन मूर्तियों को हड़पने के लिए चोरी की जाती है। अब ऐसी ही एक ख़बर आंध्र प्रदेश से आई है। ये घटना आंध्र प्रदेश के काकीनाडा शहर में स्थित अग्रहारम इलाक़े की है। यहाँ सुरवारापु में स्थित बजरंग मंदिर में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ मचाई गई।
उक्त मंदिर सड़क किनारे खुली जगह में स्थित था। ये घटना मंगलवार (जनवरी 21, 2020) को हुई। जिस रास्ते में ये मंदिर स्थित है, वो रास्ता पीठापुरम शहर की ओर जाता है। जब बदमाशों ने पाया कि मंदिर में कोई नहीं है और आसपास का इलाक़ा सुनसान पड़ा है, तब उन्होंने मंदिर में घुस कर प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ की। माँ दुर्गा और भगवान गणेश की प्रतिमाओं के साथ तोड़फोड़ की गई। इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोगों में गुस्सा व्याप्त है।
जब स्थानीय लोगों ने सुबह में मंदिर व प्रतिमाओं को ऐसी स्थिति में देखा तो उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद घटनास्थल का दौरा किया और बदमाशों की तलाश में लग गई। विखंडित की गई प्रतिमाएँ सीमेंट की बनी हुई थीं। उन्हें तोड़ने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल किया गया। पुलिस का कहना है कि ये घटना देर रात की गई। सुबह पूजा करने गए श्रद्धालुओं ने सबसे पहले मंदिर में हुई तोड़फोड़ के बारे में स्थानीय लोगों को बताया। हनुमान और साईं बाबा की मूर्तियों को भी विखंडित कर दिया गया।


काकीनाडा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक पिल्ली अनंत लक्ष्मी सहित कई अन्य स्थानीय नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। धारा-427 (संपत्ति को नुकसान पहुँचाना) के तहत केस दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
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